@मां की गुहार खारिज..
बिलासपुर,15 दिसम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने नौ साल की बच्ची के शव से दुष्कर्म के आरोपी को सजा देने से इनकार कर दिया। लोअर कोर्ट ने आरोपी नीलकंठ को केवल सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखते हुए मृतका की मां की अपील खारिज कर दी।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने कहा कि जीवित व्यक्तियों के साथ-साथ मृतकों को भी गरिमा और सम्मान का अधिकार है। हालांकि, वर्तमान कानून में नेक्रोफीलिया (शव के साथ दुष्कर्म) के लिए कोई सजा का प्रावधान नहीं है।
यह मामला 18 अक्टूबर 2018 का है, जब मृतका की मां ने अपनी नौ साल की बच्ची के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच में नीलकंठ और नितिन यादव को गिरफ्तार किया गया। ट्रायल कोर्ट ने नितिन यादव को दुष्कर्म और हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि नीलकंठ को केवल सबूत मिटाने का दोषी ठहराते हुए सात साल कैद की सजा दी गई।
मृतका की मां ने हाई कोर्ट में अपील कर आरोपी को कठोर सजा की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि कानून में स्पष्ट प्रावधान न होने के कारण वह अतिरिक्त सजा नहीं दे सकती।
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