- सलमान रुश्दी की किताब 36 साल भारत में लौटी
- किताब पर राजीव गांधी सरकार ने लगाया था प्रतिबंध
- किताब दिल्ली में बहरीसन्स बुकसेलर्स के पास उपलब्ध
नई दिल्ली,25 दिसम्बर 2024 (ए)। सलमान रुश्दी की विवादास्पद किताब द सैटेनिक वर्सेस 36 साल बाद भारत में वापस आ गई है। राजीव गांधी सरकार ने इस किताब पर प्रतिबंध लगाया था। मुस्लिम संगठनों ने इस
किताब पर ऐतराज जताया था। इस किताब की कीमत 1,999 रुपये है। यह किताब दिल्ली-एनसीआर के बहरीसन्स बुकसेलर्स स्टोर्स में ही उपलब्ध है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने किताब के आयात पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई बंद कर दी थी। दरअसल सरकार उस अधिसूचना को पेश नहीं कर सकी जिसके आधार पर प्रतिबंध लगाया गया था। इस किताब पर प्रतिबंध के बाद ईरानी नेता रुहोल्लाह खोमेनी ने रुश्दी की हत्या का फतवा जारी किया था। रुश्दी को लगभग 10 साल तक छिपकर रहना पड़ा था। 2022 में कट्टरपंथी हादी मटर ने रुश्दी पर हमला किया था। इस हमले में रुश्दी की एक आंख की रोशनी चली गई थी। बहरीसन्स में किताब की बिक्री पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही है। कई लोगों को किताब की कीमत ज्यादा
लग रही है।दुनिया भर के मुस्लिम संगठनों ने इस किताब को ईशनिंदा मानते हुए विरोध किया था। दिल्ली में बहरीसन्स बुकसेलर्स की मालकिन रजनी मल्होत्रा ने बताया कि किताब की बिक्री अच्छी चल रही है। 1,999 रुपये की यह किताब सिर्फ दिल्ली-एनसीआर के बहरीसन्स स्टोर्स में ही मिल रही है।
बहरीसन्स बुकसेलर्स ने एक्स पर पोस्ट किया, सलमान रश्दी की द सैटेनिक वर्सेस अब बहरीसन्स बुकसेलर्स में उपलब्ध है! अपनी कल्पनाशील कहानी और साहसिक विषयों के साथ, इस अभूतपूर्व और उत्तेजक उपन्यास ने दशकों से पाठकों को मोहित किया है। यह अपने प्रकाशन के बाद से ही तीव्र वैश्विक विवाद का केंद्र भी रहा है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आस्था और कला पर बहस छिड़ गई है।