बैकुंठपुर के नवनिर्वाचित मंडल अध्यक्ष का फेसबुक भी बता रहा है कि वह 49 वर्षीय हैं…

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-जिला प्रतिनिधि –
कोरिया,24 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)।
कोरिया जिले में भाजपा मंडल अध्यक्ष चुनाव (मनोनयन) को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है और यह सरगर्मी इसलिए बढ़ गई है क्योंकि इसबार मंडल अध्यक्ष मनोनयन के लिए तय उम्र में न फंसने की वजह से दस्तावेज में छेड़छाड़ कर मंडल अध्यक्ष बनने की शिकायत सामने आ रही है, यह मामला पूरे जिले की भाजपा की किरकिरी करवा रहा है, वहीं प्रदेश स्तर पर भी मामला पहुंचा है अंदर खाने वहां भी मंथन हो रहा है ऐसा बताया जा रहा है? पार्टी के ही अंदरखाने यह आरोप है कि कोरिया जिलाध्यक्ष ने अपनी मनमानियों की वजह से पार्टी की छवि को भी ताक पर रख दिया, और आज जब मामला खुल रहा है और उम्र को लेकर बात आ रही है तो जिलाध्यक्ष की फजीहत तो हो ही रही है, साथ ही पार्टी की भी छवि धूमिल हो रही है। ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी थी कि जब जिलाध्यक्ष दस्तावेज को लेकर संतुष्ट नहीं थे तो फिर ऐसा मंडल अध्यक्ष क्यों बनाया? और यदि मंडल अध्यक्ष उन्होंने सही तरीके से बनाया तो आखिर ऐसा कौन सा दस्तावेज लिया जिसमें उम्र मंडल अध्यक्ष की 45 थी? वहीं उन्होंने यदि आधार को उम्र का प्रमाण पत्र न भी माना तो भी उम्र के प्रमाण पत्र के लिए भाजपा ने कौन सा दस्तावेज लिया? जिससे यह प्रमाणित हो गया कि उनका बनने वाला मंडल अध्यक्ष 49 का नहीं 45 की उम्र का है? अब यह बात रायपुर तक पहुंच गई है अब भारतीय जनता पार्टी के कोरिया जिलाध्यक्ष को यह जवाब देना है कि आखिर आपने ऐसा कौन सा दस्तावेज लिया कि आपके द्वारा बनाया गया मंडल अध्यक्ष पात्र निकला और उसका सूची में नाम भेजा गया? वहीं यदि जिले के एक मंडल अध्यक्ष के मनोनयन में इतनी बड़ी भर्राशाही हुई तो फिर जिलेभर के मंडल अध्यक्ष के मनोनयन में दोषपूर्ण प्रणाली का आरोप क्यों सही नहीं माना जाए? क्यों इसे सत्य न माना जाए? कुल मिलाकर यदि बैकुंठपुर मंडल अध्यक्ष का मनोनयन दोषपूर्ण प्रणाली और कूट रचित दस्तावेज के आधार पर किया गया तो अन्य में भी पात्र की जगह अपात्र का मनोनयन नहीं किया गया? यह क्यों न माना जाए? वैसे मध्यप्रदेश में इस तरह की शिकायत पर 100 जगह के मनोनयन को रद्द कर दिया गया है कार्यकर्ताओं के सम्मान का ध्यान रखा गया है यह बात सामने आ रही है। वैसे मध्यप्रदेश की तरह क्या यहां भी अब प्रदेश भाजपा की तरफ से ऐसा कोई निर्णय आयेगा जो दोषपूर्ण मनोनयन को रद्द करते हुए पुनः मनोनयन की प्रक्रिया के पालन के लिए तय निर्णय होगा यह देखने वाली बात होगी?
फेसबुक में भी बैकुंठपुर मंडल अध्यक्ष 49 वर्षीय
बैकुंठपुर के नव मनोनीत मंडल अध्यक्ष की उम्र 49 वर्ष है और पार्टी की तरफ से जारी निर्देश के अनुसार मंडल अध्यक्ष की उम्र 45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। मंडल अध्यक्ष की उम्र की शिकायत एक व्यक्ति ने की है और उसने आधार कार्ड उपलध करवाकर यह बताया है कि मंडल अध्यक्ष की उम्र 49 वर्ष है 45 नहीं। दैनिक घटती-घटना ने निष्पक्ष खबर प्रकाशन के अपने कर्तव्य अनुसार खबर का प्रकाशन किया और उक्त शिकायतकर्ता के आग्रह पर जो नाम उजागर न करने का आग्रह था को स्वीकार कर खबर का प्रकाशन किया। खबर प्रकाशन उपरांत जिला भाजपा कार्यालय में खलबली मची और वहां से यह जानकारी मिली कि अब यह कहा जा रहा है कि आधार कार्ड में उम्र का उल्लेख गलत है। अब यदि इस बात को सही माने की आधार कार्ड में गलत अंकित हुआ है उम्र बैकुंठपुर मंडल अध्यक्ष का तो फेसबुक के उनके उम्र की जानकारी को क्या माने। फेसबुक में भी मंडल अध्यक्ष की उम्र 49 ही उल्लेखित है। जो आधार कार्ड में लिखा है वहीं फेसबुक में लिखा है यही फिलहाल अंतिम सत्य है जो नजर आ रहा है।
जिला चिकित्सालय में क्या ठेकेदारी भी कूट रचित दस्तावेज के आधार पर कर रहे हैं मंडल अध्यक्ष?
मंडल अध्यक्ष बैकुंठपुर मनोनीत हुए व्यक्ति की ठेकेदारी जिला चिकित्सालय में चल रही है। ठेकेदारी के लिए भी पैन कार्ड आधार कार्ड जैसे दस्तावेज जरूरी होते हैं, क्या जिला चिकित्सालय के ठेकेदारी कार्य में जो दस्तावेज मंडल अध्यक्ष ने लगाए हैं वह भी कूट रचित हैं। उम्र मामले में अब कई तरह की जांच की मांग शिकायत करने वाले कर रहे हैं। क्या अब मंडल अध्यक्ष के उम्र संबधी दस्तावेजों की जांच पार्टी करवाएगी यह बड़ा सवाल है।
मंडल अध्यक्षों के मनोनयन में हुई थी पूर्व सेटिंग,यह भी लग रहा आरोप,उम्र का मामला पहले ही आया था सामने,मामले को छिपाने हुई थी तैयारीःसूत्र
कोरिया जिले के मंडल अध्यक्षों के मनोनयन में सब कुछ पहले तय हो चुका था और गड़बडि़यों को छिपाने की तैयारी भी हो चुकी थी यह सूत्रों का दावा है। बताया जा रहा है कि मंडल अध्यक्ष बैकुंठपुर के लिए जो नाम तय हुआ उनके उम्र का मामला भी सामने आ चुका था और उसे भी छिपाने पूरी तैयारी पहले की गई। कुल मिलाकर यदि सूत्रों की बात सही है तो अपने हिसाब से एक पैनल का निर्माण किया गया कुछ वरिष्ठ भाजपाइयों द्वारा और इस बीच उन्हें तैयार किया मंडल अध्यक्ष पद के लिए जो हां में हां मिला सकें विरोध न करें। बताया जा रहा है कि कई शर्तों पर जो खरा उतरा उन्हें मंडल अध्यक्ष बनाया गया पारदर्शी होने की बजाए मनोनयन पूर्व निर्धारित था और कर्मठ और पात्र को अपात्र करने की रणनीति से युक्त था।
मध्यप्रदेश में निरस्त हुआ सैकड़ों मनोनयन
मध्यप्रदेश में सैकड़ों मनोनयन निरस्त हुआ है ऐसा बताया जा रहा है।जैसा बताया जा रहा है उसके अनुसार उम्र जहां भी मनोनयन में मंडल अध्यक्षों का अधिक मिला वहां तत्काल निरस्त किया गया मनोनयन। मनोनयन निरस्तीकरण की संख्या 100 तक मध्यप्रदेश की है ऐसी जानकारी सामने आई है। अब सवाल यह उठता है कि क्या यहां भी ऐसा ही होगा,मनोनयन निरस्त होगा?


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