अंबिकापुर,21 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)। आईजी अंकित गर्ग ने शनिवार को मैनपाट में रेंज स्तरीय दोषमुक्ति प्रकरणों की समीक्षा बैठक ली। बैठक के दौरान कुल 839 प्रकरणों का निकाल किया गया। उक्त समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से नवीन कानून के तहत ऐसे मामलों पर विशेष चर्चा हुई जिसमें न्यायालय द्वारा अधिकांश प्रकरणों में आरोपियों के दोष मुक्ति होने के कारणों के संबंध में विस्तृत समीक्षा की गई।
समीक्षा बैठक में आईजी ने गंभीर प्रकरणों में विवेचकों द्वारा विवेचना में किए जाने वाले त्रुटियों को दूर करने हेतु फोटो ग्राफी, विडियो ग्राफी कर साक्ष्यों को सावधानी से एकत्र करने हेतु एवं त्रुटियों में सुधार करने हेतु अभियोजन अधिकारियों के समक्ष विस्तृत चर्चा किया गया। होस्टाईल हो रहे प्रार्थी एवं गवाहों को उनके द्वारा दिये गए अभिमत, कथन पर कायम रहने हेतु विवेचकों को प्रकरण के प्रार्थियों के साथ निरंतर सम्पर्क में रहने हेतु निर्देशित किये। जिससे की प्रकरण के प्रार्थी एवं गवाह अपने कथन को न्यायालय में निर्भीक एवं स्वतंत्र रूप से कथन दे सके ताकि आरोपी न्यायालय से विचारणों उपरांत दोष सिद्ध हो सके एवं अपराधी द्वारा उसके किए गए अपराधों के एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर समुचित सजा मिल सके। बैठक में पुलिस अधीक्षक सूरजपुर प्रशांत ठाकुर, पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल, पुलिस अधीक्षक एमसीबी चंद्र मोहन सिंह, पुलिस अधीक्षक कोरिया रवि कुर्रे, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर वैभव वैकर रमनलाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर अनिल कुमार सोनी, एसडीओपी सरगुजा एमआर कश्यप एवं समस्त जिला अभियोजन अधिकारी, रक्षित निरीक्षक सरगुजा तृप्ति सिंह राजपूत आईजी रीडर सुभाष ठाकुर मौजूद रहे।
होस्टटाईल पर
करें कार्रवाई
महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित गंभीर प्रकरणों जैसे बलात्कार एवं पास्को एक्ट के मामलों में एफआईआर के पश्चात नवीन कानून के तहत 60 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से चालान पेश करने के निर्देश दिए गए। आईजी ने बताया कि प्रार्थी, पीडि़ता जिनका न्यालयाय में 183 बीएनएसएस के अंर्तगत कथन लिया गया है, वो अगर न्यालयाल में ट्रायल के दौरान होस्टटाईल होते हैं तो उनके विरुद्ध धारा 307 बीएनएसएस के अंतर्गत कार्रवाई हेतु लोक अभियोजक के माध्यम से न्यायलय में आवेदन प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही एनडीपीएस एक्ट, आबकारी एक्ट एवं सडक दुर्घटनाओं के प्रकरणों में हो रहे दोषमुक्ति के कारणों की सामीक्षा कर विवेचना में आवश्यक सुधार हेतु कार्यशाला आयोजन करने का सुझाव दिए।
