लेख@ प्यार के नाम पर अपराध

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आज कल क्या हो गया है हमारे समाज को। प्यार के नाम पर अपराध करते हैं और उसे सच्चा प्यार कहते हैं। सच्चा प्यार तो वो है जिसने पहाड़ को काट कर रास्ता बना दिया, प्यार तो वो है जिसके मरने के बाद भी उसे अपने अदंर जीवित रखा, प्यार तो वो एक तपस्या है और जो इस तपस्या में सफल होते हैं उन्हे उनका सच्चा प्यार मिलता और जो बीच में तपस्या को छोड़ देते हैं उन्हें नहीं मिलता है। लेकिन आज के समय में लोग प्यार शब्द बोलना, लिखना, सुनना चाहते हैं लेकिन समझना नहीं। शायद इसलिए अब सच्चा प्यार बहुत कम को मिलता है। अभी के समय में छोटे छोटे बच्चे प्यार जैसे शब्दों का उपयोग करते हुए अपराध करते हैं और खुद को प्रेमी-प्रेमिका कहते हैं। यही सभी की बात नहीं की जा रही है कुछ की बात की जा रही है।लेखिका कुछ उदाहरणों के माध्यम से पाठकों को यह बताना चाहती है कि कैसे आज के समय में प्यार के नाम पर अपराध किया जा रहा है।
एक उदाहरण के माध्यम से समझे -आज के समय में एक लड़की
किसी भी लड़कें को प्यार के नाम पर लुटती है। ज्यादतर लड़कियाँ पैसे देखकर लड़को को प्यार के जाल में फँसा लेती है और उन्हें एटीएम के तरह इस्तेमाल करती है जब पैसे खत्म हो जाते हैं तब तुम मुझे प्यार नहीं करते हो। ये बोलकर छोड़ देती है और किसी दुसरे को शिकार बनाने चली जाती है। ये सच्चाई है हमारे समाज की कुछ लड़कियों की।
अब दूसरा उदाहरण लेते है…
आज कल के लड़के प्यार के नाम पर लड़कियों के साथ सेक्स करते हैं और जब माँ बन जाती है। तो उसे दवा खिलाकर बच्चे को मार देते है या फिर तुम किसी और के साथ सेक्स की हो, ये मेरा बच्चा हो ही नहीं सकता। कहकर छोड़ देते हैं। और कुछ इससे भी ऊपर होते हैं वे लड़के जो लड़कियों को यह विश्वास दिलाते है कि तुम मेरी पत्नी हो, मै तुम्हारा पति हूँ। इस तरह का भ्रम करके अपने खुशी व पैसे के लिए, उस लड़की को किसी और दुसरे लड़के के साथ सेक्स करने के लिए मजबूर कर देता है। और लड़की भी यही सोचती मेरे पति को अच्छा लगता है क्या हो गया, कर लेते हैं। ये सोचकर वो किसी और के साथ सो जाती है। ये सच्चाई है अभी के कुछ लड़कों की।
तीसरा उदाहरणः- आज के समय में अगर माँ-बाप, दादा-दादी, नाना- नानी कोई भी अपने लड़के या लड़की को समझाता है तो उन्हें लगता है कि मुझे मेरे प्यार से अलग किया जा रहा है और इस भ्रम में वो लोग अपने ही परिवार को खत्म करने लगते हैं। मुजफ्फरपुर की घटना है एक लड़की अपने दादा की मृत्यु कर दी, वजह? तो उसे रोका करते थे इसलिए। अब यहाँ सोचने की जरूरत थी ना कि मारने की। प्यार के नाम अपराधी बनकर रहे आज के बच्चे।
चौथा उदाहरण :- आज के समय में प्यार के नाम पर लड़कियों को बेचना व लड़कों की जमीन लुटने का व्यवसाय किया जा रहा है।सोशल मीडिया के माध्यम से अब तक अनगिनत ऐसे खबरों को सुन चूके है।
अब आप सभी ही बताए, क्या इसे सच्चा प्यार कहते हैं। या फिर सच्चा प्यार उसे कहते जहाँ निस्वार्थ भाव से एक दुसरे की बात को सुना जाए मान जाए, जिदंगी के हर सुख-दुख के पल को साथ रहकर सुलझाया जाए। जीवन के हर सफर को मिल-जुलकर जीया जाए। लेकिन समय के साथ रिश्ता जैसे शब्द का मोल नहीं रहा। प्यार जैसा शब्द का मोल नहीं रहा। चाहत जैसा शब्द का मोल नहीं रहा। अब तो ऐसी हालत हो चूँकि है हमारे समाज की, कि कोई किसी के साथ रहना ही नहीं चाहता है। अब के समय में या तो प्यार से अपराध किए जा रहा या फिर आत्मनिर्भर होकर अकेले जीया जा रहा है। लेखिका अपने पाठकों को एक पुनः यही कहना चाहेगी – यह सभी सच्ची बातें है लेकिन कुछ के लिए, सभी के लिए नहीं। अभी भी कई ऐसे उदाहरण भी है जहाँ सच्चा प्यार देखने को मिलता है और उन्हें देखकर लगता है ये उनका सौभाग्य था जो ऐसा जीवनसाथी मिला। सतर्क रहे, सुरक्षित रहे और किसी को भी अपने जिदंगी से खेलने का मौका ना दे। सही जीवनसाथी चुने और जीवन में आगे बढ़े
मुस्कान केशरी
मुजफ्फरपुर बिहार


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