रायपुर,@ कई मामलों को लेकर विधानसभा में हंगामा

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@ आयुष्मान योजना के तहत नहीं मिला भुगतान…
@ इलाज नहीं कर रहे निजी अस्पताल,मंत्री जवाब में बोले…
रायपुर,17 दिसम्बर 2024 (ए)।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र के दूसरे दिन ध्यानाकर्षण के दौरान आयुष्मान योजना के लंबित भुगतान का मुद्दा जोर-शोर से उठा। विधायक विक्रम मंडावी ने कहा अस्पतालों का भुगतान लंबित होने से इलाज नहीं होने का मुद्दा उठाया।
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल 838 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2024 तक 1096 करोड़ रुपये का भुगतान निजी अस्पतालों को और 560 करोड़ का भुगतान सरकारी अस्पतालों को किया जा चुका है। मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए 75 अस्पतालों की जांच की गई, जिसमें 11 अस्पतालों पर 151 लाख रुपये फाइन किया गया है।
शिकायत करें, कार्रवाई होगी
विधायक मंडावी ने सवाल किया कि भुगतान लंबित होने के कारण इलाज नहीं हो रहा है, निजी अस्पताल इलाज नहीं करते हैं, तो कैसे कार्यवाही करेंगे? इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मरीज टोल-फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जो अस्पताल पंजीकृत हैं और इलाज नहीं कर रहे, उनके खिलाफ डी-इंपैनलमेंट की कार्यवाही होगी और आयुष्मान योजना के लाभ से वंचित किया जाएगा। जायसवाल ने यह भी बताया कि लंबित भुगतान के लिए 300 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिले हैं।
भूपेश बघेल ने
सरकार को घेरा

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, 1400 करोड़ का भुगतान रुका हुआ है, छोटे-छोटे अस्पताल बंद हो गए हैं और इलाज नहीं हो रहा, कब तक भुगतान होगा बताएं?
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने जवाब में कहा कि पिछली सरकार के समय की तुलना में मौजूदा देनदारी कम है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि 300 करोड़ रुपये जल्दी जारी किए जाएंगे और सरकार जल्द से जल्द ही देने का प्रयास करेंगे।
कभी भी डिबेट के लिए तैयार : जायसवाल
बघेल ने स्वास्थ्य व्यवस्था की खराब हालत पर मलेरिया और डायरिया से हो रही मौतों का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में मंत्री जायसवाल ने कहा, कभी भी डिबेट करा लीजिए, आपके समय की स्थिति और अब की स्थिति में अंतर साफ हो जाएगा।
रायपुर के बूढ़ातालाब प्रोजेक्ट और सुकमा में बिना टेंडर के पुल बनाए जाने के मामले पर ठंड के मौसम में शुरू हुआ शीतकालीन सत्र गरमा गया। बस्तर के निर्माण के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और लोक निर्माण विभाग के मंत्री अरुण साव भिड़ गए।
कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए ।अरुण साव के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी किए जाने की वजह से डॉक्टर रमन सिंह ने कांग्रेस के लगाए नारों को विलोपित कर दिया। हंगामा और बवाल के बीच प्रश्न-काल समाप्त हुआ।
दरअसल कवासी लखमा ने सुकमा जिले के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की तरफ से बनाए गए पुल को लेकर सवाल उठाया। मई में इसका काम तब किया गया था जब लोकसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लगी थी।
इसके निर्माण को लेकर कवासी लखमा की ओर से की गई आपत्ति पर जवाब देते हुए मंत्री अरुण साव ने कहा था कि जहां पुल बना वहां आसपास सुरक्षा बलों के कैंप हैं। बारिश में सुरक्षा बलों के राशन पहुंचाने और उनके आने-जाने में होने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने पुल का कुछ हिस्सा बनवाया, बाद में इसे रोक दिया गया। लेकिन इसमें एक रुपए का भी भुगतान नहीं किया गया है। आज टेंडर खोला जा रहा है जो एजेंसी तय होगी उसे काम दिया जाएगा।
पूर्व मंत्री भूपेश बघेल ने मंत्री साव का जवाब सुना और कवासी लखमा का साथ देते हुए खड़े हुए । बघेल ने कहा कि जब मंत्री यह मान रहे हैं कि आचार संहिता में काम हुआ राज्य सरकार से अनुमति के बिना काम हुआ बिना टेंडर के काम हुआ तो आप अफसर और ठेकेदारों पर क्या कार्रवाई करेंगे। साव ने भुगतान न किए जाने की बात को दोहरा दिया।
इतने में कांग्रेस के सभी विधायकों ने हंगामा करते हुए भ्रष्टाचार के नारे लगाने शुरू कर दिए। भूपेश बघेल ने सख्त लहजे में साव से कहा कि जब आपके संज्ञान में सब कुछ है और आप कार्रवाई नहीं कर रहे हैं इसका मतलब यह है कि आपका संरक्षण प्राप्त है। काफी देर तक इस बात पर नारे बाजी होती रही।
पुल के सवाल को पूछने के लिए जब कवासी लखमा खड़े हुए उन्होंने सुकमा का जिक्र करना शुरू किया तो अजय चंद्राकर ने कमेंट करते हुए पूछा कि दादी सुकमा कब गए थे, कवासी लखमा हंसते हुए बोले-तो क्या मैं पाकिस्तान में रहता हूं क्या ? कमेंट जोड़ते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि आपके बड़े नेताओं के विचार तो पाकिस्तानियों जैसे ही हैं । जवाब देते हुए लखमा ने कहा आपके विचार बांग्लादेशियों वाले हैं क्या,। इसके बाद डॉक्टर रमन सिंह से गुजारिश करते हुए लखमा बोले इन लोगों को समझाइए इन्हें पता है कि लखमा आज पोल खोलेगा इसलिए ऐसा कर रहे हैं। मुस्कुराकर डॉ रमन सिंह ने कहा- आज चंद्राकर जी आप कवासी लखमा को डिस्टर्ब नहीं करेंगे।
बस्तर के गावों में पुलिया निर्माण पर गरमाया सदन
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सुकमा एवं दंतेवाड़ा के सरहदी गांवों में पुलिया निर्माण के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने सरकार को घेरा. बिना स्वीकृति के पुलिया निर्माण के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग करते हुए विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉक आऊट किया। विधायक कवासी लखमा ने प्रश्नकाल के दौरान सुकमा एवं दंतेवाड़ा के सरहदी गांवों में पुलिया निर्माण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इसमें कितनी निर्माणाधीन है, और कितने निर्मित हो चुके हैं? इसमें प्रशासकीय स्वीकृति कब प्रदान की गई? कार्य की निर्माण एजेंसी किसने बनाई? क्या दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की गई थी? हमारा नक्सल पीडç¸त क्षेत्र है. हम भी चाहते हैं कि विकास हो, लेकिन यह कौन सा नियम है कि पहले पुल बनेगा, फिर टेंडर होगा? ये रोड पीडब्ल्यूडी बना रहा या प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बन रही है। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सवाल का जवाब देते हुए बताया कि दो स्थान है. एक सुकमा और एक दंतेवाड़ा जिले में परिया और मुलेर आते हैं. अचार संहिता प्रभावशील थी. शिकायत के बाद काम रोक दिया गया. इसमें आगे कोई निर्माण नहीं हुआ है. निविदा जब खुलेगी, तब आगे का निर्माण होगा. यह निर्माण भारत सरकार ने स्वीकृत की है. पीडब्ल्यूडी बना रहा है. दोनों जगहों के कलेक्टर से कार्य स्वीकृत है. इस पर कवासी लखमा ने कहा कि बिना स्वीकृति, बिना ऑर्डर के रोड बनाया गया हैय ये पुल ज्यादा रेट से बन रहे हैं, और एक नाले में तीन पुल क्यों बनाया जा रहा है. आचार संहिता के समय जल्दी-जल्दी जिस इंजीनियर से काम कराया, जिसका विरोध गांववालों ने किया तो कार्य रुका, फिर से टेंडर उसी इंजीनियर को दिया गया है. क्या उस पर कार्यवाही करेंगे? लखमा ने पूछा कि क्या केवल कमीशन के लिए पुलिया बनाया जा रहा है? कि मंत्री ने स्वीकार पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोक के बीच गड़बड़ी करने वालों पर कार्यवाही करने विपक्ष सदन के भीतर नारेबाजी करने लगा. इसके साथ ही विपक्ष ने सदन के भीतर नारेबाजी करते हुए सदन से वॉक आऊट किया।
अवैध प्लॉटिंग और पुल निर्माण के मुद्दे से गूंजा सदन,विस अध्यक्ष ने दिए कार्रवाई के निर्देश
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को अवैध प्लॉटिंग और नियम विरुद्ध पुल निर्माण के मुद्दों पर सदन में जमकर बहस और हंगामा हुआ।धरसींवा क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग का मुद्दा विधायक अनुज शर्मा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए उठाया। विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्व मंत्री को एक महीने के भीतर विधानसभा के आस-पास अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
अरुण साव भूपेश के बीच जुबानी जंग
विधानसभा में बिना टेंडर पुल निर्माण पर हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट

छत्तीसगढ़ विधानसभा में सुकमा जिले के नक्सली क्षेत्र में पुल निर्माण को लेकर विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। कोंटा विधायक कवासी लखमा ने पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव से सड़क और नालों पर बने पुल निर्माण को लेकर सवाल किया। .इन पुलों का निर्माण कार्य आदर्श आचार संहिता के दौरान ही शुरु किया गया था. पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कवासी लखमा के सवाल पर जब जवाब दिया तो कवासी इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए।
विक्रम मंडावी के सवाल से आयुष्मान पर घिरे स्वास्थ्य मंत्री
निजी अस्पताल में इलाज नहीं होने का मुद्दा सदन में उठा

छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीत सत्र के दूसरे दिन ध्यानाकर्षण के जरिए विधायक विक्रम मंडावी ने निजी अस्पतालों के आयुष्मान राशि रुकने का मुद्दा उठाया। श्री मंडावी ने कहा कि, भुगतान लंबित होने के कारण इलाज नहीं हो रहा है।जिस पर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए बताया कि, 838 करोड़ का भुगतान लंबित है। दिसंबर 2024 तक 1096 करोड़ का भुगतान निजी अस्पतालों को और 560 का भुगतान सरकारी अस्पतालों को हुआ है।


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