आयुर्वेद के लिए देश का प्रकृति प्रशिक्षण अभियान में पटना के डॉक्टर विवेक कुमार साहू ने 536 परीक्षण किया…
बैकुंठपुर,27 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)। देश का प्रकृति परीक्षण अभियान का प्रथम चरण संपन्न हो चुका है। हर घर आयुर्वेद के उद्देश्य और संकल्प स्वास्थ्य का, आधार आयुर्वेद का ध्येय वाक्य को साकार करने के लिए किए गए इस अभियान ने पूरे देश और प्रदेश को एक सूत्र में पिरो दिया। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए देश में हर घर आयुर्वेद और संकल्प स्वास्थ्य का आधार आयुर्वेद के तहत अभियान चलाया जा रहा है जिसमें सभी का परीक्षण किया जा रहा है इस प्रशिक्षण में पटना के डॉक्टर विवेक कुमार साहू ने अभी तक 536 परीक्षण किया।
डॉक्टर विवेक साहू ने बताया की छत्तीसगढ़ आज अत्यन्त अल्हादित और गौरवान्वित है कि उनके आयुर्वेद के सपूतों ने पूरे देश में इस राज्य का परचम लहराया है। छत्तीसगढ़ राज्य के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भारत सरकार से लेकर राज्य सरकार के आयुष से जुड़े नीति- नियंताओं द्वारा प्रदेश के कीर्तिमान की खुले दिल से प्रशंसा की जा रही है। राज्य के आयुर्वेद विधा से जुड़े प्रशासनिक अधिकारियों, महाविद्यालयों के प्राचार्य गणों, शिक्षकों, जिला आयुष अधिकारियों, शासकीय और संविदा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों, निजी चिकित्सकों और आयुर्वेद की नयी पीढ़ी यानि छात्र – छात्राओं ने बीते एक महीने के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। आप सभी के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि महज 3351 वालिंटियर्स के बलबूते तमाम बाधाओं के बावजूद अभियान के समापन यानि 25 दिसंबर 2024 तक कुल 4 लाख 45 हजार से अधिक नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया गया। इन आंकड़ों के बदौलत हम पूरे देश में जहां 9 वें पायदान पर हैं वहीं स्ट्राइक रेट के लिहाज से छत्तीसगढ़ तीसरे क्रम पर है। इस सफलता का असली हकदार आप सभी हैं। आप लोगों के समर्पण, सहयोग, सहभागिता, संबल और संयम का ही प्रतिफल है कि छत्तीसगढ़ ने आंकड़ों की दौड़ में अनेक बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया। इस अभियान को जहां हर पल,हर पायदान पर संचालनालय आयुष, छत्तीसगढ़ के संचालक महोदया और संयुक्त संचालक महोदय का सतत मार्गदर्शन और नेतृत्व प्राप्त हुआ वहीं माननीय स्वास्थ्य मंत्री ने हमें शुरुआत से ही प्रोत्साहन और संबल प्रदान किया जिसके बलबूते इस अभियान का हम गरिमापूर्ण तरीके से शुभारंभ और समापन कर पाए। हम आपके प्रति कृतज्ञ और अनुग्रहित हैं। मैं आप सभी शिक्षकों, चिकित्सकों और छात्रों के प्रति आत्मीय आभार व्यक्त करते हुए यही अपेक्षा रखता हूं कि भविष्य में भी ऐसे आयोजनों आपका सहयोग और सहभागिता निरंतर प्राप्त होते रहेगा। निः संदेह आप सभी के योगदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता लिहाजा मैं अपने हृदय के अंतस से आप सभी के प्रति आभार ज्ञापित करता हूं।