- महंत समर्थक को भाजपा में शामिल करने में वार्ड क्रमांक 6 के भाजपा पार्षद प्रत्याशी का अतुलनीय योगदान
- महंत समर्थन का भाजपा में शामिल होने से भाजपा पार्षद प्रत्याशी वार्ड क्रमांक 6 का जीतना तय
- वार्ड क्रमांक 6 के भाजपा प्रत्याशी का पार्टी के लिए यह योगदान राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि
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-रवि सिंह-
कोरिया/पटना,10 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के पहले नगर पंचायत चुनाव जो नवनिर्मित नगर पंचायत पटना में होने जा रहा है। इस चुनाव के दौरान कई सारी चीजें देखने व सुनने को मिल रही हैं, आज मतदान होना है, और प्रत्याशियों का भाग्य का फैसला 15 फरवरी को होना है। पर यह चुनाव किसी रोमांचक फिल्म से कम नहीं है। अलग-अलग तरह की चीज व समीकरण बनते हुए, बिगड़ते हुए देख गए।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा वार्ड पार्षद के टिकट प्राप्त करने के बाद वार्ड को जीतना इनके जैसे कद के नेता के लिए जहां काफी आसान होना चाहिए था। वहीं वार्ड को जीतने के लिए साम दाम दंड भेद सभी नीतियां अपनाई गई। विपक्षियों के आरोप के अनुसार इनके द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन का मामला भी सामने आया। इसी बीच निर्वाचन से एक दिन पूर्व एक बड़ी घटना तब घटित हुई जब उनके वार्ड में निर्दलीय लड़ रहे पार्षद प्रत्याशी जो कि छत्तीसगढ़ के बड़े नेताओं में शुमार चरणदास महंत के कट्टर समर्थक माने जाते रहे हैं, उनका अप्रत्याशित रूप से भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश एक बहुत बड़ी उपलब्धि भी देखने को मिली। वह उपलब्धि यह थी कि भाजपा ने महंत समर्थक को चुनाव के ठीक 1 दिन पूर्व अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के बड़े कांग्रेसी नेता चरणदास महन्त के कट्टर समर्थक को पार्टी में शामिल कराने में भाजपा के वार्ड क्रमांक 6 के प्रत्याशी की भूमिका अहम है। जिसे शामिल कराया गया भाजपा में उसके शामिल होने से वार्ड क्रमांक 6 के भाजपा प्रत्याशी की जीत भी तय हो गई है। जिन्हें शामिल किया गया है, वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है, वह नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत के बहुत बड़े समर्थक हैं ऐसा सूत्रों का दावा है। भाजपा ने उसे शामिल कराकर जिस तरह से फोटोशूट कराया इससे तो यह साबित हो गया कि वह काफी बड़ा कद वाला व्यक्तित्व है जो की भाजपा के लिए उपलब्धि के समान है। चुनाव पूर्व की इस उपलçध को प्राप्त करने में वार्ड क्रमांक 6 के भाजपा पार्षद प्रत्याशी कि इस उपलब्धि को नगर पंचायत पटना की जनता उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक उपलब्धि बता रहे हैं।
यह भी दिखा इस चुनाव में…
पहले जीवन भर कांग्रेसी विचार धार से जुड़े रहे और पटना ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर लंबी पारी खेल चुके वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष के भाजपा प्रत्याशी का अप्रत्याशित रूप से विगत लोकसभा चुनाव में भाजपा में शामिल होना, कई माह तक इस बात को गुप्त बनाए रखना, पटना नगर पंचायत बनने के विरोध में सबसे पहले इन्हीं के द्वारा आंदोलन खड़ा करना, और उसके बाद पटना नगर पंचायत अध्यक्ष सामान्य महिला होने पर एकाएक भाजपा के कार्यक्रम में सामने आना, किसी रहस्यमयी कथा से कम नहीं रहा। उसके बाद पटना भाजपा के सबसे कद्दावर नेता का महिला आरक्षित होने के कारण दावेदारी से हटना और वार्ड पार्षद के लिए नामांकन करना भी बहुत ही अप्रत्याशित रहा। क्योंकि जहां वार्ड पार्षद उनके राजनीतिक जीवन में प्राप्त उपलब्धियां के आगे काफी छोटा पद है, उस पर दावेदारी लोगों के लिए चौंकाने वाला विषय रहा। यह भी बात उतने ही सत्य है कि भाजपा के पास कोई और चारा नहीं था भाजपा मजबूत प्रत्याशी के साथ ही जाना चाह रही थी, जिस वजह से उन्हें सिर्फ पूर्व सरपंच ही मजबूत लगी, जिस पर उन्होंने दावा खेलना ज्यादा उचित समझा, वही पूर्व सरपंच के लिए भी एक बड़ी पार्टी में जाना कहीं ना कहीं उनको प्रमोशन जैसा ही देखा गया, और पार्टी से लेकर क्षेत्र की जनता भी इन्हें विंग अध्यक्ष मान रहे हैं, बस सिर्फ आज मतदान के बाद 15 तारीख को परिणाम आने की देरी है। उनपर भाजपा भी नजर इसलिए बना के राखी क्योंकि इन्होंने अभी तक कुशल राजनीति सरपंच पद पर करते आई हैं और कहीं ना कहीं उन्हें पंचायत चुनाव का काफी अच्छा अनुभव था, जिस अनुभव पर भाजपा का दाव लगाना भी लाजमी माना जा रहा है वहीं दूसरी राष्ट्रीय पार्टी में उन्हें शामिल करने का कोई भी प्रयास भी नहीं किया।