कोरिया/पटना@रुझानों में पटना नगर पंचायत में भाजपा की बनती दिख रही है सरकार

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भाजपा प्रत्याशी गायत्री सिंह को 1400 से 1450तक मिल सकता है वोट
कांग्रेस प्रत्याशी को1100 से 1150मत मिलने का अनुमान
निर्दलीय प्रत्याशी रैशुंन कुरैशी को900 से 1000मत मिलने का अनुमान
बाकी के खाते में 250 से 300 मत जा सकते हैं…
-रवि सिंह-
कोरिया/पटना,12 फरवरी 2025 (घटती-घटना)।
नगरीय निकाय चुनाव 11 फरवरी को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया अब 15 फरवरी को परिणाम आने पर परिणाम से पहले जो रुझान आ रहे हैं उसमें कोरिया जिले के नवगठित नगर पंचायत पटना के चुनाव में भाजपा की सरकार बनती दिख रही है,यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला मतदान के दिन तक बन गया था पर इसके बावजूद अभी की स्थिति में जो रुझान आ रहे हैं उसमें भाजपा प्रत्याशी को 1400 से 1450 वोट मिलने का अनुमान है, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी श्रद्धा पांडे को 1000 से 1100 मत मिल सकते हैं, वहीं निर्दलीय प्रत्याशी जिन्होंने दोनों राष्ट्रीय पार्टी की नींद उड़ाकर रखी प्रत्याशी रेशुन कुरैशी को 900 से 1000 वोट मिलने अनुमान लगाया जा रहा है। वही बाकी निर्दलीय प्रत्याशी मिलकर 250 से 300 मत पा सकते हैं।
पटना नगर पंचायत का पहला चुनाव काफी रोचक रहा और प्रतिस्पर्धा काफी कड़ी नजर आई जहां एक समुदाय विशेष से निर्दलीय प्रत्याशी को समुदाय का एकतरफा समर्थन मिला लेकिन वहीं अन्य राष्ट्रीय दलों सहित निर्दलीय प्रत्याशियों को उक्त समुदाय न के बराबर समर्थन किया फिर भी मिल रहा रुझान राष्ट्रीय दल के पक्ष में है। भाजपा यहां बाजी मार सकती है यदि रुझान सही साबित हुए। किंतु परन्तु हर चुनाव में रहता है और स्थानीय निकाय या पंचायत के चुनाव काफी अंदरूनी व व्यक्तिगत मसलों और संबंधों पर टीका रहता है जिसकी वजह से अंत तक एकदम कुछ कहना या अनुमान का बिल्कुल सटीक उतरना जरूरी नहीं होता है, वहीं पटना के मामले में अनुमान सही ही साबित हो जाए बिल्कुल ऐसा सही नहीं है लेकिन जनता और चौक चौराहों का समीकरण और वहां से मिल रही जानकारी भाजपा के लिए अच्छी खबर बनकर निकलती सुनी जा रही है। भाजपा ने जहां नए जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में विधायक के साथ सामंजस्य स्थापित कर यह चुनाव लड़ा वहीं कांग्रेस पार्टी बिखरी नजर आई और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अकेले इस चुनाव में स्थानीय स्तर से डटे रहे अन्य बड़े नेताओं ने कांग्रेस के ने उनका साथ दिया जरूर लेकिन पूर्व विधायक ने पूरे चुनाव से दूरी बनाए रखी। वैसे माना जा रहा है कि पूर्व कांग्रेस विधायक ने चुनाव से दूरी मात्र इसलिए बनाकर रखी जिससे निर्दलीय प्रत्याशी पर कोई लगाम लगाने उन्हें प्रयास न करना पड़े क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी उनका बिल्कुल करीबी चुनाव मैदान में शामिल था। अब परिणामों के बाद समीक्षा होगी जब जितने वाला और हारने वाला अपनी अपनी समीक्षा करने बैठेंगे। वैसे जितने वाला अपने जश्न में मशगूल हो जाएगा और हारने वाला अपने हार की समीक्षा करेगा। इधर दोनों राष्ट्रीय दलों के लिए यह चुनाव काफी कुछ पाने और खोने वाला होगा जो जीत जाएगा वह पायेगा और हारने वाला पछताएगा वैसे पटना कांग्रेस का गढ़ रहा है और रुझानों में कांग्रेस का बढ़त बनाते न दिखना कांग्रेस के लिए चिंताजनक है।
मतदान के दूसरे दिन आराम करते दिखे प्रत्याशी
मतदान के दूसरे दिन आराम करते नजर आए सभी प्रत्याशी दो हफ्तों की दौड़ भाग के बाद प्रत्याशियों का आराम करने का दृश्य इस तरह नजर आया कि कोई प्रत्याशी नगर में दौड़ता भागता नजर नहीं आया बशर्ते समीक्षा करता वह अपने अपने घर में ही बैठा नजर आया। प्रत्याशियों की दिलों की धड़कन बढ़ी हुई है और सभी अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। प्रत्याशियों के दावों पर तब मुहर असली लगेगी जब परिणाम उनके पक्ष में आयेगा। वैसे नगरवासियों ने भी काफी गणित लगाया है और कईयों ने सोशल मीडिया पर भी अपना आंकलन पोस्ट किया है
प्रत्याशियों में परिणाम को लेकर चिंता बनी हुई
प्रत्याशी परिणाम को लेकर जहां आश्वस्त हैं वहीं चिंतित भी हैं। प्रत्याशियों का अपना आंकलन यदि जीत का है तो वहां वह आश्वस्त हैं लेकिन दूसरे के आश्वस्त होने से वह डरे हुए हैं। सभी की धड़कने बढ़ी हैं और सभी पल पल अपने लिए कागज कलम निकालकर आंकड़ा बैठाते नजर आ रहे हैं।
पटना नवीन नगर पंचायत अध्यक्ष पद की प्रथम कुर्सी किसकी होगी
भाजपा के 5 से 6 पार्षद कांग्रेस के 4 से 5 पार्षद और निर्दलीय 4 से 5 पार्षद

पटना में पार्षदों की बात की जाए तो भाजपा को 5 से 6 पार्षद मिल सकते हैं वह भाजपा प्रत्याशी जो चुनावी मैदान में पार्टी की तरफ से पार्षद बनने लड़ाई लड़ रहे थे उनमें से 5 से 6 भाजपा के हो सकते हैं। इसी तरह कांग्रेस 4 से 5 पार्षद अपने नगर पंचायत भेज पा रही है वहीं निर्दलीय पार्षद 5 से 4 नगर पंचायत पहुंच सकते हैं। कुल मिलाकर भाजपा कांग्रेस सहित निर्दलीय किसी भी नगर सरकार के लिए उसके पास न्यूनतम समर्थन करने वाले पार्षद मौजूद होंगे वहीं उपाध्यक्ष किसका होगा यह आगे दिलाने वाली बात होगी।
उपाध्यक्ष पद के लिए होगी लंबी लड़ाई
उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा कांग्रेस सहित निर्दलीय सभी मैदान में नजर आयेंगे यह समझ में आने लगा है। अब कौन कौन पार्षद चुनाव जीतकर आता है किस दल से कितने और कितने निर्दलीय से जीतकर आते हैं यह भी मायने रखेगा उपाध्यक्ष पद के लिए। भाजपा से 6 नंबर वार्ड के प्रत्याशी उपाध्यक्ष बनने के लिए ही पार्षद की रेस में हैं और यदि भाजपा के निर्णायक पार्षद आते हैं जीतकर तो 6 नंबर के ही पार्षद उपाध्यक्ष होंगे वहीं यदि कांग्रेस से बात की जाए तो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के भतीजे का नाम सबसे आगे है उपाध्यक्ष पद के लिए वैसे उनकी जीत के बाद ही उनका उपाध्यक्ष बनने का मार्ग प्रशस्त होगा। निर्दलीय पार्षदों प्रत्याशियों में से भी कई ऐसे हैं जिन्हें उपाध्यक्ष पद की लालसा है और वह अपनी पार्षद पद की जीत का इंतजार कर रहे हैं और जीत दर्ज होते ही वह अपनी मंशा सामने रखने वाले हैं। वैसे भाजपा कांग्रेस से उपाध्यक्ष पद का प्रत्याशी कौन हो सकता है यह तय है लगभग
चुनाव में संबंध भी हुए खराब
चुनाव में आपसी संबंध भी खराब हुए हैं।वैसे अच्छा यह रहा कि लड़ाई झगड़ा इस चुनाव में नहीं हुआ। और इसके पीछे सबसे आ अहम भूमिका राष्ट्रीय दलों के नेताओं कार्यकर्ताओं की रही।निर्दलीय प्रत्याशियों ने माहौल को तनावपूर्ण बनाया जरूर लेकिन राष्ट्रीय दल के नेताओं ने संयम दिखाया और उन्होंने तनाव से और विवाद से दूर रहने का निर्णय लिया।


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