अंबिकापुर@उच्च न्यायालय के आदेश पर जर्जर मकान को सील करने निगम अमला पहुंचा विलंब से नहीं हो पाई पूरी कार्यवाही

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  • अब छुट्टी के बाद कार्रवाई करने का दिया आश्वासन
  • 10 साल से अपने जर्जर भवन को खाली कराने के लिए पीडि़त न्याय की लग रहा गुहार
  • उच्च न्यायालय की शरण पर पहुंच पीडि़त,वहां से सील करने की मिली अनुमति फिर भी नगर निगम एक दिन में नहीं के पाया जर्जर मकान सील

अंबिकापुर,24 दिसम्बर 2024(घटती-घटना)। निगम की कार्यवाही भी भगवान भरोसे जैसे ही है, जब द्वेष पूर्ण कार्यवाही के तहत तोड़ना होता है तो ना तो छुट्टी देखी जाती है ना समय देखा जाता है, पर कहीं नियम से तोड़ना या सील करना होता है तो लेट लतीफी कारवाई देखी जाती है, कुछ ऐसा ही अंबिकापुर नगर निगम में देखने को मिला जब पीडि़त के द्वारा अपने जर्जर मकान को खाली कारने व सील करने के लिए उच्च न्यायालय जाना पड़ा और उच्च न्यायालय के आदेश के बाद निगम ने सुध ली पर पहुंची भी तो दोपहर के 2ः30 बजे और 5ः00 बजे छुट्टी बता कर आधी अधूरी कार्यवाही छोड़कर चलती बनी, जिसे लेकर आवेदक का आरोप है कि निगम अमला किसी के प्रभाव में तो आधी अधूरी कार्यवाही करके नहीं चला गया?
आवेदक यशोदा कश्यप व राकेश कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि अंबिकापुर इमलीपारा में उनका एक पुराना घर है जो काफी जर्जर हो चुका है जिसे तोड़कर वह नया घर बनाना चाहते हैं, जिसके लिए अंबिकापुर निगम को काफी साल पहले आवेदन दिया गया था पर कोई कार्यवाही न होने की वजह से उन्हें न्यायालय का शरण लेना पड़ा, न्यायालय के द्वारा 9 अक्टूबर 2024 को नगर निगम अंबिकापुर को आदेश पारित किया गया कि इमलीपारा स्थित भूमि पर बने जर्जर मकान को तोड़ा जाए, जबकि इसके लिए महापौर परिषद की बैठक भी की गई थी, बैठा 2014 में हुई जिसमें जर्जर मकान होना पाया गया फिर इसकी बैठक 2022 में हुई जिसमें भी जर्जर मकान होना पाया गया, पर इसके बाद भी कार्यवाही नहीं हुई थी पर अब जब उच्च न्यायालय का आदेश आया इसके बाद कार्यालय नगर पालिका निगम अंबिकापुर के द्वारा 19 दिसंबर 2024 को आदेश पारित किया गया की 24.12.2024 को जर्जर मकान तोड़ने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, इसके बाद कार्यवाही करने पहुंची टीम ने आने में काफी विलंब कर दिया जर्जर मकान को खाली नहीं करा सकी, तकरीबन हुए ढाई बजे पहुंची, कुछ देर बहस में निकल गए और कुछ देर की ही कार्यवाही हो पाई और फिर 5:00 बजे वह यह कह दिए की शाम होने की वजह से हम आगे की कार्रवाई नहीं कर सकते क्योंकि यह कार्रवाई नियम विरुद्ध होगी, पर सवाल यह उठता है कि जब द्वेष पूर्ण कार्यवाही करनी होती है तो ना समय देखा जाता है और ना ही दिन देखा जाता है, कार्रवाई हो जाती है पर वही जब नियम से कार्रवाई करनी होती है तो फिर लेट लतीफी क्यों होती है?
माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के पारित आदेश पर कार्यवाही करने पंहुचा अमला
माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के में पारित आदेश पर नगर पालिक निगम, अम्बिकापुर क्षेत्रांतर्गत इमलीपारा स्थित भूमि प्लाट नं. 1003/8, 1003/9 में पुराना निर्मित भवन जो भयप्रद एवं जर्जर स्थिति में है। उक्त भवन को मानव अधिवास हेतु महापौर परिषद् की बैठक दिनांक 25.02.2022 के तहत् अनुपयुक्त घोषित किया गया है। जिसमें निवासरत् अधिवासियों को भवन का उपयोग न किये जाने एवं नगर पालिक निगम, अधिनियम 1956 की धारा 309 (1) के तहत् भवन से हटने एवं हटाने योग्य संपçा हटाये जाने हेतु बार बार सूचित किया गया है किन्तु उक्त भवन से अधिवासी नहीं हटते हुये भवन का निरंतर उपयोग किया जा रहा है। माननीय उच्च न्यायालय के संदर्भित आदेशानुसार नियमानुसार भवन से अधिवासियों को हटाये जाने की कार्यवाही किया जाना है। दल गठित कर आपको आदेशित किया है दिनांक 24.12.2024 को अनुविभागीय दण्डाधिकारी एवं नगर निरीक्षक थाना अम्बिकापुर से संपर्क कर कार्यपालिक दण्डाधिकारी एवं पुलिस बल प्राप्त कर अधिनियम की धारा 309 (2) के तहत् उक्त भवन के अधिवासियों को भवन से अलग कर प्रश्नाधीन भवन एवं जर्जर परिार को सील कर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।


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