अंबिकापुर,@आईजी ने रेंज स्तरीय दोष मुक्ति प्रकरणों की समीक्षा,695 प्रकरणों का किया गया निराकरण

Share


अंबिकापुर,23 जनवरी 2025 (घटती-घटना)। आईजी अंकित गर्ग ने गुरुवार को रेंज स्तरीय दोषमुक्ति प्रकरणों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान 695 प्रकरणों का बारीकी से समीक्षा कर निराकरण किया गया। ऐसे मामलों पर विशेष चर्चा हुई जिसमें न्यायालय द्वारा अधिकांश प्रकरणों में आरोपियों के दोष मुक्ति होने के कारणों के संबंध में समीक्षा की गई।
हाल ही में आईजी के पर्यवेक्षण में सरगुजा में राज्य के प्रशिक्षकों (एनसीबी) के डायरेक्टर, पदाधिकारीयों एवं लोक अभियोजन अधिकारी के मौजूदगी में प्रशिक्षण आयोजित किया गया था। जिसमें रेंज के डीएसपी से एएसआई स्तर के अधिकारी उक्त उपस्थित थे। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य एनडीपीएस एक्ट के प्रकरणों में संलिप्त आदतन अपराधियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने एवं अपराधियों की दोषसिद्धि प्रतिशत दर में वृद्धि हो सके और विवेचना की गुणवाा में सुधार किया जा सके। साथ ही अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से कमाए हुए धन की कुर्की नीलामी करने के उद्देश्य से फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी गई।
समीक्षा बैठक में आईजी द्वारा गंभीर प्रकरणों में विवेचकों द्वारा विवेचना में किए जाने वाले त्रुटियों को दूर करने हेतु भौतिक साक्ष्यों को फोटो ग्राफी, वीडियो ग्राफी कर साक्ष्यों को सावधानी से एकत्र करने हेतु एवं त्रुटियों में सुधार करने हेतु अभियोजन अधिकारियों के समक्ष चर्चा किया गया। होस्टाईल हो रहे प्रार्थी एवं गवाहों को उनके द्वारा दिये गए अभिमत पर कायम रहने हेतु विवेचकों को प्रकरण के प्रार्थियों के साथ निरंतर सम्पर्क में रहने हेतु निर्देशित किये। जिससे की प्रकरण के प्रार्थी एवं गवाह अपने कथन को न्यायालय में निर्भीक एवं स्वतंत्र रूप से कथन दे सके। ताकि आरोपी न्यायालय से विचारणों उपरांत दोष सिद्ध हो सके। समीक्षा बैठक के दौरान डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर प्रशांत कुमार ठाकुर, एसएसपी जशपुर शशि मोहन सिंह, एसपी सरगुजा योगेश पटेल, एसपी एमसीबी चंद्र मोहन सिंह, एसपी कोरिया रवि कुर्रे, एएसपी बलरामपुर विश्व दीपक त्रिपाठी एवं रेंज के समस्त जिला अभियोजन अधिकारी,आईजी रीडर सुभाष ठाकुर मौजूद रहे।

60 दिन के अंदर पेश करें चालान
महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित गंभीर प्रकरणों जैसे अनाचार एवं पास्को एक्ट के मामलो में एफआईआर के पश्चात नवीन कानून के तहत 60 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से चालान पेश करने के संबंध में जानकारी देते हुए बोले कि प्रार्थी/पीडि़ता जिनका न्यायालय में 183 बीएनएसएस के अंर्तगत कथन लिया गया है, वो अगर न्यायालय में ट्रायल के दौरान होस्टटाईल होते हैं तो उनके विरुद्ध धारा 307 बीएनएसएस के अंतर्गत कार्यवाही हेतु लोक अभियोजक के माध्यम से माननीय न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई साथ ही एनडीपीएस एक्ट/आबकारी एक्ट एवं सडक दुर्घटनाओं के प्रकरणों में हो रहे दोषमुक्ति के कारणों की समीक्षा कर विवेचना में आवश्यक सुधार हेतु कार्यशाला आयोजन करने का सुझाव दिए।


Share

Check Also

एमसीबी@नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2025 हेतु मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण सम्पन्न

Share एमसीबी,23 जनवरी 2025 (घटती-घटना)। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डी. राहुल वेंकट के निर्देशन …

Leave a Reply