वार्ड में नही हो रहा निर्माण इसलिए कांग्रेस पार्षद दल के साथ मिलकर किया जा रहा विरोध?
पूर्व प्रस्तावित स्थल उपयुक्त नही इसलिए किया गया है नए स्थल का चयन
25 दिसंबर को किया गया है निर्माण कार्य का भूमिपूजन
कोरिया,26 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)। नगरपालिका परिषद बैकुंठपुर में वर्षो से ठेकेदारी कर अपनी दुकानदारी चलाने वाले भाजपा पार्षद पति द्वारा ही स्वार्थ सिद्वी वश अटल परिसार निर्माण स्थल का विरोध कराया जा रहा है, अटल परिसर निर्माण हेतु पूर्व में भाजपा पार्षद के वार्ड का चयन किया गया था हलांकि वह जगह उपयुक्त नही था इसलिए नगरपालिका ने स्थानीय विधायक और प्रशासन की सहमति पर नए और उपयुक्त जगह का चयन किया जिसके बाद 25 दिसंबर को निर्माण कार्य का भूमिपूजन भी कर दिया गया है। पूरे विरोध में भाजपा पार्षद पति की भूमिका मुख्य मानी जा रही है और उसके द्वारा कांग्रेस पार्षदों के साथ मिलकर विरोध कराया जाना कहीं से उचित प्रतीत नही होता। वजह यह भी बतलाया जा रहा है कि इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि पार्षद पति को उक्त काम का ठेका नही मिला इस वजह से उसके द्वारा यह चाल चली जा रही है।
प्रदेश भर में होगा अटल परिसर का निर्माण,लगेगी आदम कद की बड़ी प्रतिमा
जैसी जानकारी मिल रही है उसके अनुसार प्रदेश की भाजपा सरकार ने राज्य निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी बाजपेयी को याद करते हुए राज्य निर्माण के 25 वें वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में राज्य भर के नगरीय निकायों में अटल परिसर का निर्माण करने का फैसला लिया है,इसके लिए सभी निकायों को राषि जारी कर निविदा आदि सभी प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है। उक्त निर्माण कार्य में स्व.अटल बिहारी बाजपेयी की बड़ी आदम कद प्रतिमा स्थापित की जाएगी और उस स्थल को सजाया संवारा जाएगा। जानकारी के तहत पूर्व में उक्त कार्य के लिए प्रेमाबाग वार्ड क्रमांक 17 बस स्टैंड के पास स्थल का चयन किया गया था और इसके लिए सभी प्रकिया भी पूरी की जा चुकी थी। चुकि प्रकिया के बाद नगरपालिका को यह आभास हुआ कि जगह का चयन गलत हो गया है साथ ही स्थानीय विधायक ने भी प्रस्तावित स्थल को गलत बतलाया और नए जगह पर निर्माण की सलाह दी। जिसके बाद नए स्थल वार्ड क्रमांक 3 में उपभोक्ता फोरम के बगल रिक्त भूखंड के एक किनारे को इसके लिए उपयुक्त मानते हुए तय किया गया और निर्माण कार्य हेतु 25 दिसंबर को स्थानीय विधायक की मौजूदगी में भूमिपूजन किया गया है।
कांग्रेस पार्षदों के ज्ञापन में भाजपा पार्षद का हस्ताक्षर
अटल परिसर निर्माण स्थल का विरोध करते हुए गुरूवार को नगरपालिका परिषद बैकुंठपुर के कांग्रेसी पार्षदों ने कलेक्टर कोरिया को हस्ताक्षरयुक्त एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें भाजपा पार्षद द्वारा भी हस्ताक्षर किया जाना कई संदेहो को जन्म दे रहा है। सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्व प्रस्तावित स्थल मुर्ति स्थापना और अटल परिसर के लिए उपयुक्त है। यहां वर्षो पुराने तालाब का सौंदर्यीकरण हो सकेगा। नगरपालिका द्वारा बिना किसी परिषद के अनुमति के एक दिन पहल पूर्व प्रस्तावित स्थल का चयन किया गया है जो नियम विरूद्व है। कांग्रेसी पार्षदों का कहना है कि उक्त भूमि पूर्व में शादी घर के लिए आबंटित की जा चुकी है। और शादी घर के लिए राषि भी आबंटित हो चुकी है। ऐसे में उक्त नए स्थल पर अटल परिसर का निर्माण गलत है। पार्षदों ने पुराने प्रस्तावित स्थल पर ही निर्माण कराये जाने की मांग की है। दुर्भाग्यजनक है उक्त हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में भाजपा पार्षद षिल्पा गुप्ता द्वारा भी हस्ताक्षर किया गया है।
कांग्रेसी पार्षदों को अब आई शादी घर की याद
बहुत ही हास्यपद स्थिति है कि कांग्रेसी पार्षदों ने ठेकेदार के जाल मे फंसकर जो ज्ञापन सौंपा है उसमें शादी घर का जिक्र किया गया है। बतलाना जरूरी है कि इसके पूर्व प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और स्थानीय विधायक भी कांग्रेस से वास्ता रखती थीं। इतने साल बाद अचानक कांग्रेसी पार्षद जागृत दिखलाई दे रहे हैं जब प्रदेष से उनकी साा चली गई है। आज शादी घर का विलाप कर रहे कांग्रेसी यदि उस समय इसकी मांग करते तो शायद यह पूरा भी हो सकता था।
कई बार हो चुका है… स्थल परिवर्तन
कांग्रेसी पार्षदों ने ज्ञापन के माध्यम से स्थल परिवर्तन किये जाने का विरोध किया है साथ ही साथ कांग्रेसी कार्यकर्ता भी सोषल मीडिया के माध्यम से विरोध कर रहे हैं लेकिन पूर्व में देखने में मिला है कि कई ऐसे कार्य हैं जो कि स्वीकृत कहीं और के लिए हुए थे लेकिन बाद मे उसे दूसरे जगह किया गया। बीते कई वर्ष में निर्माण कार्य में ऐसी स्थिति देखने में मिली है लेकिन इस बार जानबूझकर विरोध कराया जा रहा है।
पूरे विवाद के पीछे पार्षद पति ठेकेदार की भूमिका अहम
उक्त पूरे विवाद के पीछे जानकारो का कहना है कि पार्षद पति ठेकेदार द्वारा ही जान बूझकर विवाद कराया जा रहा है। वार्ड में ही देखने मे मिलता है कि जो भी कार्य हो रहे हैं उसे पार्षद पति द्वारा ही कराया जाता है। दूसरे ठेकेदारों को उस वार्ड में काम करने की मनाही है।
चैड़ीकरण एवं अन्य समस्या पर नही जाता पार्षदों का ध्यान
दुखद स्थिति है कि नगरपालिका बैकुंठपुर क्षेत्र में कई प्रकार की नागरिक सुविधाओं का अभाव है। सड़क चैड़ीकरण यहां की मुख्य समस्या है,कई वार्ड मे नाली,सड़क,पेयजल,लाईट समेत अन्य प्रकार की समस्या भी है लेकिन उस ओर कभी भी पार्षदों का ध्यान नही जाता सिर्फ औपचारिता निभाई जाती है। लेकिन इस मुद्वे पर विरोध किया जा रहा है।
नही मिला टेंडर,वार्ड मे निर्माण भी नही इसलिए विरोध
बतलाया जाता है कि वार्ड नंबर 17 में भाजपा पार्षद शिल्पा गुप्ता है उनके पति भाजपा से जुड़े हैं व ठेकेदारी का काम करते हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्षद पति द्वारा निकाय के इंजीनियरों को विभिन्न माध्यम से अपने चंगुल में फंसा लिया गया है,हालात यह है कि किसी भी काम का प्राक्कलन भी उक्त ठेकेदार के इसारे पर इंजीनियरों द्वारा तैयार किया जाता है,बाद में उसी आधार पर सेटिंग कर ठेकेदारी चलाई जा रही है। स्थिति यह है कि 10 में से 8 काम पार्षद पति द्वारा ही किया जा रहा है वह भी गुणवत्ताविहीन। देखने में मिलता है कि निकाय के अधिकारी कभी भी उस निर्माण कार्य की ओर झांकना उचित नही समझते। ले आउट से लेकर बिल बनाने तक का काम खुद ठेकेदार द्वारा किया जाता है, इंजीनियर केवल हस्ताक्षर कर समय पर भुगतान कराने का काम करते हैं। अन्य ठेकेदारों को उसी के कहने पर परेषान भी कराया जाता है। बिल लंबे समय तक रोककर अन्य ठेकेदारों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेषान किया जाता है। लोगो का कहना है कि पहले अटल परिसर का निर्माण उक्त ठेकेदार के वार्ड में ही होना था लेकिन अब जगह बदल दिया गया है। साथ ही साथ उसे काम का ठेका भी नही मिल सका है इस वजह से भीतर ही भीतर पहले पार्षद पति ठेकेदार द्वारा कांग्रेसी पार्षदों से सेटिंग किया गया और विरोध का स्वर तेज कराया गया। कुल मिलाकर स्वार्थ सिद्व नही हुआ इसलिए पार्षद पति ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य का विरोध कराया जा रहा है।
नही मिला टेंडर,वार्ड मे निर्माण भी नही इसलिए विरोध
बतलाया जाता है कि वार्ड नंबर 17 में भाजपा पार्षद षिल्पा गुप्ता है उनके पति भाजपा से जुड़े हैं व ठेकेदारी का काम करते हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्षद पति द्वारा निकाय के इंजीनियरों को विभिन्न माध्यम से अपने चंगुल में फंसा लिया गया है,हालात यह है कि किसी भी काम का प्राक्कलन भी उक्त ठेकेदार के इसारे पर इंजीनियरों द्वारा तैयार किया जाता है,बाद में उसी आधार पर सेटिंग कर ठेकेदारी चलाई जा रही है। स्थिति यह है कि 10 में से 8 काम पार्षद पति द्वारा ही किया जा रहा है वह भी गुणवााविहीन। देखने में मिलता है कि निकाय के अधिकारी कभी भी उस निर्माण कार्य की ओर झांकना उचित नही समझते। ले आउट से लेकर बिल बनाने तक का काम खुद ठेकेदार द्वारा किया जाता है, इंजीनियर केवल हस्ताक्षर कर समय पर भुगतान कराने का काम करते हैं। अन्य ठेकेदारों को उसी के कहने पर परेषान भी कराया जाता है। बिल लंबे समय तक रोककर अन्य ठेकेदारों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेषान किया जाता है। लोगो का कहना है कि पहले अटल परिसर का निर्माण उक्त ठेकेदार के वार्ड में ही होना था लेकिन अब जगह बदल दिया गया है। साथ ही साथ उसे काम का ठेका भी नही मिल सका है इस वजह से भीतर ही भीतर पहले पार्षद पति ठेकेदार द्वारा कांग्रेसी पार्षदों से सेटिंग किया गया और विरोध का स्वर तेज कराया गया। कुल मिलाकर स्वार्थ सिद्व नही हुआ इसलिए पार्षद पति ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य का विरोध कराया जा रहा है।
नही मिला टेंडर,वार्ड मे निर्माण भी नही इसलिए विरोध
बतलाया जाता है कि वार्ड नंबर 17 में भाजपा पार्षद षिल्पा गुप्ता है उनके पति भाजपा से जुड़े हैं व ठेकेदारी का काम करते हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्षद पति द्वारा निकाय के इंजीनियरों को विभिन्न माध्यम से अपने चंगुल में फंसा लिया गया है,हालात यह है कि किसी भी काम का प्राक्कलन भी उक्त ठेकेदार के इसारे पर इंजीनियरों द्वारा तैयार किया जाता है,बाद में उसी आधार पर सेटिंग कर ठेकेदारी चलाई जा रही है। स्थिति यह है कि 10 में से 8 काम पार्षद पति द्वारा ही किया जा रहा है वह भी गुणवााविहीन। देखने में मिलता है कि निकाय के अधिकारी कभी भी उस निर्माण कार्य की ओर झांकना उचित नही समझते। ले आउट से लेकर बिल बनाने तक का काम खुद ठेकेदार द्वारा किया जाता है, इंजीनियर केवल हस्ताक्षर कर समय पर भुगतान कराने का काम करते हैं। अन्य ठेकेदारों को उसी के कहने पर परेषान भी कराया जाता है। बिल लंबे समय तक रोककर अन्य ठेकेदारों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान किया जाता है। लोगो का कहना है कि पहले अटल परिसर का निर्माण उक्त ठेकेदार के वार्ड में ही होना था लेकिन अब जगह बदल दिया गया है। साथ ही साथ उसे काम का ठेका भी नही मिल सका है इस वजह से भीतर ही भीतर पहले पार्षद पति ठेकेदार द्वारा कांग्रेसी पार्षदों से सेटिंग किया गया और विरोध का स्वर तेज कराया गया। कुल मिलाकर स्वार्थ सिद्व नही हुआ इसलिए पार्षद पति ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य का विरोध कराया जा रहा है।
सोशल मीडिया में हुई पार्षदों की खंचाई, ज्ञापन पर उठे सवाल
निर्माण स्थल परिवर्तन किये जाने का मुद्वा सोषल मीडिया में भी छाया हुआ है। कांग्रेसी पार्षदों के द्वारा ज्ञापन सौंपने के बाद उसकी प्रति सोषल मीडिया में भी वायरल की गई जिसके बाद कुछ सक्रिय लोगो द्वारा पार्षदों की खिंचाई भी की गई। एक जागरूक नागरिक ने लिखा कि इसके अलावा भी बहुत से उलजलूल अनावष्यक कार्य किए जा रहे हैं उनका भी विरोध दर्ज हो तो ज्यादा अच्छा रहेगा। 20 से 30 प्रतिशत निम्न दर पर निविदा में कार्य की गुणवत्ता कैसी हो रही है किसी ने भी जाकर देखा क्या। विरोध हर गलत काम का होना चाहिए न कि सिर्फ स्वार्थ के लिए। जहां जरूरत नही वहां करोड़ो की सड़क किस लिए, किसको उपकृत करने के लिए पहले और अभी बनाई गई। इसका सभी पार्षद जवाब दें। सब अपना अपना हित साधने में लगे हुए हैं। नेता महत्वपूर्ण है कि जनता कभी वार्ड वासियों से भी भी मिलकर सलाह करते हैं क्या।
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