कोरिया/पटना@जिस क्रेशर में होता था लाखों का जुआ वहां पर कार्यवाही में पुलिस को मिले लगभग 11000 रुपए…ऐसा कैसे?

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-विशेष संवाददाता-
कोरिया/पटना,15 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)। दैनिक घटती-घटना की खबर की एक बार पुष्टि और हो गई दैनिक घटती -घटना ने बड़ी प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित किया था की पटना थाना अंतर्गत एक क्रेशर में लंबे स्तर का जुआ फड़ संचालित हो रहा है,और पुलिस ने इस पर कार्यवाही भी करके एक बार फिर साबित कर दिया कि हमारा अखबार हमेशा ही सत्य पर आधारित खबर प्रकाशित करता है जिसके परिणाम स्वरूप चार जुआरीयों से पुलिस ने 11 हजार रुपए की रकम बरामद की जो खबर की प्रमाणिकता है, खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस प्रशासन अपनी फजीहत से बचने के लिए कार्यवाही तो कर दी…पर इस कार्यवाही पर सवाल भी कई खड़े हो गए जहां पर 100 से अधिक जुआरी रोज आते थे और लाखों का दाव लगाते थे वहां से मात्र चार जुआरी का पकड़े जाना और मात्र 11000 रुपए बरामद होना कहीं न कहीं पटना पुलिस की कार्यवाही पर संदेह उत्पन्न करता है। सूत्रों का कहना है कि यह कार्यवाही भी पुलिस को फजीहत से बचाने और पुलिस की गिरती साख को बचाने के लिए की गई कार्यवाही थी वहीं जुआरियों ने ही कार्यवाही करवाई है ताकि वह आगे भी जुआ फड़ संचालित कर सके और वही पुलिस को बचाने के लिए यह कार्यवाही पर्याप्त है कि उन्होंने जुआ फड़ पर कार्यवाही की है।
क्या पुलिस जुआ फड़ संचालक को बताकर कार्यवाही करने पहुंची थी?
पुलिस की कार्यवाही को लेकर कई बड़े सवाल उत्पन्न हो रहे हैं जिस प्रकार से पुलिस के हाथ मानो कुछ ना लगा हो चार जुआरी और 11000 बरामद होना शर्मसार करने जैसी स्थिति है,कुछ लोगों का यह भी मानना है कि क्या पुलिस यह बतलाकर कार्यवाही करने गई थी? कि हम आज आ सकते हैं जिस वजह से जुआरी कम पहुंचे? क्योंकि संचालक भी उन्हें वहां नहीं मिले जबकि सूत्रों का कहना है कि वहां पर संचालक के साथ 100 से अधिक लोग पहुंचे रहते थे पर उसमें से सिर्फ चार लोगों का मिलना और जहां पर लाखों का दावा लगता था वहां पर 11000 राशि ही बरामद होना पुलिस के कार्यवाही पर संदेह उत्पन्न करता है?
चल रहा था बड़ा जुआ फड़…यदि वहां का मोबाइल डंप डेटा निकल जाए तो पता चल जाएगा…
पुलिस ने जिस जगह पर कार्यवाही की है वहां पर सूत्रों का दावा है कि बड़े स्तर का जुआ चल रहा था पर पुलिस पहुंचकर भी वहां पर जुआरियों के सहयोग से कार्यवाही की है वह भी उन्हीं लोगों पर कार्रवाई हुई है,जो स्वेक्षा से वहां पर जुआ संचालक ने करवाया है,यदि इसका मोबाइल का नेटवर्क डंप डेटा निकल जाए तो सारे राज खुल जाएंगे,वैसे भी थाना प्रभारी साइबर के काफी जानकार हैं और साइबर के माध्यम से भी वह जुआ को पकड़ सकते थे पर अपने साइबर जानकारी का भी उन्होंने इस्तेमाल नहीं किया? यदि वह चाहते तो नेटवर्क डंप डेटा निकालकर भी कार्यवाही कर सकते थे वहां पर कितने मोबाइल नेटवर्क में थे यह भी पता चल जाता है।
पुलिस वाली विज्ञप्ति की कहानी
कोरिया के नए पुलिस कप्तान ने पदभार ग्रहण करते ही जिले के थाना प्रभारियों की संक्षिप्त बैठक में अवैध कारोबार पर पूर्णतः अंकुश लगाने हेतु अपनी स्पष्ट मंशा जाहिर की थी। जिससे जिले में संचालित अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की कार्यवाही तेज हो गई है। जिसके परिणाम स्वरुप थाना पटना में मुखबीर सूचना पर सार्वजनिक स्थानों में छुपकर अवैध रूप से जुआरियों को जुआ खेलते हुए कोरिया पुलिस ने पकड़ा है। दिनांक 14 दिसम्बर 2024 की शाम पेट्रोलिंग के दौरान मुखबीर से सूचना मिली कि थाना पटना क्षेत्र अंतर्गत कुडेली के नरकेली गांव के पास में कुछ लोग बैठकर जुआ खेल रहें है, जिसकी सूचना पर तत्काल मुखबीर के बताए गए उक्त स्थान पर जा कर रेड कार्यवाही किया गया। जहां मौके पर जाकर कुल 04 जुआरियों द्वारा रूपये पैसे का दांव लगाकर हार-जीत का खेल खेला जा रहा था। इसके फलस्वरूप मुखबीर के बताये स्थान पर कोरिया पुलिस द्वारा घेराबंदी कर 04 जुआरी जिसके पास से नगदी रकम 11,120 रूपये तथा 52 पाी ताश, पकड़कर सभी आरोपियों के विरुद्ध धारा 3 (2) छ.ग. जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 के तहत कार्यवाही कर थाना पटना में अपराध पंजीबद्ध कर वैधानिक कार्यवाही किया गया है। उल्लेखनीय है कि थाना पटना के अंतर्गत ग्राम कुडेली से लगातार अवैध जुआ खेलने की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए नवपदस्थ एसपी कोरिया के निर्देश पर पुलिस टीम ने योजनाबद्ध तरीके से गश्त के दौरान मुखबिर से मिली सूचना पर तत्काल कार्रवाई की है। पुलिस अधीक्षक श्री कुर्रे ने इस कार्रवाई के बाद सभी थाना एवं चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे मामलों में शिथिलता न बरतते हुए कठोर और निरंतर कार्रवाई करें। साथ ही, उन्होंने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अवैध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में अवैध गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं होगा।
कार्यवाही प्रायोजित और दिखावा मात्र जुआरियों ने ही करवाई कार्यवाहीःसूत्र
सूत्रों का इस कार्यवाही को लेकर कुछ और ही कहना है। सूत्रों का कहना है कि यह कार्यवाही प्रायोजित की गई और जिसमें जुआरियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। जुआरियों ने खुद से यह कार्यवाही करवाई क्योंकि खबर प्रकाशन उपरांत वह परेशान थे और चिंतित थे कि आगे भी खबर प्रकाशित न हो और मामला ज्यादा सुर्खियों में न जाए। यदि सूत्रों की यह बात सही है तो यह आश्चर्य वाली भी बात नहीं क्योंकि अपनी फजीहत से बचने साख बचाने पटना पुलिस ने ऐसा किया है तो इसे समझा जा सकता है।
लंबे समय से चल रहा था जुआ,खबर प्रकाशन उपरांत ही पड़ा छापा,घटती-घटना की खबर की सच्चाई आई सामने
जुआ लंबे समय से जारी था और यह बात सभी जान भी रहे थे और बच्चे बच्चे की जबान पर जुआ फड़ के संचालन की बातें सुनी जा रही थी लेकिन पटना पुलिस को खबर का इंतजार था और घटती-घटना की खबर जैसे ही प्रकाशित हुई वैसे ही जुआ फड़ पर कार्यवाही तय हो गई। कुल मिलाकर देखा जाए तो कहीं न कहीं घटती-घटना की खबर से इस बात की चिंता बढ़ी कि जनसरोकारों से और भ्रष्टाचार और अवैध कारोबार से जुड़ी खबरों से दैनिक घटती-घटना समझौता करेगा नहीं और यदि कार्यवाही का दिखावा नहीं किया तो आगे भी प्रकाशित होगी खबर इसलिए कार्यवाही हुई। वैसे लंबे समय तक जुआ बिना पुलिस की जानकारी के चल रहा था बड़े स्तर पर चल रहा था यह मानना सही नहीं होगा।
पहली बार पुलिस ने कार्यवाही स्थल का फोटो किया जारी
पुलिस ने कार्यवाही स्थल का फोटो जारी किया है यह पहली बार हुई घटना है जब पुलिस ने जुआ फड़ रेड मामले में कार्यवाही स्थल की फोटो साझा की है, पहले थाने से फोटो जारी होते थे और आरोपियों से जत सामग्री पैसे की तस्वीर मीडिया को दी जाती थी। क्या ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि सबकुछ वहीं पहले तय हुआ और कितनी बड़ी रेड पड़ी है यह मीडिया को किस स्तर का बताना है। वैसे सूत्रों की माने तो कार्यवाही को लेकर पुलिस ने पहले वहीं तय किया कि कितनी बड़ी और कितने पैसे की रेड बतानी है इसीलिए कार्यवाही की जगह से पुलिस ने जारी की तस्वीर।
क्या पुलिस की इस कार्यवाही के बाद दोबारा भी जुआ फड़ पर होगी कार्यवाही…या फिर इसे अंतिम कार्यवाही मान लिया जाए?
पुलिस की यह कार्यवाही दैनिक घटती-घटना की खबर को संज्ञान में लेकर की गई कार्यवाही है। पुलिस ने खबर के आधार पर जाकर कार्यवाही की अब वह प्रायोजित है कि असली है यह अलग बात है। वैसे पुलिस की कार्यवाही यदि कानून व्यवस्था और अवैध कारोबार के खिलाफ है तो क्या ऐसी कार्यवाही जारी रहने वाली है? क्या अब निरंतरता बनी रहने वाली है कार्यवाहियों की? क्या पुलिस अब खबरों से संज्ञान लेकर अन्य मामलों में भी अन्य अवैध कारोबार मामले में भी कार्यवाही करेगी यह सवाल जरूर उठ रहा है?


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