- कोरिया जिले के प्लेसमेंट कर्मचारियों के कर्ताधर्ता ने लगाया फोन, कहा नहीं होती शराब में कोई मिलावट, शराब लेने वाले काउंटर छोड़ने से पहले शराब की कराएं जांच,काउंटर छोड़ने के बाद मिलावट की नहीं है हमारी जिम्मेदारी
- क्या अब शराब दुकान के सामने ही शराब पीना होगा तभी सही की मिलेगी गारंटी,शराब प्रेमियों को उसके बाद मिलावट मिलने पर करनी होगी जांच?
- क्या हेक्शामीटर से दुकान से सामने शराब की जांच के लिए तैयार हैं कोऑर्डिनेटर?
- इस समय प्लेसमेंट कर्मचारियों के कर्ताधर्ता बने हुए हैं भाजपा नेताओं के रिश्तेदार व खुद भाजपा समर्थित लोग
- मिलावट की खबर प्रकाशन होने पर प्लेसमेंट कर्मचारियों के कर्ताधर्ता का आया फोन…बताया हम है कर्ताधर्ता नहीं होती है मिलावट
-जिला प्रतिनिधि-
बैकुंठपुर,31 दिसंबर 2024 (घटती-घटना)। प्रदेश में वहीं जिले में जबसे शराब दुकानों का संचालन शासकीय स्वरूप में हो रहा है तभी से शराब में मिलावट की बात भी लगातार सामने आती रहती है और मदिरा प्रेमी शराब में मिलावट को लेकर हमेशा आरोप लगाते रहते हैं। वैसे तो शराब में मिलावट की बात शासकीयकरण के बाद ज्यादा सुनाई देने लगी थी, लेकिन विगत कुछ दिनों कुछ माह से इस मिलावट की बात का और हो हल्ला शुरू हुआ है और वह भी तबसे जबसे प्लेसमेंट कंपनी ने निगरानी के लिए स्थानीय युवकों को जिम्मेदारी प्रदान कर दी और उन्हें अधिकार दे दिया कि वह निरीक्षण करें साथ ही कर्मचारियों की निगरानी कर उनकी गलतियां पकड़े और उन्हें चेतावनी दें या कार्य से पृथक करें वहीं जिन्हे प्लेसमेंट कंपनी ने निगरानी निरीक्षण और अन्य सभी जिम्मेदारिया सौंपी वह लोग अब निरीक्षण निगरानी कर तो रहे हैं लेकिन अब उसकी आड़ में वह कर्मचारियों पर नकेल डालकर शराब की शुद्धता के लिए प्रयास नहीं कर रहे हैं वह लोग अब कर्मचारियों से ही शराब में मिलावट की जिद कर रहे हैं और उसके एवज में वह उन्हें काम पर बने रहने की गारंटी दे रहे हैं। कुछ शराब दुकान के ही प्लेसमेंट कर्मचारियों की माने तो अब उनका दुकान में काम करना स्थाई जैसा ही बना रहेगा ऐसा नहीं लगता,कर्मचारियों के अनुसार उन्हें शराब में मिलावट के लिए मजबूर किया जाता है और ऐसा न करने पर उन्हें काम से पृथक करने की धमकी दी जाती है।
क्या शराब दुकान के अंदर भी रहेगा सीसीटीवी कैमरा ताकि उपभोक्ताओं को मिलावट की ना रहे फिक्र?-
अब खबर के माध्यम से यह मांग पुनः की जा रही है कि सभी शराब दुकानों के सभी कमरों में सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए और उसका डिस्प्ले बाहर दिखाया जाए जिससे अंदर की सभी तस्वीर लोग देख सकें और उन्हें शुद्धता की फि़क्र न करनी पड़े। वैसे यह मांग शराब प्रेमियों की भी है और वह मानते हैं कि यदि सीसीटीवी कैमरा हर कमरे में लग जाए और उसका डिस्प्ले कार्यविधि में बाहर दिखाया जाए शराब की शुद्धता से कोई खिलवाड़ नहीं कर सकेगा।
शराब में मिलावट के लिए मजबूर करते है?
शराब में मिलावट को लेकर शराब दुकान के कर्मचारियों की यह बात नाम ना बताने की शर्त पर बताया की उन्हें अब स्थानीय स्तर के वह लोग शराब में मिलावट के लिए मजबूर करते हैं जो प्लेसमेंट कंपनी के ही तरफ से उनकी निगरानी के लिए नियुक्त हैं वरना वह शराब में मिलावट नहीं करते यह मानना बिल्कुल सही नहीं है और इसे इस तरह समझना होगा कि शराब में अब पहले से अधिक मिलावट करना पड़ रहा है और जिससे शराब प्रेमियों की सेहत पर खतरा मंडरा सकता है इसलिए कर्मचारी अब डरे हुए हैं और वह प्लेसमेंट कंपनी के उन निगरानी कर्ताओं के विरुद्ध दबी जुबान से शिकायत कर रहे हैं जिन्हें प्लेसमेंट कंपनी ने निगरानी के लिए रखा है वहीं पूरा मामला मिलावट की आय में हिस्सेदारी बढ़ने की भी है। जबसे स्थानीय स्तर के लोगों को निगरानी के लिए प्लेसमेंट कंपनी के द्वारा रखा गया है तबसे दुकान के कर्मचारियों को मिलावट में से हिस्सा देना पड़ रहा है यह बड़ी वजह है इन विवादों की।
क्या कर्मचारियों को निकालने व रखने में भी वसूला जाता है पैसा?
सूत्रों की माने तो प्लेसमेंट के निरीक्षणकर्ता अब कर्मचारियों को बाहर निकालने की धमकी देते हैं और उनसे पैसे ऐंठते हैं। बताया यह भी जाता है या तो उनके कहने पर कर्मचारी शराब में पानी मिलाएं यदि वह ऐसा नहीं करते तो उन्हें निकालने की धमकी दी जाती है या पैसा मांगा जाता है। कर्मचारी काफी परेशान हैं और वह अपना दुखड़ा कहां कहें इस बात से वह चिंतित हैं।
क्या आबकारी विभाग व प्लेसमेंट कर्मचारियों के कर्ताधर्ताओं के बीच है साठगांठ?
वैसे सवाल यह भी उठता है कि क्या आबकारी विभाग और प्लेसमेंट कर्मचारियों के कर्ताधर्ताओं के बीच सांठगांठ है। जो काम आबकारी विभाग का है उसे अब प्लेसमेंट कर्मचारियों के कर्ताधर्ता कर रहे हैं और निरीक्षण से लेकर शराब की गुणवाा की वह खुद गारंटी दे रहे हैं। वैसे यदि ऐसा है तो फिर आबकारी विभाग का होना नहीं होना ही सवालों के घेरे में है क्योंकि जो काम उसे करना है जिस शराब की शुद्धता और उसकी गुणवाा का उसे ख्याल रखना है उसकी सभी जिम्मेदारी कोई और उठा रहा है।
निगरानी कर्ताओं की तरफ से पत्रकार को आया फोन
वैसे पूरे मामले में हाल ही में एक खबर दैनिक घटती-घटना ने प्रकाशित की थी और उसके बाद ही प्लेसमेंट कंपनी के उन निगरानी कर्ताओं की तरफ से पत्रकार को फोन आया था और उनकी तरफ से दावा किया गया था कि शराब में मिलावट की बात कोरी अफवाह है और वह सभी मदिरा प्रेमियों को छूट देते हैं कि यदि वह शराब लेकर तुरंत यह साबित कर दें कि दुकान के सामने ही की मिलावट हुई है वह कार्यवाही करेंगे वहीं दुकान से आगे की जिम्मेदारी उनकी नही। वैसे दैनिक घटती -घटना ने शराब दुकानों की अव्यवस्था और मिलावट की शिकायत के लिए कई बार यह मांग शासन प्रशासन से पहले भी की है कि सभी शराब दुकानों के अंदर के प्रत्येक कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और उनका डिस्प्ले बाहर दिखाया जाए जिससे सभी यह देख सके कि अंदर क्या हो रहा है। बताया जाता है कि अंदर में सीसीटीवी कैमरा न होना ही मिलावट के लिए जिम्मेदार है और यदि अंदर भी सीसीटीवी कैमरा लग जाए मिलावट बंद हो जाए। बातें कोई कुछ भी कहे और कितने भी दावे करे लेकिन यह भी सत्य है कि हेक्शामीटर का प्रयोग यदि लोग करने लगें दूध का दूध पानी का पानी रोज होने लगे और प्रतिदिन का विवाद सामने आता रहे। वैसे सरगुजा में कुछ लोगों ने हेक्शामीटर का उपयोग कर साबित किया भी था कि मिलावट हुई है लेकिन उसमें कुछ हुआ नहीं था। अब देखना है कि क्या शासन प्रशासन मिलावट के मामले में ध्यान देगा और क्या वह सीसीटीवी कैमरा लगाकर अंदर की सभी तस्वीर बाहर डिस्प्ले होने देगे या नहीं?