- किसान के धान अब नहीं आ रहे हैं अब बिचौलिए व राइस मिलर से आने वाले धान चट पर चढ़ रहे
- धान खरीदी में व्यवस्था कुछ नहीं सिर्फ अपने आवक की चिंता में समिति के प्रबंधक व कर्मचारी
- कंप्यूटर ऑपरेटर विवेक बना समिति प्रबंधक, समिति प्रबंधक सतेश्वर बना कंप्यूटर ऑपरेटर ये दोनों मिलकर खरीदी केंद्र में कर रहे हैं गड़बड़ी:सूत्र
- क्या सोनपुर धान खरीदी केन्द्र में चल रही है प्रबंधक की तानाशाही?
- उपार्जन केंद्र में हम्माली करने को विवश अन्नदाता कृषकों को नहीं मिल रही किसी प्रकार की सुविधा
- कीसानो से 40 किलो 700 ग्राम की जगह कीसानो से लिया जा जा रहा है 41 कीलो 200 ग्राम धान क्यों?
- आखिर कौन है समिति प्रबंधक पर मेहरबान?
-शमरोज खान-
सूरजपुर,09 जनवरी 2025 (घटती-घटना)। धान खरीदी अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है अब समाप्ति के साथ गड़बड़ी होने की आशंका भी बढ़ती जा रही है, किसान अपनी धन लगभग बेच चुके हैं पर चट्टा से बोरियां काम नहीं हो रही जबकि उठाओ भी लगातार हो रहे हैं ऐसे में अब इस बात की आशंका अधिक हो गई है कि अब बाहरी धन किसान के बच्चे खाते में डालकर बिचौलिए राइस मिलर सहित समिति प्रबंधक व कर्मचारी अब भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिए, पर यह बात शायद कार्यवाही करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के बीच समझ में नहीं आ रहा है, जिस वजह से वह भी इनके इस फार्मूले से अनजान है, पर इस फार्मूले में धान खरीदी समिति के प्रबंधक मालामाल हो जाएंगे, यह अब तय माना जा रहा है कुछ ऐसा ही मामला इस समय सोनपुर धान खरीदी केंद्र का भी सामने आ रहा है, जहां पर मनमानियां का दौरा बढ़ा हुआ है साथ ही वहां पर जो समिति प्रबंधक था वह ऑपरेटर हो गया है और जो कहीं पर कंप्यूटर ऑपरेटर था वह समिति प्रबंधक हो गया है, दोनों की मिलीभगत से जमकर अब धान खरीदी में भ्रष्टाचार हो रही है ऐसा सूत्रों का दावा है।
सूरजपुर जिले के भैयाथान लाक अंतर्गत सोनपुर धान खरीदी केंद्र में प्रबंधक द्वारा मजदूरों को काम पर नहीं लगाया गया है, परिणाम स्वरूप केंद्र में धान बेचने आ रहे किसानों को ही विवशता में हम्माली करनी पड़ रही है। मजबूरीवश किसानों को अपने लाए हुए धान को स्वयं ही केंद्र से मिले बारदानों में धान की पलटी कर, सिलाई करके छल्ली लगाना पड़ रहा है, लेकिन जिम्मेदारों ने सब जानने के बाद भी अपनी आंखे बंद रखी हुई है। धान खरीदी के लिए शासन द्वारा जारी किया गया दिशा निर्देश की जानकारी क्षेत्र के किसानों को नहीं होने का पूरा फायदा धान खरीदी प्रबंधक द्वारा उठाया जा रहा है। यहां प्रबंधक के तानाशाही का आलम यह है कि उपार्जन केंद्र में बारदाना और टोकन के लिए किसान घंटो इंतजार करते रहते हैं। सोनपुर धान खरीदी केन्द्र में प्रबंधक द्वारा न तो किसानों के बैठने के लिए व्यवस्था किया है और न ही पीने के पानी की सुविधा की गई है। सोनपुर खरीदी केंद्र में इन तमाम कमियों के कारण किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इस मामले में अभी तक जिम्मेदार प्रशासन द्वारा गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसानों ने बताया कि सोनपुर उपार्जन केंद्र में यह समस्या हर साल होती है जिसके कारण हम किसान खुद ही मजदूर व सूजा, सुतली, तौल के लिए कांटा स्वयं लेकर आते हैं और यहां का सारे कार्य करते हैं। किसानों ने बताया ट्रेक्टर से धान उतार कर बारदाना में भरते हैं, उसके बाद खुद ही तौल करते हैं, तौल करने के बाद धान से भरे बारदाने को कंधे पर उठाकर छल्ली लगाते हैं।
सतेश्वर पर पूर्व में भी धान खरीदी में गड़बड़ी के मामले में हो चुका है एफआईआर
सूत्रों के अनुसार सतेश्वर साहू जो इस समय कंप्यूटर ऑपरेटर सोनपुर धान खरीदी केंद्र के बनाए गए हैं जबकि उनके ऊपर 2019-20 के धान खरीदी के समिति प्रबंधक थे उसे दौरान इनके खरीदी में गड़बड़ी पाए जाने पर उनके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज हुआ था इस बार इन्हें सिर्फ पर्दे के पीछे रख के पूरा काम कराया जा रहा है क्योंकि यह काफी अनुभवी है और धान खरीदी केंद्र में गड़बड़ी करने का इन्हें काफी लंबा अनुभव है, जिस वजह से वह पर्दे के पीछे से धान खरीदी में गड़बड़ी कर रहे हैं ऐसा सूत्रों का दावा है।
प्रबंधक की चल रही तानाशाही
धान की खरीदी के लिए सोनपुर उपार्जन केंद्र में प्रबंधक वीवेक चोरसिया को लगाया गया है, पर इसकी तानासाही रवैया कम नहीं दिख रहा है। जिस वजह से किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। स्थिति यह है कि किसानों को केंद्र में सूजा, सुतली व कांटा तक नहीं मिलता है। उपार्जन केंद्र में धान की खेप लाने वाले किसान स्वयं से सूजा, सुतली, कांटा व मजदूरों लेकर आते हैं, और काफी मशक्कत करने के बाद केंद्र से मिले बारदाना में धान की पलटी कर सिलाई व तौल कर, लाट में छल्ली लगा रहे है। किसानों को कथित प्रबंधक द्वारा किसी प्रकार की सुविधा केन्द्र में नहीं दी जा रही है। यहाँ न तो बैठने की व्यवस्था और न ही पीने के पानी की सुविधा की गई है।
किसानों को नहीं मिल रही सुविधा
शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान क्रय विक्रय के लिए भले ही किसानों के हित में व्यवस्था बनाई गई है, ताकि धान विक्रय के लिए केंद्र में आने वाले किसानों को किसी भी तरह की असुविधा न होने पाए और जिले के कलेक्टर के द्वारा भी सख्त निर्देश दिया गया है कि किसानों को खरीदी केंद्रों में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। लेकिन सोनपुर उपार्जन केंद्र में किसानों का लगातार शोषण हो रहा है। यहाँ किसानों को किसी तरह की कोई सुविधा नहीं दी जा रही, यहां तक कि पीने का पानी तक किसानों को नहीं मिल पा रहा है। बारदाना व टोकन के लिए भी किसानों को केंद्र में घंटों इंतजार करते हुए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं किसानों का कहना है कि धान की उपज हमारा है और बिक्री करना है, इसलिए हम लोग उपार्जन केंद्र का सारा कम मजबूरी में स्वयं करते है।