चंडीगढ़@पंजाब में 100 प्रतिशत से अधिक बना आधार कार्ड

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यूआईडीआईए के आंकड़ों ने उठाए कई सवाल
चंडीगढ़,11 जनवरी 2025 (ए)।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी हालिया आंकड़ों ने पंजाब में एक चौंकाने वाली स्थिति को उजागर किया है। राज्य में आधार कार्ड की संख्या अनुमानित जनसंख्या से 1.57 प्रतिशत अधिक है। यूआईडीआईए के मुताबिक, पंजाब की अनुमानित जनसंख्या 3.07 करोड़ है, जबकि आधार कार्ड की संख्या 3.12 करोड़ दर्ज की गई है। इस विसंगति ने न केवल प्रशासनिक स्तर पर बल्कि आम लोगों के बीच भी बहस छेड़ दी है।
आंकड़ों का विश्लेषण क्या कहता है?
यूआईडीआईए के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में कुल 3,07,30,000 लोगों की अनुमानित जनसंख्या है। जबकि आधार कार्ड की संख्या 3,12,12,535 है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आधार कार्ड की संख्या अनुमानित जनसंख्या से अधिक है। यह आंकड़ा कई सवाल खड़े करता है।
क्यों उठा सवाल?
यह सवाल इसलिए खड़ा हुआ है कि एक राज्य में 100 प्रतिशत से अधिक आधार कार्ड कैसे जारी हो सकते हैं? विशेषज्ञ इसे कई संभावित कारणों से जोड़ रहे हैं, जिनमें दोहरा नामांकन, प्रवासी आबादी, मृत व्यक्तियों के आधार कार्ड और आंकड़ों में तकनीकी त्रुटियां शामिल हैं।
क्या आंकड़ों में कोई त्रुटि है?
क्या किसी व्यक्ति ने एक से अधिक आधार कार्ड बनवाए हैं?
क्या आंकड़ों में प्रवासी आबादी को शामिल किया गया है?
इस स्थिति के कई संभावित कारण हो सकते हैं
आंकड़ों में त्रुटिः आंकड़ों को इकट्ठा करने और संकलित करने के दौरान कुछ त्रुटियां हो सकती हैं। यह मानवीय त्रुटि या तकनीकी खराबी के कारण हो सकता है।
दोहरा नामांकनः हो सकता है कि कुछ लोगों ने एक से अधिक बार आधार कार्ड बनवाया हो। यह जानबूझकर या गलती से हो सकता है।
प्रवासी आबादीः पंजाब में प्रवासी आबादी भी हो सकती है, जिसने भी आधार कार्ड बनवाया हो।
मृत व्यक्तियों के आधार कार्डः हो सकता है कि कुछ मृत व्यक्तियों के आधार कार्ड को अभी तक डेटाबेस से नहीं हटाया गया हो।
इस स्थिति के आखिर क्या परिणाम हो सकते हैं?
सरकारी योजनाओं में गड़बड़ीः आधार कार्ड को कई सरकारी योजनाओं में पहचान के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यदि आंकड़ों में त्रुटि है तो इससे इन योजनाओं में गड़बड़ी हो सकती है।
पहचान चोरी का खतराः यदि किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक आधार कार्ड है तो इससे उसकी पहचान चोरी होने का खतरा बढ़ जाता है।
अन्य समस्याएंः इस स्थिति के कारण कई अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि मतदान में धांधली और अपराध में वृद्धि।
इस समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
आंकड़ों का पुनः सत्यापनः यूआईडीआईए को आंकड़ों का पुनः सत्यापन करना चाहिए और त्रुटियों को ठीक करना चाहिए।
दोहरे नामांकन पर रोकः यूआईडीआईए को दोहरे नामांकन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
प्रवासी आबादी का डेटाः यूआईडीआईए को प्रवासी आबादी के डेटा को अलग से रखना चाहिए।
मृत व्यक्तियों के आधार कार्डः यूआईडीआईए को मृत व्यक्तियों के आधार कार्ड को डेटाबेस से हटाना चाहिए।
सरकार की जिम्मेदारी:
पंजाब में आधार कार्ड की संख्या में बढ़ोतरी एक गंभीर मुद्दा है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार और यूआईडीआईए को मिलकर काम करना होगा। हमें उम्मीद है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाएगा। यह समस्या केवल पंजाब तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश के कई अन्य राज्यों में भी देखने को मिलती है। धार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और इसका उपयोग कई महत्वपूर्ण कामों के लिए किया जाता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि आधार डेटाबेस में सही और अद्यतन जानकारी हो। रकार को आधार कार्ड के उपयोग को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।


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