- नगरपालिका के 80 प्रतिशत से अधिक काम उसी ठेकेदार को मिलना कहीं ना कहीं सेटिंग की ओर करता है ईशारा
- क्या ठेकेदार को ज्यादा काम मिलने में उपयंत्री मनोज पटेल की भूमिका मानी जाती है अहम?
- स्थानांतरण के डेढ साल बाद भी जमे हुए हैं उपयंत्री,अब एक बार संसोधित किया गया तबादला
- इस्टीमेट बनाने में ही किया जाता है सारा खेल जिसके बाद कम दर डालकर लिया जाता है काम,परेशान हैं अधिकांश ठेकेदार,मूर्ति निर्माण का कार्य मिला दूसरे ठेकेदार को…
-जिला प्रतिनिधि-
कोरिया 27 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)। नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर द्वारा अटल परिसर निर्माण कार्य की निविदा बुलाई गई थी उक्त कार्य उसी पार्षद पति ठेकेदार को मिला हुआ है जिसके द्वारा निर्माण कार्य का विरोध सिर्फ इसलिए कराया जा रहा है, क्योंकि निर्माण पहले उसी के वार्ड में होना था लेकिन बाद में स्थानीय विधायक की सलाह पर जगह बदल दिया गया। पूरे मामले में स्वार्थ वष विरोध कराया जाना अत्यंत हास्यप्रद है। यही नही उक्त ठेकेदार सत्तापार्टी से जुड़ा हुआ है और निकाय में पदस्थ उपयंत्री से सांठगांठ कर अपना उल्लू सीधा कर रहा है,निकाय के पार्षद ठेकेदार की मनमानी और घटिया निर्माण कार्य पर कभी उंगली नही उठा पाते और उक्त ठेकेदार से मिलकर चलते हैं जिसका फायदा उठाते हुए ठेकेदार द्वारा कांग्रेसी पार्षदों को आगे रखकर विरोध कराया जा रहा है जबकि पर्दे के पीछे से सारा खेल ठेकेदार द्वारा ही खेला जा रहा है। ठेकेदार सत्ता धारी दल से जुड़ा हुआ है और इस चाल से पार्टी की किरकिरी भी हो रही है।
15 प्रतिशत कम दर पर गुप्ता ब्रदर्स को मिला काम का ठेका
इस विषय पर घटती घटना अखबार ने 27 दिसंबर के अंक में खबर का प्रकाशन करते हुए बतलाया कि सारा खेल पार्षद पति ठेकेदार द्वारा खेला जा रहा है,जिसमें स्वार्थ सिद्व ना होने पर कांग्रेसी पार्षदो को आगे कर कलेक्टर कोरिया को ज्ञापन सौंपकर स्थल परिवर्तन ना करने की मांग की गई। खबर प्रकाशन के दि नही घटती घटना को उक्त ठेकेदार के फर्म गुप्ता बद्रर्ष एंड सप्लायर के नाम पर जारी कार्यादेष की प्रति हाथ लगी। जिसे देखने पर प्रतीत हो रहा है कि उक्त कार्य की स्वीकृति 12.17 लाख की थी जिसे 15 प्रतिशत कम दर पर उक्त ठेकेदार ने लिया है। सिर्फ विरोध इसलिए कराय जा रहा है कि पहले उक्त कार्य प्रेमाबाग तालाब में कराया जाना था लेकिन अब जगह बदलकर वार्ड क्रमांक 3 में उपभोक्ता फोरम के बगल में कराया जाना है। हलाकि जिस नए जगह पर निर्माण कार्य के लिए भूमिपूजन किया गया है वह जगह पहले से ज्यादा सही है मुख्य मार्ग के किनारे ऐसी जगह पर स्थित है जहां बड़ी संख्या में लोगो की आवाजाही रहती है,पूर्व मे जिस जगह का चयन किया गया था वहां काफी कम संख्या में लोगों का आना जाना है।
मूर्ति निर्माण का जिम्मा दूसरे ठेकेदार को…
नगरपालिका परिषद बैकुंठपुर द्वारा बीते 22 नवंबर को अटल परिसर निर्माण एवं अटल परिसर में भारत रत्न स्व.श्री अटल बिहारी बाजपेयी की मूर्ति स्थापना का निविदा प्रकाषन किया गया था,बतलाया जाता है कि इसमें से एक कार्य पार्षद पति ठेकेदार को मिला है जबकि मूर्ति स्थापना का कार्य किसी मूर्ति बनाने वाले बाहर के ठेकेदार को मिला है। मूर्ति बनाने के लिए 17.85 लाख की स्वीकृति मिली है।
नगरपालिका में सर्वाधिक काम एक ठेकेदार को मिलना सवालिया निषान, उपयंत्री मनोज पटेल की भूमिका संदिग्ध
बीते 10 वर्ष से देखने में मिल रहा है कि निकाय में जितने भी निविदा निकाली जाती है उसमे 80 प्रतिषत से अधिक काम गुप्ता ब्रदर्स एंड सप्लायर को ही मिल रहा है जो कि वर्तमान में भाजपा पार्षद के ठेकेदार पति का फर्म है। सूत्रों का दावा है कि नगरपालिका बैकुंठपुर में पदस्थ उपयंत्री मनोज पटेल इसमें मुख्य भूमिका निभाते हैं। एक ही ठेकेदार को उपकृत करने के पीछे कई तरह की चाल चली जा रही है। ऐसा समीकरण बैठाया जाता है कि काम किसी भी प्रकार से उसी ठेकेदार को मिल जाता है। आलम यह है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में मनमानी भी की जाती है,निर्माण कार्य में गुणवाा की भारी कमी है,लेकिन उपयंत्री उस ओर झांकना जरूरी नही समझते। आज जो कांग्रेसी पार्षद ठेकेदार के बहकावे पर विरोध कर रहे हैं खुद उनके ही वार्ड में घटिया निर्माण कराया गया है लेकिन कभी भी किसी कांग्रेसी पार्षद ने घटिया निर्माण कार्य का विरोध करने की हिम्मत नही उठाई। एक ही ठेकेदार को बार बार अधिक काम मिलना कई संदेहो को जन्म देता है।
सारा खेल कार्य का इस्टीमेट तैयार करने में
सूत्रों का दावा है कि उपयंत्री के द्वारा ठेकेदार से सांठगांठ कर पहले निर्माण कार्य का इस्टीमेट तैयार किया जाता है,पहले से दर अधिक रखी जाती है,जिससे कि ठेकेदार द्वारा 20 से 30 प्रतिशत कम दर पर भी काम लेने में कोई घाटा नही होता। पार्षद पति ठेकेदार द्वारा उपयंत्री से सांठगांठ कर सारा खेल नगरीय निकाय क्षेत्र के निर्माण कार्य में खेला जा रहा है।
परेशान हैं नगरपालिका में काम करने वाले दूसरे ठेकेदार
नगरपालिका बैकुंठपुर में निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार दर्जन की संख्या में है लेकिन देखने में मिलता है कि बीते 10-15 वर्ष से ही उसी ठेकेदार का बोलबाला है। नगरपालिका में कोई भी अध्यक्ष,पार्षद,अधिकारी या उपयंत्री हों सभी को अपने गिरफ्त में लेकर उक्त ठेकेदार द्वारा काम किया जा रहा है। उक्त ठेकेदार को समय पर भुगतान कर हर तरीके से उपकृत किया जाता है जबकि दूसरे ठेकेदारों को हर कार्य के लिए इतना घुमाया जाता है कि आज कई ऐसे ठेकेदार हैं जिन्होने नगरपालिका में काम करना ही बंद कर दिया है।
स्थानांतरण के डेढ साल बाद भी जमे हैं उपयंत्री मनोज पटेल…संसोधित हुआ तबादला आदेश
छत्तीसगढ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के द्वारा नगरपालिका परिषद बैकुंठपुर में पदस्थ उपयंत्री मनोज पटेल का स्थानांतरण गत वर्ष मई 2023 में बागबहरा किया गया था चिंताजनक है कि आज पर्यंत उपयंत्री को यहां से रिलीव नही किया गया जिससे कि उपयंत्री द्वारा ठेकेदार के साथ मिलकर उपकृत किया गया एवं मनमानी की जा रही है। अब डेढ साल बाद 24 दिसंबर को विभाग द्वारा उपयंत्री का आदेष संसोधित करते हुए नगर पंचायत प्रतापपुर पदस्थ किया गया है। देखने वाली बात होगी इस बार उन्हे यहां से रिलीव किया जाता है या फिर पार्षद पति ठेकेदार के बलबूते वे लंबे समय तक यहीं जमे रहते हैं।
क्या ठेकेदार की गिरफ्त में है नगरपालिका कार्यालय?
सूत्रों का दावा है कि नगरपालिका बैकुंठपुर कार्यालय इन दिनों उक्त ठेकेदार की गिरफ्त में है। आलम यह है कि कई अन्य ठेकेदार एवं स्वयं कई पार्षद भी अपने काम को लेकर परेशान रहते हैं लेकिन उक्त ठेकेदार का हर काम यहां आसानी से होता है। पत्नी पार्षद हैं इसलिए ठेकेदार द्वारा अधिकारी कर्मचारी पर दबाव बनाकर रखा जाता है। उपयंत्री द्वारा ठेकेदार का सारा काम कार्यालय के साथ साथ अपने आवास पर भी किया जाता है। उपयंत्री से गहरा संबंध होने के कारण ही ठेकेदार ने अन्य ठेकेदार को परेषान करते हुए अपा लंबा चैड़ा काम खड़ा कर लिया है,जबकि पुराने ठेकेदार आज संघर्ष के दौर से गुजर रहे हैं।