फर्जी चालान की समस्या हल करने का निर्देश
नई दिल्ली,16 जनवरी 2025 (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मामलों में बार-बार सामने आने वाली एक बड़ी समस्या पर चिंता व्यक्त की। इसमें ईमानदार खरीदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जब उनके आपूर्तिकर्ता जीएसटी जमा करने से बचने के लिए फर्जी चालान जारी करते हैं।
खरीदार कीजिम्मेदारी पर सवाल
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने इस बात पर हैरानी जताई कि आपूर्तिकर्ता के गलत जीएसटी पंजीकरण के लिए खरीदार को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है। सीजेआई ने कहा, “यदि सामग्री खरीदी गई है और भुगतान किया गया है, तो खरीदार को कैसे पता चलेगा कि आपूर्तिकर्ता फर्जी है? यह विभाग का काम है कि वह उचित जांच करे।”
फर्जी चालान का बढ़ता मुद्दा
कोर्ट ने कहा कि जीएसटी विभाग का कर्तव्य है कि वह पंजीकरण और चालान की वैधता सुनिश्चित करे। सीजेआई ने टिप्पणी की, जीएसटी अधिनियम के तहत उचित परिश्रम विभाग की जिम्मेदारी है। वास्तविक खरीदारों को इस समस्या का सामना क्यों करना चाहिए?
सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी
सीजेआई ने स्पष्ट किया कि यदि यह समस्या हल नहीं हुई, तो न्यायालय कड़ी कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा, यह एक गंभीर मुद्दा है, और अगर इसे ठीक नहीं किया गया, तो हम इस पर कठोर कदम उठाएंगे।
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