रायपुर@ हेम 2.0 पोर्टल में है मरीजों के परेशानियों का अंबार

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रायपुर,27 जनवरी 2025 (ए)। अगर आप भी आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने की सोच रहे है या अचानक आपको आयुष्मान कार्ड से इलाज की जरूरत पड़ गई तो संभव है कि आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं इलाज करने वाले डॉक्टर्स को भी कई समस्याएं होने वाली है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान कार्ड से इलाज के लिए अस्पतालों की इंटरनल व्यवस्था के लिए हेम 2.0 पोर्टल लॉंच किया है लेकिन इसका आलम ठीक वैसे ही है जिसमें ‘शादी का निमंत्रण तो बांट दिया गया है, लेकिन दुल्हन मिलनी अब तक बाकी है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने पोर्टल तो लांच कर दिया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के उन अधिकारियों की आईडी ही जनरेट नहीं की जिनको अस्पतालों की समस्याओं का समाधान करना है. यही कारण है कि निजी
अस्पताल प्रबंधन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है।
आयुष्मान से इलाज में क्या-क्या समस्या आ रही मरीजों को?
यदि आपके पास एपीएल कैटेगिरी में आते है और आपके पास 50 हजार रुपए वाला आयुष्मान है और यदि मरीज को हार्ट अटैक आता है और उसे एंजियोप्लास्टी की जरूरत पड़ी तो वर्तमान में वे आयुष्मान से अपना इलाज नहीं करा पा रहा है क्योंकि जब वो अस्पताल पहुंचता है तो अस्पताल में उसका कार्ड ब्लॉक नहीं हो रहा है, क्योंकि एंजियोप्लास्टी का पैकेज 50 रूपए से अधिक का है। पहले ये व्यवस्था होती थी कि इसे ब्लॉक कर लिया जाता था और बाकी की राशि मरीज अस्पताल में कैश दे देता था, अब उसे एंजियोप्लास्टी की पूरी राशि देनी पड़ रही है. हालांकि जिन बीमारियों में ऑपरेशन के लिए मरीज के पास वक्त है वे मुख्यमंत्री विशेष सहायता से आवेदन कर सकता है, लेकिन इसका अप्रूवल आने के बाद ही इलाज होगा और
इमरजेंसी में मरीज इलाज नहीं करा सकता।.इसके अलावा पहले मरीज के पास अपना आयुष्मान कार्ड अस्पताल में जमा कराने के लिए 72 घंटे का वक्त होता था, जिसे घटाकर अब 48 घंटे कर दिया गया है। वहीं एक बार यदि मरीज अस्पताल में भर्ती हो गया और अस्पताल को एक्सटेंशन अप्रूवल की जरूरत पड़ी तो पहले 6 घंटे में ये अप्रूवल आ जाता था, लेकिन अब 24 से 48 घंटों में ये अप्रूवल आ रहा है। इसे ऐसे समझे कि क्रिटिकल स्थिति में मरीज को आईसीयू में भर्ती कराया गया और डॉक्टर को प्रारंभिक जांच के बाद ये लगा कि मरीज को 3 दिन के आईसीयू केयर की जरूरत है और उसने इसके मुताबिक ही पैकेज ब्लॉक किया. लेकिन तीन दिनों बाद उसे और भर्ती रखने की जरूरत पड़ी तो उसे एक्सटेंशन अप्रूवल की जरूरत पड़ेगी और यही अनुमति पहले 6 घंटे में आ जाती थी, जो अब 24 से 48 घंटों में आ रही है।
मरीज पहले अपने मोबाइल से आयुष्मान कार्ड की ई-कॉपी डाउनलोड कर सकता था, लेकिन अब ये कार्ड अधिकृत सेंटर या अस्पताल से ही बनेगा।


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