नई दिल्ली@ गुमनाम लिफाफे को लेकर सुप्रीम कोर्ट हैरान

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किसने दाखिल किया, यह अब भी है रहस्य
कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे को लेकर दिया ये आदेश
नई दिल्ली,13 फरवरी 2025 (ए)।
छत्तीसगढ़ के नान घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय बनाम अनिल टुटेजा व अन्य के मामले में आरोपियों की जमानत रद्द करने की ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पीठ के समक्ष सीलबंद लिफाफे में गुमनाम रूप से दाखिल कुछ ‘गोपनीय नोटों’ पर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने रजिस्ट्रार (न्यायिक) को दोनों पक्षकारों के वकीलों के साथ इसका निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
स्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 2020 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा सहित कुछ आरोपियों को दी गई अग्रिम जमानत को चुनौती दी गई। आरोपियों पर नागरिक पूर्ति निगम (नान) के अधिकारियों द्वारा घटिया चावल की खरीद के लिए अवैध रूप से धन एकत्र करने में कथित संलिप्तता के लिए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप काफी अवैध कमाई हुई और व्यवस्थित रूप से जिलेवार संग्रह हुआ।
गोपनीय नोट पर जस्टिस ने की ये टिप्पणी
जस्टिस ओक ने कहा कि सीलबंद लिफाफे में कई दस्तावेज और एक ‘गोपनीय नोट’ प्राप्त हुआ, जिसमें विभिन्न रिकॉर्ड शामिल हैं। उन्होंने कहा दस्तावेजों का पहला पृष्ठ देखें- हमें नहीं पता (किसने भेजा)। किसी को इस रहस्य को सुलझाना होगा। यह निश्चित रूप से हमारे द्वारा दाखिल नहीं किया गया।टुटेजा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने भी स्पष्ट किया कि उनकी ओर से ऐसा कुछ भी दाखिल नहीं किया गया।गुमनाम रूप से दाखिल किए गए दस्तावेजों में 19 सितंबर, 2022 का पिछला आदेश भी शामिल था, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य को वर्तमान मामले से संबंधित दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में रखने और जजों के आवासीय अधिकारियों को प्रसारित करने की अनुमति दी गई।


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