- आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस क्षेत्र में टिकी सबकी निगाहें
- वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष का क्षेत्र अब हुआ अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित
- दावेदार,राजनीतिज्ञ और राजनीति में रुचि रखने वालों के लिए चर्चा का केंद्र बना यह क्षेत्र
- वर्तमान विधायक की बेटी, विधायक के जिला प्रतिनिधि रेवा यादव,पिछड़ा वर्ग भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल साहू टटोल रहे मतदाताओं का मन
- बीजेपी रेवा,अनिल व विधायक की बेटी इनमें से किस पर लगाएगी दांव
- वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष भी दावेदारी के कशमकश में…सहयोगी टीम का अभाव असमंजस का कारण
- विगत चुनाव में वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी के प्रचंड लहर में भी भाजपा से अनिल साहू ने दी थी कड़ी टक्कर
- वर्तमान जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 में साहू समाज और राजवाड़े समाज के मतदाता निर्णायक स्थिति में
- विगत चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को जिला स्तर के भाजपा नेताओं के भीतरघात का करना पड़ा था सामना
- वर्तमान विधायक और नवनिर्वाचित भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 परीक्षा और प्रतिष्ठा का प्रश्न
- बैकुंठपुर जनपद उपाध्यक्ष भी इस क्षेत्र से लड़ना चाहते हैं जिला पंचायत चुनाव…कांग्रेस साथ देगी या नहीं?…अब बीजेपी अपने प्रत्याशियों पर देगी ध्यान, ऐसे में कैसे पार होगा नईया?
-रवि सिंह-
कोरिया,18 जनवरी 2025 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ में इस समय नगरीय निकाय चुनाव,त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है। वहीं भाजपा ने इस चुनाव को लेकर पहले ही यह कह दिया है कि गांव से लेकर शहर तक हर जगह बीजेपी की सरकार होनी है। यानी कि सरपंच से लेकर महापौर तक भाजपा के लोग ही जीतने चाहिए, जो बहुत बड़ा दावा भी है, और संगठन को मजबूत करने का प्रयास भी। अब इस बीच अब सभी की निगाहें कोरिया जिले के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के जिला पंचायत चुनाव पर टिकी है, जहां पर सदस्य बनने से लेकर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बनने तक की रणनीति तय होने लगी है। भाजपा कांग्रेस सभी के प्रत्याशी मैदान में अपना भाग्य आजमाईश करेंगे,वहीं पहले की तुलना में समीकरण बदल गए हैं। क्योंकि जिले का बंटवारा हो गया है। अब कोरिया जिले में फिर से नए सीमांकन के तहत जिला पंचायत सदस्य की 10 सीटें तय हो चुकी हैं। सभी के आरक्षण भी आ चुके हैं,और कोरिया का जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 काफी महत्वपूर्ण और हाई प्रोफाइल सीट माना जा रहा है। यह सीट इसलिए हाई प्रोफाइल है, क्योंकि यह सीट जो जीतेगा वह उपाध्यक्ष पद की दावेदारी करेगा। जहां इस सीट पर भले ही महिला सामान्य अनारक्षित किया गया है, इसके बाद यहां पर बीजेपी से तीन दावेदार हैं। जिसमें से दो दावेदार पूर्व में भी चुनाव लड़ चुके हैं। एक नाम है अनिल साहू का और दूसरा नाम है रेवा यादव का, जो अभी वर्तमान में विधायक प्रतिनिधि हैं, जिनका कद अभी विधायक ने बढ़ाया है, बस अंतर यह है कि इस बार यहां पर रेवा यादव या फिर अनिल साहू स्वंय ना लड़कर अपने धर्मपत्नी को लडवा सकते हैं। जिसके लिए वह जनसंपर्क में चल रहे हैं। वहीं तीसरा नाम आता है विधायक की बेटी का जो यहां से लड़ने की इच्छा जता रही है। ऐसे में वर्तमान विधायक के लिए यह काफी कठिन हो गया है कि वह किस व्यक्ति के साथ खड़े होकर उसे जीत दिलांएंगे? एक तरफ बेटी हैं, तो दूसरी तरफ उनके दो चहेते समर्थक, जो उन्हें काफी मानते हैं, और उनके काफी करीबी हैं। अब ऐसे में वर्तमान विधायक कैसे तीनों के बीच सामंजस्य बैठाकर किसी एक प्रत्याशी को वहां पर भाजपा से खड़ा करके जीत दिलाएंगे? वही अभी तक कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को लेकर दावा नहीं खेली है, पर कांग्रेस से भी दावा खेलना चाहे तो उनके पास पूर्व विधायक अंबिका सिंह स्वयं वहां से दावेदार हो सकती हैं। क्योंकि उनके गृह ग्राम क्षेत्र भी वहीं से आएगा और वह अभी अपना घर भी बना रहे हैं। यदि वह लड़ती हैं तो कांग्रेस के लिए भी जीत उस सीट पर तय हो जाएगी। वहीं एक और महत्वपूर्ण बात भी उसे क्षेत्र में है जो है आशा महेश साहू का जो वहां से चुनाव लड़ना चाह रही हैं। अब उन्हें भाजपा टिकट देगी नहीं और कांग्रेस से उनका संबंध खराब चल रहा है। अब ऐसे में वह अपना अलग ही समीकरण बनाकर चल रहे हैं। और वह जो समीकरण चल रही है, उसे पर कितना खरा उतरेंगे यह भी आने वाला समय बताएगा।
वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष भी दावेदारी के कशमकश में, सहयोगी टीम का अभाव असमंजस का कारण
वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष आशा साहू भी विधायक बनने का ख्वाब देखते हुए इस क्षेत्र से जिला पंचायत के चुनाव लड़ने की फिराक में है। परंतु विगत चुनाव में जनपद सदस्य बनने के लिए जो टीम और जो सरकार का सहयोग साथ था, उसका सर्वथा अभाव दिख रहा है। विगत जनपद पंचायत के चुनाव में कांग्रेस की जो टीम और कांग्रेस के तत्कालीन विधायक का जो साथ उपाध्यक्ष आशा साहू को मिला, वह इस बार नदारद है। इसके अतिरिक्त कांग्रेस की तथाकथित नेत्री होने के बाद भी 5 साल साा सुख भोगने के दरमियान कांग्रेस पार्टी के लिए कुछ विशेष उपलçध न हासिल करना और सभी राजनीतिक पार्टियों से अपने स्वार्थ लाभ के लिए बैलेंस बनाकर चलना वर्तमान में जनपद उपाध्यक्ष आशा साहू के लिए राह का रोडा बनने की कगार पर है। इसके अतिरिक्त विगत 5 वर्षों में ग्राम पंचायतों में जनपद उपाध्यक्ष के शिक्षक पति का अनावश्यक दखल, अनियमित और गुणवााहीन निर्माण कार्य भी जनता के सामने है। कांग्रेसी होने के बाद भी विगत 5 वर्षों में पद पर रहने के बावजूद जिले में कांग्रेस के लिए वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष आशा साहू ने कोई प्रयास नहीं किया। उलट इसके जब विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी ने हार दर्ज की, तथाकथित कांग्रेस जनपद उपाध्यक्ष ने इस हार का जश्न मनाया था। जिसकी बानगी उपाध्यक्ष के पति के फेसबुक पोस्ट में भी देखने को मिली थी। जनता की नजर में वर्तमान जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के द्वारा निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार और लापरवाही भी स्वार्थ सिद्धि और धन कमाने के उद्देश्य से बरती गई है। जिले में कांग्रेस और कांग्रेस संगठन की बैठकों से नदारद रहना और बड़े कांग्रेसी नेताओं के जिले आगमन पर स्वागत सत्कार हेतु उपलध न रहना भी कांग्रेस पार्टी द्वारा समर्थन के राह में बाधा बन सकता है। यही कारण है कि वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष कशमकश और असमंजस में है की जिला का चुनाव लड़ें या नहीं।
कांग्रेस से पूर्व विधायक को करनी चाहिए दावेदारी?
निवर्तमान कांग्रेस की विधायिका रह चुकी श्रीमती अंबिका सिंह देव को जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 से दावेदारी करनी चाहिए और जनता के मन में जो खोया हुआ विश्वास है उसे पुन: पाने का प्रयास करना चाहिए। यह एक सुनहरा मौका है जो उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सुगम राह प्रदान कर सकता है।
बेटी नहीं लड़ी तो मुझे करें सपोर्टःसुत्र
विश्वस्त सूत्रों और जमगहना जंक्शन से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष का संपर्क लगातार वर्तमान विधायक से बना हुआ है। जिसमें वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष, वर्तमान विधायक से गुहार लगाती नजर आ रहे हैं कि यदि उनकी बेटी इस क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ती है, तो मुझे अपना समर्थन दें। इसके एवज में भविष्य में राजनीतिक समर्थन सदैव आपको मिलता रहेगा। कुछ ऐसा ही विगत विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला था जब जनपद उपाध्यक्ष और उनकी टीम ने कांग्रेसी होने के बावजूद कांग्रेस के लिए कोई खास प्रयास नहीं किया। इसके उलट कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध किया था। अब देखने वाली बात यह होगी कि दो नाव के सवारी करने पर विगत विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस से टिकट के दावेदार होने पर भी पाा कट गया था। आने वाले समय में क्या होता है देखना होगा?
कांग्रेस व भाजपा को जिला पंचायत में उतरने होंगे अपने दमदार प्रत्याशी
कांग्रेस को आगामी विधानसभा में चुनाव जीतने के लिए निचले स्तर से ही मजबूत होना होगा, जिसके लिए अभी उनके पास त्रिस्तरीय व नगरीय निकाय चुनाव काफी अहम है। यदि इन चुनाव में वह अच्छा परिणाम ले आए तो विधानसभा चुनाव को वह आधा जीत लेंगे। यही वजह है कि उन्हें नापतोल कर दमदार प्रत्याशी उतारना होगा। यदि हम जिला पंचायत चुनाव की बात करें तो 10 सीटें हैं, और 1 से लेकर क्षेत्र क्रमांक 10 तक में यदि कांग्रेस वेदांती तिवारी, अंबिका सिंहदेव, यवत सिंह, योगेश शुक्ला, जैसों को प्रत्याशी बनाती है, तो जिला पंचायत में यह अपना अध्यक्ष व उपाध्यक्ष स्वयं के दम पर बना सकते हैं। वहीं यदि भाजपा की बात की जाए तो भाजपा भी कुछ इसी प्रकार अपने दिग्गज नेताओं को मैदान में उतर कर कांग्रेस की विजयी होने के सपने को तोड़ सकती है।
विगत चुनाव में वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी के प्रचंड लहर में भी भाजपा से अनिल साहू ने दी थी कड़ी टक्कर
अविभाजित कोरिया जिले के विगत पंचायत चुनाव में जिला सदस्य के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से अनिल साहू, कांग्रेस की ओर से अनिल जायसवाल, और निर्दलीय के रूप में वेदांती तिवारी ने इस चुनाव को लड़ा था। वेदांती तिवारी के प्रति जनता के मन में जो सम्मान और विश्वास की लहर थी, उसका परिणाम यह हुआ कि वेदांती तिवारी ने इस सीट पर निर्दलीय रहते हुए भी एक तरफा जीत दर्ज की। बावजूद इसके दूसरे स्थान पर रहे भारतीय जनता पार्टी के अनिल साहू ने कड़ी टक्कर दी थी। जो यह दर्शाता है कि क्षेत्र में अनिल साहू को पसंद करने वाले भी हजारों लोग मौजूद हैं। प्रचंड लहर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना बहुत बड़ी उपलçध मानी जा सकती है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अनिल साहू को पार्टी के जिला स्तर के शीर्ष नेताओं का वह साथ नहीं मिल पाया था, जो कि मिलना चाहिए था। बावजूद इसके और वेदांती तिवारी के प्रचंड लहर के उन्होंने विगत चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी। और यही कारण है कि आगामी चुनाव में इस क्षेत्र के लिए उनसे बेहतर भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी शायद ही कोई हो। क्योंकि इस बार ना तो वेदांती तिवारी की इस क्षेत्र में कोई दखल है, ना ही कांग्रेस का साा शासन। यदि जिला स्तर के भाजपा नेता अपना समर्थन अनिल साहू को देते हैं तो अनिल साहू ऐतिहासिक जीत दर्ज कर सकते हैं।
वर्तमान विधायक और नवनिर्वाचित भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 परीक्षा और प्रतिष्ठा का प्रश्न
जिला विभाजन के उपरांत जिले में मौजूद चार जिला पंचायत क्षेत्र को विभाजित कर 10 जिला पंचायत क्षेत्र में अस्तित्व में लाया गया है। वर्तमान में जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 सभी जिला पंचायत क्षेत्र में सबसे चर्चित है, क्योंकि यह वह क्षेत्र है जहां पर आरक्षण की स्थिति में यह तो अनारक्षित है, परंतु महिला के लिए। जिले भर के दावेदारों के सामने आने के बाद इस क्षेत्र में स्थिति और काफी रोचक हो गई है, और अन्य क्षेत्रों की तुलना में राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह सबसे हाई प्रोफाइल जिला पंचायत क्षेत्र बन गया है। जिसके निर्वाचन उपरांत जिला पंचायत के गठन की आबोहवा निर्धारित होनी है। इसलिए यह जिला पंचायत क्षेत्र वर्तमान भाजपा विधायक और नवनिर्वाचित भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए नाक का सवाल है। केवल इतना ही नहीं प्रत्याशियों के चयन एवं समर्थन के अलावा उसे जीताने की समस्त जवाबदेही वर्तमान भाजपा विधायक और जिला अध्यक्ष की होगी, जो की इस सरकार में वर्तमान विधायक और नवनिर्वाचित भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष के लिए परीक्षा की कसौटी साबित होने वाली है।