भारत के सेना प्रमुख ने उस लेटर को लेकर नाराजगी जाहिर की है…जो लीक हुआ…आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बहुत ही साफ शब्दों में कहा कि यह नहीं होना चाहिए था…इसके लिए बकायदा जांच हो रही है…तो लीक हुए इस लेटर पर सेना प्रमुख ने क्या कहा,लेटर में क्या था लिखा…
सेना प्रमुख ने लिया बड़ा एक्शन
नई दिल्ली,14 जनवरी 2025 (ए)। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सेना में महिला अधिकारी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और सशस्त्र बल में उनकी संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने एक वरिष्ठ कमांडर की चिंताओं को तवज्जो नहीं देते हुए यह बात कही, जिन्होंने महिला अधिकारियों की कमान वाली इकाइयों के समक्ष पेश आने वाली ‘‘समस्याओं’’ को उठाया था। यानी सेना प्रमुख ने साफ शब्दों में संदेश दे दिया है कि महिला अफसरों की बहादुी पर कोइ भी संदेह न करे। अब समझते हैं आखिर कौन सा लेटर हुआ था लीक? जिसपर उठा विवाद.
कौन सा लेटर हुआ लीक?
कुछ दिन पहले आर्मी में महिलाओं की हिस्सेदारी को लेकर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव पुरी ने एक लेटर लिखा था। पुरी ने सेना के ईस्टर्न आर्मी के कमांडर को भेजे गए फीडबैक में महिला अधिकारियों को लेकर गंभीर चिंताएं जाहिर की गई थी। पुरी ने यह खत पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राम चंद्र तिवारी को लिखा है। उन्होंने खत में लिखा कि कर्नल रैंक की महिला अफसरों के समझदारी व व्यवहार कुशलता की कमी की तरफ इशारा किया है। जनरल पुरी ने खत में अहंकार संबंधी मुद्दे, लगातार शिकायतें और सहानुभूति की कमी का भी जिक्र किया है। इसके बाद यह लेटर लीक हो गया था. जिसके बाद यह विवाद में तब्दील हो गया।
कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी का आदेश
अब इस मामले में सेना प्रमुख ने बहुत ही साफ शब्दों में जवाब दिया है। जनरल द्विवेदी ने सेना दिवस से पहले संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि महिला अधिकारी उल्लेखनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘जो पत्र लीक हुआ है, उसे लीक नहीं होना चाहिए था. इस बारे में कोर्ट ऑफ इंमयरी का आदेश दिया गया है। यह एक धारणा है, यह उनकी धारणा है। उन्हें उस धारणा को व्यक्त करने और टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है।’’ जनरल द्विवेदी ने कहा कि सेना को मजबूत महिला अधिकारी चाहिए, जो ‘‘काली माता का रूप’’ हो. साथ ही, उन्होंने लैंगिक रूप से तटस्थ दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।