- प्रत्याशियों ने खुद डाला वोट,नगरवासियों से भी वोट डालने की सोशल मीडिया पर अपील।
- नगर पंचायत पटना में हुआ करीब 85 प्रतिशत मतदान।
- कलेक्टर सहित जिला प्रशासन के तमाम आलाधिकारी मतदान केंद्रों पर रखे थे नजर।
- पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी से शांतिपूर्ण निपटा चुनाव।
- मतदान कर्मियों ने निभाई बेहतर जिम्मेदारी।
- बुजुर्ग और युवा उत्साह के साथ मतदान में लिया भाग।
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-रवि सिंह-
कोरिया/पटना,11 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। पटना नगर पंचायत के पहले चुनाव के लिए मंगलवार 11 फरवरी को मतदान सम्पन्न हो चुका है और सभी अध्यक्ष सहित पार्षद पद के प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। अब मतगणना 15 फरवरी को होगी और यह तय होगा परिणाम आने पश्चात की कौन पटना नगर का पहला अध्यक्ष बन पाएगा। वैसे नगर पंचायत पटना के अध्यक्ष सहित 15 वार्डों के पार्षद पद के लिए कई लोगों ने अपनी किस्मत आजमाई है और सभी अपनी अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं और अंततः जीत किसकी होगी यह तो 15 फरवरी को ही तय हो सकेगा जब ईवीएम से मतगणना उपरांत परिणामों की घोषणा होगी। नगर सरकार के अध्यक्ष पद के लिए 5 उम्मीदवारों ने किस्मत अपनी आजमाई है जिसमें सत्ताधारी दल से निवर्तमान सरपंच उम्मीदवार हैं वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से खुद प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष की साख दांव पर लगी है क्योंकि प्रत्याशी का चयन उन्होंने किया है और प्रत्याशी को जीत दिलाने की उन्होंने संगठन को गारंटी दी है। वैसे एक निर्दलीय ने समीकरण को त्रिकोणीय बना दिया है जिसके मैदान में रहते हुए परिणाम किस करवट बैठेगा अभी इसको लेकर कोई स्पष्ट बयान देने तैयार नहीं है। निर्दलीय ने एक तरह से दोनों ही दलों को परेशान कर रखा था पूरे चुनाव के दौरान।
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ये रहा मतदान का आंकड़ा
आज नगर पंचायत पटना में सुबह 10 बजे तक 364 पुरुष एवं 210 महिला मतदाताओं ने मतदान में भाग लिया था यानी 13 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो बढ़कर दोपहर 12 बजे तक 51 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान की गति दोपहर 2 बजे को देखने को मिली इस समय तक 3104 मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया यानी 72 प्रतिशत मतदान हो गया। आखिरी समय शाम 5 बजे तक कुल पुरुष मतदाता 2099 और 2199 महिला मतदाताओं में से 1794 पुरूष मतदाताओं, 1858 मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिए। यानी नगर पंचायत पटना में पुरूष मतदान की प्रतिशत 85.47 प्रतिशत रहा जंबकि महिला मतदान का प्रतिशत 84.49 प्रतिशत रही इस तरह नगर पंचायत पटना में 84.97 प्रतिशत मतदान हुआ।
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भाजपा अपनी प्रत्याशी की विरोधी लहर को स्वीकार करते हुए प्रचार की कमान जिलाध्यक्ष सहित विधायक ने थामे रखा
भाजपा ने चुनाव को काफी गंभीरता से लिया और अपनी प्रत्याशी की विरोधी लहर को स्वीकार करते हुए प्रचार की कमान जिलाध्यक्ष सहित विधायक ने थामे रखा, स्थानीय बड़े नेताओं में से एक अपने ही वार्ड के प्रचार के व्यस्त रहे और उन्होंने अध्यक्ष प्रत्याशी के लिए कोई समर्थन मत स्वरूप जुटाने का प्रयास नहीं किया अपने लिए ही वह जीत तलाशते रहे जबकि जिलाध्यक्ष और विधायक को जहां प्रत्याशी को लेकर व्याप्त विरोधी लहर के साथ नगर के बड़े नेताओं का भी विरोध झेलते हुए प्रचार करना पड़ा। कुल मिलाकर भाजपा के बड़े नेताओं का भी नगर में विरोध भाजपा नेताओं को झेलना पड़ा। जिलाध्यक्ष भाजपा ने पूरी ताकत अपनी समय के साथ झोंके रखी विधायक भी दिन रात एक किए रहे और अब सभी परिणाम को लेकर इंतजार में हैं। वैसे भाजपा के पक्ष में परिणाम आया तो जिलाध्यक्ष और विधायक की मेहनत को श्रेय जायेगा वहीं यदि विपरीत परिणाम आया स्थानीय नेताओं का विरोध काफी हद तक जिम्मेदार माना जायेगा।
कांग्रेस से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने झोकी ताकत पर कांग्रेस के बागी ने बढाई पेशानी
कांग्रेस के भी जिलेभर के नेताओं ने दिन रात पटना में डेरा डाले रखा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के खास ने तो पटना को छोड़ा ही नहीं चुनाव भर। बैकुंठपुर सहित जिले के हर जगह से कांग्रेस नेताओं की फौज पटना में डेरा डाले रही और उन्हें भी अब अपेक्षित परिणाम की अपेक्षा है। कांग्रेस नेताओं ने पूरा दमखम लगाया और कोई जिले का नेता आराम से नहीं बैठा पूर्व विधायक के अलावा,यदि पार्टी चुनाव हारी तो पूर्व विधायक की कमी को लेकर भी प्रश्न उठेंगे क्योंकि वह क्यों नहीं शामिल हुई प्रचार में यह एक बड़ा सवाल होगा। कांग्रेस से बागी होकर अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारने वाले रियाज कुरैशी की यदि जीत हुई तो उनकी जीत नाराजगी का लाभ भी मिलना माना जाएगा जो अन्य के प्रति नाराजगी के कारण उन्हें मिली होगी,वैसे उनकी मेहनत और उनकी प्रबंधन क्षमता को लेकर भी यह कहना सही होगा कि अकेले के दम पर उन्होंने वह कर दिखाया जो बड़े राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर नहीं हासिल किया। वैसे रियाज कुरैशी को लेकर यह भी एक अफवाह है कि एक समुदाय विशेष से उनका समझौता हुआ और वह समुदाय उनके साथ अंदर से एकजुट हुआ और वही उनकी सफलता है।
मतदान प्रतिशत में कमी भाजपा के लिए नुकसान
मतदान प्रतिशत में कमी भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। भाजपा के कई वार्ड पार्षद चुनाव हार सकते हैं। अब देखना है यह आंकलन कितना सही साबित होता है। मतदान प्रतिशत और बढ़ता तो कई पार्षद प्रत्याशी भाजपा के जीत जाते यह माना जा रहा है।
निर्दलीय प्रत्याशी किसके झोली से छीनेगी जीत?
निर्दलीय प्रत्याशी खुद जीत अपनी सुनिश्चित करती है कि किसी की झोली से जीत वह छीनने की वजह बनती हैं यह देखने वाली बात होगी।
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6 नंबर वार्ड के प्रत्याशी को जितवाने के लिए भाजपाइयों सहित समाज के लोगों ने झोंकी ताकत
पटना का वार्ड पार्षद का चुनाव सबसे हाई प्रोफाइल वार्ड क्रमांक 6 में माना गया। यहां भाजपा के कद्दावर नेता मैदान में थे जिन्होंने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए अध्यक्ष पद की प्रत्याशी के लिए भी समय नहीं देना मुनासिब समझा।वार्ड क्रमांक 6 से भाजपा के पार्षद पद के प्रत्याशी अपने लिए ही इतने व्यस्त चिंतित रहे कि उन्होंने अध्यक्ष को एक तरह से अकेले छोड़ दिया।उनके ही चुनाव में उनके लोग उनका समाज और उनके परिवार सहित वार्ड के लोग उलझे रहे अध्यक्ष को लेकर उनकी चिंता न के ही बराबर रही। पार्षद प्रत्याशी ने अपनी जीत को ही महत्व दिया और पार्टी के लिए अध्यक्ष पद के लिए उन्होंने कोई तनाव लेना अस्वीकार करके ही रखा।
चुनाव संपन्न करने में उनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
नगरीय निकाय निर्वाचन 2025 के तहत नगर पंचायत पटना में 15 केन्द्रों में मतदान निर्धारित समय सुबह 8 बजे से ही शुरू हो गया था। मतदाता घर से निकलकर मतदान करने पहुंच रहे थे और सेल्फी भी ले रहे थे। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती चन्दन त्रिपाठी सुबह से ही नगर पंचायत पटना के स्ट्राँग रूम, आदर्श मतदान केंद्र सहित विभिन्न मतदान केंद्र पहुंचकर जायजा भी लिए। वहीं पर्यवेक्षक श्रीमती यामिनी पांडेय गुप्ता भी मतदान केन्द्र पहुंचकर व्यवस्था का जायजा ली और मतदान अधिकारियों को दिशा निर्देश देते रहे। इसके अलावा जिले के उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री डी.डी.मंडावी, रिटर्निंग अधिकारी श्री उमेश पटेल, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक श्री पंकज पटेल, एसडीएम बैकुंठपुर श्रीमती दीपिका नेताम, सहायक रिटर्निंग अधिकारी श्री प्रतीक जायसवाल सहित अनेक अधिकारी मौजूद रहकर प्रत्येक मतदान केंद्रों पर निगरानी रखे हुए थे।
कांग्रेस साइलेंट वोटरों के भरोसे
कांग्रेस को उम्मीद साइलेंट वोटरों से है कांग्रेस का माहौल चुनाव में नहीं नजर नहीं आया उनका आंकलन है कि जनता ने उन्हें चुपके से वोट दिया है। अब कांग्रेस का आंकलन कितना सही है यह 15 फरवरी को पता चलेगा।
15 फरवरी को जब गणना होगी तब स्पष्ट होगा सिंहासन किसका होता है?
बता दें कि भाजपा ने अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित सीट से अजजा वर्ग की महिला प्रत्याशी को मौका दिया था जो निवर्तमान सरपंच भी थीं वहीं जिनके साथ सत्ता विरोधी भी लहर थी वहीं ऐसा करके जहां भाजपा ने बड़ा खतरा प्रत्याशी बतौर लिया था वहीं कांग्रेस ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जो संयोग से जिले के प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष भी थे के कहने पर उनके इस आश्वासन पर की वह सीट जिताकर देंगे अध्यक्ष का उनके सबसे खास के घर की महिला प्रत्याशी को उम्मीदवार बनाया था। कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता ने बगावत करके निर्दलीय पत्नी को खड़ा किया। कुल मिलाकर देखा जाए तो समीकरण त्रिकोणीय रहा और दो अन्य प्रत्याशियों ने भी वोट कटवा की भूमिका निभाते हुए त्रिकोणीय मुकाबले को और रोचक बनाए रखा। वैसे अब 15 फरवरी को जब गणना होगी तब स्पष्ट होगा सिंहासन किसका होता है।