1.54 लाख नकद समेत 20 लाख के सामान जत

अंबिकापुर,14 जनवरी 2025 (घटती-घटना)। सरगुजा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सटोरिया सुधीर गुप्ता के ठिकाने पर दबिश देकर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मौके से पुलिस ने 15 बैंकों के बैंक एकाउंट के पासबुक, एटीएम, चेकबुक बरामद किया है। सिर्फ एक बैंक से 15 करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांजेक्शन होना पाया गया है। एसपी योगेश पटेल ने कहा कि मामला महादेव सट्टा एप से जुड़ा हो सकता है। मुख्य आरोपी फरार है। सट्टे की रकम एक अरब रूपये तक होने की आशंका है।
कोतवाली पुलिस को सोमवार को मुखबिर से सूचना मिली कि शहर के जय स्तंभ चौक निवासी सरगुजा साइकिल स्टोर के सामने वाली गली में रहने वाले सुधीर गुप्ता द्वारा क्रिकेट मैच में रुपयों-पैसों का दांव लगाकर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस व साइबर सेल की टीम ने एसपी योगेश पटेल के निर्देश पर रात में सुधीर गुप्ता के घर पर दबिश दी। इस दौरान 3 युवक बिलासपुर चौक निवासी राहुल अग्रवाल उर्फ विक्की पिता प्रयागराज 27 वर्ष, महामाया रोड निवासी श्रीकांत अग्रवाल पिता स्व. बाबूलाल 46 वर्ष व चांदनी चौक मायापुर के शास्त्रीनगर निवासी राहुल कुमार सोनी पिता शंकर प्रसाद सोनी 23 वर्ष टीवी पर क्रिकेट लीग मैच देखते मिले। उनके पास ही टेबल पर एटीएम कार्ड, पास बुक,चेक बुक,क्यूआर स्टैण्ड, मोबाइल, रजिस्टर, रुपए व अन्य सामान रखे हुए थे। इसके बाद पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरु की। इस पर तीनों ने लाखों रुपए का दांव लगवाकर क्रिकेट मैच में सट्टा खिलाने की बात स्वीकार की। पुलिस की पूछताछ में तीनों ने बताया कि मुख्य सटोरिए सुधीर गुप्ता द्वारा राहुल अग्रवाल उर्फ विक्की के व्हाट्सएप नंबर में एक गु्रप बनाया गया है। इसमें ही विन बज पोर्टल के माध्यम से गु्रप के सदस्यों को ऑनलाइन सट्टा खेलाने की बात कही। उन्होंने बताया कि सट्टा खेलने वाले एवं अन्य लोगों से आधार कार्ड व पेन कार्ड की छायाप्रति के माध्यम से उनके नाम पर विभिन्न बैंकों में खाता खोलवाकर एटीएम कार्ड, पास बुक, चेक बुक लिया गया है। वहीं मोबाइल में सिम डालकर फोन पे, गुगल पे, पेटीएम के माध्यम से रुपयों का लेन-देन करते हैं। तीनों आरोपियों ने बताया कि वे अर्जुन गुप्ता के साथ मिलकर दूसरे व्यक्तियों के नाम का आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर, पास बुक तीनों की फोटोकॉपी से बिना धारक के उपस्थिति में क्यूआर कोड स्कैनर जनरेट कराने की बात स्वीकार की। इस पर पुलिस ने उनकी निशानदेही पर शहर के शिकारी रोड नाला के पास रहने वाले निवासी अर्जुन गुप्ता पिता श्याम सुंदर गुप्ता 20 वर्ष को हिरासत में लिया। पूछताछ में अर्जुन गुप्ता ने सट्टा खेलने व खेलवानी में सहयोग करने की बात कही। इसके बाद पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के कजे से 234 नग एटीएम कार्ड, विभिन्न कम्पनी का सिम 77 नग, विभिन्न बैंको के चेकबुक 78 नग, मोबाइल 73 नग, विभिन्न बैंको का पासबुक 81 नग, विभिन्न यूपीआई का बार कोड स्कैनर 8 नग, अलग-अलग व्यक्तियों का मूल आधार कार्ड 13 नग, पेन कार्ड की छायाप्रति 4 नग, आधार कार्ड की छायाप्रति 4 नग, विभिन्न बैंकों में जमा किये रकम की जमा पावती 7 नग, न्यायालय का सुपूर्दनामा आदेश की छायाप्रति 1 प्रति, निकासी पर्ची भरा फार्म 1 प्रति, आनलाइन सट्टा-पट्टी 22 नग, एलईडी टीव्ही, वायर, जियो कम्पनी का वाई-फाई, सेटअप बाक्स 1 सेट व 1 लाख 54 हजार 100 रुपए, कुल 20 लाख रुपए बरामद किया गया है। पुलिस ने चारों आरोपियों राहुल अग्रवाल उर्फ विक्की, श्रीकांत अग्रवाल, राहुल कुमार सोनी व अर्जुन गुप्ता को छाीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम की धारा 7, 8 एवं 336(3), 338, 61(2) बीएनएस का अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने मंगलवार को चारों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। मामले में फरार मुख्य आरोपी सुधीर गुप्ता की पुलिस खोजबीन में जुटी है।
कार्रवाई में कोतवाली निरीक्षक मनीष सिंह परिहार, साइबर सेल प्रभारी एसआई सीपी तिवारी, सम्पत पोटाई, रम्भा साहू, एएसआई अजीत मिश्रा, अभिषेक दुबे, प्रधान आरक्षक भोजराज पासवान, रजनीकांत मिश्रा, महिला आरक्षक किरण अमरावती, आरक्षक शिव राजवाड़े, मंटूलाल गुप्ता, नितिन सिन्हा, अलोक गुप्ता, प्रवीण खलखो, दीपक दास, राहुल सिंह, संजीव चौबे, अशोक यादव, बीरेंद्र पैकरा, आनंद गुप्ता, विकास मिश्रा, विवेक राय व मनीष सिंह शामिल रहे।
दूसरों के नाम पर बैंक खाते
पुलिस ने सटोरियों के कजे से जत आधार कार्ड, पैन कार्ड, चेक बुक व मोबाइल धारकों से भी पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने बताया कि वे न तो बैंक गए, न ही खाता खुलवाया और न हीं फॉर्म पर हस्ताक्षर किया है। उन्होंने ये भी बताया कि उनके नाम पर किसने खाता खुलवाया और कौन उपयोग कर रहा है, यह भी पता नहीं है। ऐसे में यह बात सामने आई कि सटोरियों व सहयोगियों द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर खाता खुलवाया गया है। वहीं खाते से मोबाइल लिंक कराकर उसे अपने पास रखा गया है। इन मोबाइल व सिम का उपयोग वे बैंकों में रुपए का ट्रांजेक्शन करने में करते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपियों द्वारा फर्जी बैंक खाता खुलवाकर उसका उपयोग लेन-देन में किया जा रहा था। पुलिस ने आरोपियों के पास से बरामद बैंक खातों के संचालन पर रोक लगाने, ट्राजेक्शन डिटेल, केवाईसी फार्म प्रदाय करने, बैंक खातों की एटीएम कार्ड के संचालन पर रोक लगाने की कार्रवाई की जा रही है।