रांची@ एटीएस के छापे में मिला नोटों का जखीरा

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ऊर्जा विकास निगम के 109 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का है मामला
झारखण्ड से बंगाल के खातों में ट्रांसफर हुए रुपये
रांची,25 जनवरी 2025(ए)।
झारखंड सरकार के ऊर्जा विकास निगम से 109 करोड़ रुपए अवैध निकासी मामले में झारखंड एटीएस की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। मामले में एक आरोपी के घर छापेमारी कर एटीएस की टीम ने 60 लाख रुपये नगद बरामद किए हैं। झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि छापेमारी में भारी मात्रा में नगद पैसे मिले हैं।
खातों से करोड़ों रूपये हुए थे गायब
झारखंड सरकार के महत्वपूर्ण उपक्रम पर्यटन विकास निगम लिमिटेड, झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के खाते से लगभग 109 करोड़ रुपये गायब करने के मामले में जांच जारी है। इस दौरान एटीएस ने रांची के डोरंडा इलाके में रहने वाले राम लखन यादव के यहां छापेमारी कर 60 लाख रुपये नगद बरामद किए हैं। झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि छापेमारी के दौरान अब तक 60 लाख रुपए नगद बरामद किए गए हैं। दो लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है.
बैंक अधिकारियों की भूमिका हुई उजागर
इस मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें जेटीडीसी के तत्कालीन लेखपाल गिरिजा सिंह, केनरा बैंक हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार, साजिशकर्ता रूद्र उर्फ समीर, रांची के रहने वाले लोकेश्वर शाह, रांची के बिरसा चौक स्थित सेंट्रल बैंक के शाखा प्रबंधक लोलस लकड़ा और इलाहाबाद बैंक के अमर कुमार शामिल हैं।
350 खातों में जमा 47 करोड़ सीज
मामले में पुख्ता सबूत मिलने के बाद करीब 350 खातों में पड़े 47 करोड़ 20 लाख रुपए को फ्रीज करवाया गया है। इस केस में एक करोड़ 93 लाख रुपए नकदी और 17 लाख रुपए के जेवर अब तक बरामद किए गए।
एसआईटी ने पूर्व में गिरफ्तार लोकेश्वर साहू की निशानदेही पर विभिन्न बैंक खातों में जमा 76 लाख रुपये भी फ्रीज किए हैं। बिहार के सीवान जिले के बसंतपुर थाना के बड़कागांव के रहने वाले श्रवण कुमार शर्मा को 16 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उसके द्वारा अपराध में प्रतिनियुक्त मोबाइल और सिम को बरामद किए गए। स्ढ्ढभ् टीम इनकी जांच कर रही है। इस मामले में दो अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनसे पुलिस पूछताछ कर रही है।
जांच के दौरान ओबरिया रोड एकता नगर स्थित शांति कंस्ट्रक्शन के ऑफिस से 37 लाख 18 हजार 500 रुपये एसआइटी ने बरामद किये थे। इसके बाद यह बात सामने आयी थी कि बैंक मैनेजर लोलस लकड़ा ने ऊर्जा निगम का उक्त पैसा बिल्डर को रियल इस्टेट में निवेश के तौर पर दिया था।
इस तरह उजागर हो रहा घोटाला
इस मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें जीटीडीसी के तत्कालीन लेखपाल सह कैशियर गिरिजा प्रसाद सिंह, केनरा बैंक हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार, लोकेश्वर साहू और रुद्र सिंह जिन्हें साजिशकर्ता बताया गया है। इसके साथ ही रांची के बिरसा चौक स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक लोलस लकड़ा और इलाहाबाद बैंक के अमर कुमार शामिल हैं. इन लोगों की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। अब तक एसआईटी टीम ने लगभग 350 बैंक खातों में जमा 47.20 करोड़ रूपयों को फ्रिज कराया है। जबकि इस केस में 1.84 करोड़ नकद बरामद किया है। लगभग 17 लाख रुपये के गाहने भी बरामद किए हैं।
घोटाले का बंगाल कनेक्शन आया सामने
एसआईटी टीम को जांच में यह भी पता चला है कि झारखंड सरकार के ऊर्जा विकास निगम के 109 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले का मुख्य मास्टरमाइंड पश्चिम बंगाल के कोलकाता का रहने वाला है। इस मास्टरमाइंड ने अपने सहयोगियों और बैंक कर्मियों और कुछ सरकारी कर्मियों की मदद से इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया है।
हजारों सिमकार्ड का किया गया इस्तेमाल
मामले की जांच कर रही है एसआईटी को यह जानकारी मिली है कि बंगाल के हजारों सिम कार्ड का प्रयोग कर दर्जनों की संख्या में खाते खुलवाकर बंगाल के विभिन्न हिस्सों में अवैध निकासी के पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने अब तक 350 खातों में पड़े 47 करोड़ 20 लाख रुपए फ्रीज करवाया है। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि सरकारी पैसे की निकासी में बंगाल कनेक्शन सामने आया है, जिसकी जांच की जा रही है.सबसे ज्यादा पैसे बंगाल से जुड़े खातों में हस्तांतरित किए गए हैं. जिन खाताधारी के नाम जांच के दौरान उजागर हुए हैं, उनमें से करीब 600 संदिग्ध हैं। एसआईटी की जांच में कई ऐसे खाते मिले हैं, जो छोटे-मोटे कारोबारी से जुड़े हैं। सबकी जांच की जा रही है।


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