Breaking News

पेरिस/नई दिल्ली@भारत दुनिया का सबसे बड़ा एआई टैलेंट हब

Share

एआई एक्शन समिट में बोले पीएम मोदी-एआई को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना जरूरी…

पेरिस/नई दिल्ली,11 फरवरी 2025 (ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार पेरिस में आयोजित एआई एक्शन समिट को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पारदर्शी और जिम्मेदार विकास पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई तकनीक को ओपन सोर्स सिस्टम के माध्यम से डेवलपे किया जाना चाहिए, जिससे इसकी पारदर्शिता बढ़े और सभी देशों को इसका समान लाभ मिले।
मोदी ने कहा, एआई के विकास में नैतिकता और जिम्मेदारी का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। एआई के कारण कई नए रोजगार क्षेत्र विकसित होंगे, इसलिए हमें लोगों को स्किलिंग और री-स्किलिंग पर ध्यान देना होगा। भारत इस दिशा में बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है ताकि एआई युग के लिए कार्यबल तैयार किया जा सके।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा एआई टैलेंट पूल है। भारत ने कम लागत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रख्र तैयार किया है और डेटा एम्पावरमेंट के जरिए लोगों को सशक्त बनाया है। यह विजन भारत के राष्ट्रीय एआई मिशन की नींव है। भारत ने डिजिटल अर्थव्यवस्था में मजबूती से कदम बढ़ाया है और आज ग्लोबल साउथ के देशों के लिए एक प्रेरणा बन चुका है। भारत ने डिजिटल पब्लिक गुड्स को बढ़ावा दिया है और एआई तकनीक को सभी के लिए आसान बनाने पर जोर दिया है।
ओपन सोर्स सिस्टम पर पीएम मोदी का जोर
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ओपन सोर्स सिस्टम को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने बताया कि इससे न केवल तकनीक की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि यह सुनिश्चित होगा कि एआई का विकास वैश्विक समुदाय के हित में हो। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस दिशा में मजबूत कदम उठा रहा है और आने वाले वर्षों में एआई के नैतिक और पारदर्शी उपयोग पर काम करेगा।
एआई से नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे
पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज की जरूरत बन चुका है। इसका भविष्य उज्जवल है। कुछ लोग मशीनों की बढ़ती ताकत से डरते हैं, लेकिन इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। तकनीक ने हमेशा मानवता की सेवा की है और आगे भी करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा,एआई से नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे और रोजगार के स्वरूप में बदलाव आएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से एआई में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसमें नैतिकता, पारदर्शिता और सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है।
एआई को लेकर वैश्विक सहयोग की जरूरत
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समिट के मंच से वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई सिर्फ एक देश या कंपनी तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसका फायदा सभी देशों और समाज के सभी वर्गों तक पहुंचना चाहिए। पीएम मोदी ने विकसित देशों से आग्रह किया कि वह एआई टेक्नोलॉजी को खुला और सुलभ बनाने में मदद करें।पीएम मोदी ने कहा कि एआई केवल तकनीकी विकास तक सीमित नहीं है। यह समाज के हर वर्ग के जीवन को बेहतर बनाने में सक्षम है। एआई के जरिए शिक्षा को और ज्यादा असरदार बनाया जा सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा सकता है। कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।
एआई के लिए भारत बना ग्लोबल रोल मॉडल
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया है कि कैसे कम लागत में मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रख्र तैयार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि भारत एआई तकनीक को अपनाने और डेटा प्राइवेसी के मामले में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। भारत ने अपने नागरिकों की डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और इसके लिए मजबूत नीतियां बनाई हैं। एआई को सुरक्षित और न्यायसंगत बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बेहद जरूरी है।
नैतिकता और एआई सुरक्षा पर जताई चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने एआई के दुरुपयोग को लेकर भी चिंता जाहिर की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर एआई तकनीक को बिना किसी नियम-कानून के विकसित किया गया, तो यह समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में यह भी जरूरी है कि एआई सुरक्षा मानकों को मजबूत किया जाए।


Share

Check Also

अयोध्या@राम मंदिर में आज से बदलेंगे प्रवेश एवं बर्हिगमन के नियम

Share अयोध्या,02 मार्च 2025 (ए)। रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की …

Leave a Reply