बलरामपुर,@मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जिले में 177.24 करोड़ रुपए के 198 विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन

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बलरामपुर,14 जनवरी 2025 (घटती-घटना)। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित तातापानी महोत्सव का शुभारंभ करते हुए विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जिले में कुल 177.24 करोड़ रुपए के 198 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसमें 43 करोड़ 14 लाख 78 हजार रुपए के 58 विकास कार्यों का लोकार्पण और 134 करोड़ 09 लाख रुपए के 140 कार्यों का भूमिपूजन/शिलान्यास शामिल है।
विकास कार्यों में 21 करोड़ 58 लाख की लागत से केरता से बच्छराजकुंवर मानपुर तक पुल-पुलिया सहित सड़क निर्माण कार्य का लोकार्पण, 04 करोड़ 31 लाख की लागत से झारा से तालकेश्वरपुर सड़क निर्माण कार्य का लोकार्पण, 12 करोड़ 68 लाख की लागत से बंशधारी नाला व्यपवर्तन योजना निमार्ण कार्य का भूमिपूजन, 03 करोड़ 54 लाख की लागत से लुरगी सरगढ़ी से जोरोपानी सड़क निमार्ण कार्य का भूमिपूजन, 03 करोड़ 75 लाख की लागत से मोखा से धुनधारूपारा तक सड़क निर्माण कार्य का भूमिपूजन, 04 करोड़ 41 लाख की लागत से नगरपालिका परिषद बलरामपुर में नालंदा परिसर निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया गया।
लोकार्पण अंतर्गत 43 करोड़ 14 लाख 78 हजार रुपए लागत राशि के 58 विकास कार्य शामिल है। जिसमें लोक निर्माण विभाग के 04 विकास कार्य लागत राशि 29 करोड़ 39 लाख 63 हजार रुपए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के 06 विकास कार्य लागत राशि 01 करोड 45 लाख 75 हजार रुपए, जनपद पंचायत राजपुर के 02 कार्य लागत राशि 40 लाख रूपये, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के 45 विकास कार्य लागत राशि 7 करोड़ 58 लाख 40 हजार रुपए, पीएमजीएसवाई बलरामपुर के लागत राशि 04 करोड़ 31 लाख रूपये के 01 कार्य शामिल है।
भूमिपूजन/शिलान्यास अंतर्गत 134 करोड़ 09 लाख रुपए लागत राशि के 140 विकास कार्य शामिल है। जिसमें ग्रामिण यांत्रिकी सेवा के 05 विकास कार्य लागत राशि 03 करोड़ 80 लाख रुपए 70 हजार, जल संसाधन विभाग रामानुजगंज के 12 विकास कार्य लागत राशि 46 करोड़ 36 लाख 83 हजार रुपए, जल संसाधन विभाग बलरामपुर के 05 विकास कार्य लागत राशि 14 करोड़ 33 लाख 52 हजार रूपये, पीएमजीएसवाई बलरामपुर के 14 विकास कार्य लागत राशि 23 करोड़ 35 लाख, पीएमजीएसवाई राजपुर के 26 विकास कार्य लागत राशि 37 करोड़ 04 लाख 25 हजार रूपये, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के 20 विकास कार्य लागत राशि 02 करोड़ 09 लाख 15 हजार रुपए, जनपद पंचायत बलरामपुर में राशि 02 करोड़ के 68 लाख 87 हजार के 23 विकास कार्य शामिल है। नगर पालिका परिषद बलरामपुर अंतर्गत 4.41 की लागत से नालंदा परिसर निर्माण कार्य हेतु भूमिपूजन शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री साय तातापानी में स्थित तपेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना पश्चात मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत कराये जा रहे सामूहिक विवाह में सम्मिलित हुए। तत्पश्चात् विभिन्न विभागों के द्वारा लगाए गए विकास कार्यो के प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के स्टॉल का किया अवलोकन
मुख्यमंत्री श्री साय ने बुनकर सौदन सिंह के प्रेमपूर्वक आग्रह पर चलाया चरखा
कुम्हारों की अद्वितीय कला, आदिवासियों समुदायों की सांस्कृतिक पहचान को सजीव करती झलकियां

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने तातापानी मुख्य स्थल प्रांगण में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जिस चरखे को आत्मनिर्भरता, और स्वावलंबन का प्रतीक माना था, मुख्यमंत्री श्री साय ने बुनकर सौदन सिंह के प्रेमपूर्वक आग्रह पर साथ बैठ चरखा चलाया। शासन की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जरूरतमंदों का उत्थान कर इन सिद्धांतों को पूरा किया जा रहा है।
25 सालों से कुम्हार का काम कर जीवन यापन करने वाले शिवमंगल से स्टॉल में की मुलाकात
25 सालों से कुम्हार का काम कर जीवन यापन करने वाले शिवमंगल से भी मुख्यमंत्री श्री साय ने बड़ी ही आत्मीयता से मुलाकात की। राजपुर के आरा ग्राम के निवासी शिवमंगल का पूरा परिवार कुम्हार का काम करते हैं। वे बताते हैं कि शासन द्वारा विद्युत चाक प्राप्त होने से अपनी जीविका चलाने में मदद मिली। उन्होंने बताया कि इस काम से उन्हें अपने जीवन में काफी सम्मान भी मिला है। शिवमंगल आगे बताते हैं कि इस काम से उन्हें सालाना 2-3 लाख की आय हो जाती है। पारंपरिक कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुम्हारों द्वारा पारंपरिक माटी-चाक के माध्यम से मिट्टी के बर्तन बनाने की कला का जीवंत प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में कुम्हारों की अद्वितीय कला और उनके द्वारा निर्मित विभिन्न प्रकार के बर्तनों, जैसे कि मटके, कुल्हड़, और अन्य उपयोगी वस्तुओं को रखा गया है।
श्रृंगार सदन स्टॉल के माध्यम से लाइव बैंगल और चुडि़यां बनाने की विधि का प्रदर्शन किया गया। इसी तरह मिलेट कैफे के माध्यम से स्थानीय मिलेट की खेती और उनसे बने स्वादिष्ट भोज्य पदार्थों को प्रदर्शित किया गया है। ट्राइबल फूड स्टॉल के माध्यम से आदिवासी बाहुल्य जिलों की परंपरा, उनके रहन-सहन और स्थानीय जीवन का प्रदर्शन, देवगुड़ी, पारंपरिक वाद्य यंत्रों, बांस से बनी कलाकृतियां, सहित आयोजन स्थल पर 28 विभागों द्वारा विभिन्न थीम पर स्टॉल लगाया गया। स्टॉल के माध्यम से आजीविका गतिविधि मॉडल आवास शौचालय सहित, अमृत सरोवर, जैव विविधता संरक्षण, स्थानीय समुदायों की भागीदारी, देवगुड़ी एवं आदिवासी संस्कृति, जैविक खेती में उन्नत कृषि तकनीक का प्रयोग, फूलों के खेती का जीवंत प्रदर्शन एवं पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम, सौर सुजला, जल जीवन मिशन, एकल खिड़की प्रणाली आधार, लोक सेवा केंद्र, उद्योग में स्थानीय व्यक्तियों के रोजगार प्रोत्साहन एवं विाीय साक्षरता, गागर फीडर डेम मॉडल, यातायात जागरूकता, नालंदा परिसर मॉडल, आदि प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तातापानी स्थित तपेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की…
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में तातापानी स्थित तपेश्वर महादेव मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की समृद्धि और खुशहाली की कामना की। श्री साय संक्रांति परब तातापानी महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर तातापानी पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री साय ने तपेश्वर महादेव पर जल का अर्घ्य देकर तपेश्वर महादेव के विशाल प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर पर श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया।
बच्चों के साथ पतंगबाजी का लिया आनन्द
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस दौरान स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी एवं हिंदी माध्यम स्कूल व गुरुकुलम के बच्चों नैतिक चौरसिया, अंश हलदार, यश गुप्ता, श्रेष्ठ सोनी, नमन थानदार के साथ चकरी एवं मांझा थाम कर पतंगबाजी का आनन्द लिया।
मुख्यमंत्री ने चारपाई में बैठकर तिलकुट और लड्डू का चखा स्वाद
मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रांगण में चारपाई पर बैठकर तिलकुट और तिल के लड्डू का स्वाद चखा। इस दौरान कृषि मंत्री, अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी लड्डू का आनंद लिया।ऐसी धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान के साथ तिलकुट व तिल के लड्डू को खाया जाता है।
तातापानी महोत्सव बना सर्वधर्म समभाव का प्रतीक
300 बेटियों के हाथ हुए पीले
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नवदंपतियों को दिया आशीर्वाद
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर तातापानी महोत्सव में छाीसगढ़ की सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता की अनूठी मिसाल देखने को मिली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में 300 नवयुगल परिणय सूत्र में बंधे। यह महोत्सव सर्वधर्म समभाव का प्रतीक बनकर उभरा, जहां हिंदू, मुस्लिम और क्रिश्चियन रीति-रिवाजों के साथ विवाह संपन्न हुए।
सर्वधर्म समभाव
की अद्भुत मिसाल

मुख्यमंत्री ने कहा, यह मेरे लिए गौरव का विषय है कि आज 300 बेटियों के हाथ पीले हो रहे हैं। यह आयोजन न केवल गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए संबल है, बल्कि समाज में एकता और सौहार्द का संदेश भी देता है। इस सामूहिक विवाह में 291 जोड़ों का विवाह हिंदू परंपरा के अनुसार मंत्रोच्चार और सात फेरों के साथ हुआ। एक मुस्लिम जोड़े का निकाह मौलाना ने कराया, जबकि आठ जोड़ों ने क्रिश्चियन परंपरा के अनुसार पादरी की उपस्थिति में एक-दूसरे के प्रति वफादारी का वचन लिया।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना बनी सहारा
कार्यक्रम में कन्या विवाह योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में सहायता दी गई। कुसमी विकासखंड के जलबोधा गांव की सुश्री कुंती नगेशिया, जो दोनों आंखों से देख नहीं सकतीं, ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, मेरी आर्थिक स्थिति और दिव्यांगता के कारण विवाह की राह मुश्किल थी। आज मुख्यमंत्री के आशीर्वाद और इस योजना की मदद से मेरा विवाह संपन्न हुआ। जॉनसन तिर्की, रिंता केरकेट्टा और अल्ताफ खान के परिवारों ने भी इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल समाज के सभी वर्गों को जोड़ने और उनकी जरूरतों को पूरा करने का अनूठा प्रयास है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के साथ मंत्री श्री रामविचार नेताम, अनेक जनप्रतिनिधियों और हजारों लोगों ने नवदम्पतियों को आशीर्वाद दिया। सभी ने मिलकर इस आयोजन को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बना दिया।
समाज में सौहार्द का संदेश
मुख्यमंत्री ने नवदम्पतियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, आपसी सम्मान, भरोसे और जिम्मेदारी से अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाएं। यह सामूहिक विवाह समाज में एकता, प्रेम और सौहार्द का संदेश है।
छाीसगढ़ शासन द्वारा संचालित यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि गरीब परिवारों के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तातापानी महोत्सव और मकर संक्रांति का यह संगम न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का उत्सव था, बल्कि यह उम्मीदों का नया सूरज भी लेकर आया।
तातापानी महोत्सव बना सर्वधर्म समभाव का प्रतीक
300 बेटियों के हाथ हुए पीले
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नवदंपतियों को दिया आशीर्वाद

मकर संक्रांति के पावन अवसर पर तातापानी महोत्सव में छाीसगढ़ की सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता की अनूठी मिसाल देखने को मिली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में 300 नवयुगल परिणय सूत्र में बंधे। यह महोत्सव सर्वधर्म समभाव का प्रतीक बनकर उभरा, जहां हिंदू, मुस्लिम और क्रिश्चियन रीति-रिवाजों के साथ विवाह संपन्न हुए।
सर्वधर्म समभाव
की अद्भुत मिसाल

मुख्यमंत्री ने कहा, यह मेरे लिए गौरव का विषय है कि आज 300 बेटियों के हाथ पीले हो रहे हैं। यह आयोजन न केवल गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए संबल है, बल्कि समाज में एकता और सौहार्द का संदेश भी देता है। इस सामूहिक विवाह में 291 जोड़ों का विवाह हिंदू परंपरा के अनुसार मंत्रोच्चार और सात फेरों के साथ हुआ। एक मुस्लिम जोड़े का निकाह मौलाना ने कराया, जबकि आठ जोड़ों ने क्रिश्चियन परंपरा के अनुसार पादरी की उपस्थिति में एक-दूसरे के प्रति वफादारी का वचन लिया।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना बनी सहारा
कार्यक्रम में कन्या विवाह योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में सहायता दी गई। कुसमी विकासखंड के जलबोधा गांव की सुश्री कुंती नगेशिया, जो दोनों आंखों से देख नहीं सकतीं, ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, मेरी आर्थिक स्थिति और दिव्यांगता के कारण विवाह की राह मुश्किल थी। आज मुख्यमंत्री के आशीर्वाद और इस योजना की मदद से मेरा विवाह संपन्न हुआ। जॉनसन तिर्की, रिंता केरकेट्टा और अल्ताफ खान के परिवारों ने भी इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल समाज के सभी वर्गों को जोड़ने और उनकी जरूरतों को पूरा करने का अनूठा प्रयास है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के साथ मंत्री श्री रामविचार नेताम, अनेक जनप्रतिनिधियों और हजारों लोगों ने नवदम्पतियों को आशीर्वाद दिया। सभी ने मिलकर इस आयोजन को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बना दिया।
समाज में सौहार्द का संदेश
मुख्यमंत्री ने नवदम्पतियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, आपसी सम्मान, भरोसे और जिम्मेदारी से अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाएं। यह सामूहिक विवाह समाज में एकता, प्रेम और सौहार्द का संदेश है।
छाीसगढ़ शासन द्वारा संचालित यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि गरीब परिवारों के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तातापानी महोत्सव और मकर संक्रांति का यह संगम न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का उत्सव था, बल्कि यह उम्मीदों का नया सूरज भी लेकर आया।
ढाई एकड़,टू-व्हीलर या 15 हजार रुपए मासिक कमाने वाले
हितग्राहियों को भी मिलेगा प्रधानमंत्री आवास
वन भूमि पट्टाधारियों के निधन उपरांत अब फौती कटेगा

मकर संक्रांति के अवसर पर तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के किसानों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि खरीफ वर्ष 2024-25 के तहत धान खरीदी प्रक्रिया 14 नवम्बर 2024 से प्रारंभ हो चुकी है, जिसमें 27 लाख से अधिक किसानों का समर्थन मूल्य पर पंजीयन हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार भी प्रदेश में बम्पर धान उत्पादन हुआ है और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य समय पर मिले। उन्होंने घोषणा की कि धान खरीदी समाप्त होने के सप्ताह भर के भीतर किसानों को अंतर की राशि एकमुश्त अंतरित कर दी जाएगी।
सुशासन की मिसाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ वर्ष 2022-23 की अंतर की राशि सुशासन दिवस यानी 25 दिसंबर 2023 को किसानों के खातों में अंतरित की गई थी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस वर्ष भी किसानों को समय पर भुगतान कर उनके हितों की रक्षा की जाएगी।
विकास कार्यों का
लोकार्पण और भूमिपूजन
श्री साय ने महोत्सव के दौरान 177 करोड़ों रुपए से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत प्रदेश में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा ग्रामीणों, किसानों, महिलाओं और आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम जनमन योजना और जनजाति उत्कर्ष योजना जैसे कार्यक्रमों से लाखों परिवारों को लाभ मिल रहा है। 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति शपथ ग्रहण करने के दूसरे दिन दे दिए थे, केंद्र सरकार से 08 लाख 47 हजार आवासों की स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने कहा विगत दिनों केंद्र सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रायपुर में 3.88 लाख नए आवासों की सौगात भी दी है। श्री साय ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब ढाई एकड़, टू व्हीलर या 15 हजार रुपए मासिक कमाने वाले हितग्राहियों को भी प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार में आते ही तेन्दूपाा पारिश्रमिक दर 4 हजार से बढ़ाकर 5500 रुपए कर दिए हैं और बोनस की राशि भी वितरण शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वन भूमि पट्टा धारियों के निधन उपरांत अब फौती कटेगा ताकि उनके उाराधिकारी को उसका लाभ मिल सके। उन्होंने इन योजनाओं से समाज के कमजोर वर्गों के जीवनस्तर में सुखद बदलाव लाने का काम किया है।
प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री श्री रामविचार नेताम ने आमसभा को संबोधित करते हुए कहा तातापानी महोत्सव के अलावा यह संगम स्थल भी है। मकर संक्रांति पर्व ऋतु परिवर्तन का संदेश देती है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री मोदी की गारंटी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की वजह से प्रदेश के लाखों परिवारों के चेहरे में चमक आई है, खुशियां बिखरी है।
इस अवसर पर सामरी विधायक श्रीमती उद्देश्वरी पैकरा, प्रतापपुर विधायक श्रीमती शंकुतला पोर्ते, सरगुजा विधायक श्री राजेश अग्रवाल, लुंड्रा विधायक श्री प्रबोध मिंज, पूर्व गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, सरगुजा कमिश्नर श्री नरेंद्र दुग्गा, आई.जी. श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर श्री राजेंद्र कटारा, पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल एवं जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रेना जमील सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तातापानी स्थित तपेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की…
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में तातापानी स्थित तपेश्वर महादेव मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की समृद्धि और खुशहाली की कामना की। श्री साय संक्रांति परब तातापानी महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर तातापानी पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री साय ने तपेश्वर महादेव पर जल का अर्घ्य देकर तपेश्वर महादेव के विशाल प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर पर श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया।
बच्चों के साथ पतंगबाजी का लिया आनन्द
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस दौरान स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी एवं हिंदी माध्यम स्कूल व गुरुकुलम के बच्चों नैतिक चौरसिया, अंश हलदार, यश गुप्ता, श्रेष्ठ सोनी, नमन थानदार के साथ चकरी एवं मांझा थाम कर पतंगबाजी का आनन्द लिया।
मुख्यमंत्री ने चारपाई में बैठकर तिलकुट और लड्डू का चखा स्वाद
मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रांगण में चारपाई पर बैठकर तिलकुट और तिल के लड्डू का स्वाद चखा। इस दौरान कृषि मंत्री, अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी लड्डू का आनंद लिया।ऐसी धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान के साथ तिलकुट व तिल के लड्डू को खाया जाता है।


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