सूरजपुर@असफाक उल्लाह के मामले में पुलिस अलग-अलग शिकायत पर अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करने से क्यों बचना चाह रही है?

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@ शिकायतकर्ता उठा रहे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल,अपनी अपनी शिकायतों पर वह चाह रहे हैं अलग-अलग एफआईआर
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क्या पुलिस कम प्राथमिकी दर्ज कर असफाक को बड़ी सजा से बचाने के फिराक में लगी है?
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शिकायतकर्ताओं के अधिवक्ता भी पुलिस की प्राथमिकी दर्ज करने में की जा रही हिला हवाली को ठहरा रहे गलत
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शिकायकर्ता अब उच्च अधिकारियों से कर सकते हैं स्थानीय पुलिस की शिकायत,कर सकते हैं न्यायोचित कार्यवाही की मांग
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शिकायत 101, अपराध दर्ज कुल 3, क्या पुलिस असफाक से कर चुकी है सेटिंग, उत्पन्न हो रहा संदेह
-ओमकार पांडेय-
सूरजपुर 14 दिसम्बर 2024(घटती-घटना)।
असफाक उल्लाह सदी का महाठग अब जेल की सलाखों के पीछे है पुलिस रिमांड खत्म होते ही पुलिस ने उसे जेल दाखिल कर दिया, वहीं अब इस बड़ी ठगी मामले में नई बात शिकायकर्ता सामने ला रहे हैं और पुलिस जो पूरे मामले में विवेचना कर रही है जांच कर कार्यवाही का जिनका जिम्मा उनपर असफाक को किसी भी तरह से बचाने का आरोप लगा रही है। शिकायतकर्ताओं के अधिवक्ताओं का भी यही मानना है कि पुलिस मामले में कुल शिकायतों के हिसाब से प्राथमिकी दर्ज करने से बच रही है और कुल तीन शिकायतों को ही वह प्राथमिकता देकर उनपर प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है शेष अन्य सैकड़ों शिकायतों को वह केवल पूर्व दर्ज तीन प्राथमिकी के साथ जांच में शामिल कर रही है, उनपर वह प्राथमिकी अलग से दर्ज नहीं कर रही है। ऐसा करके पुलिस कहीं न कहीं प्राथमिकियों की संख्या घटा रही है, जिसका फायदा असफाक को न्यायालय में मिलेगा और वह बच निकलने में कामयाब होगा। अशफाक से ठगी का शिकार हुए लोग अब अधिवक्ताओं से सलाह ले रहे हैं और अधिवक्ताओं का उनसे यही कहना है कि सभी शिकायतों पर पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए जैसे पुलिस ने तीन शिकायतों पर दर्ज की है वरना बाद में यही सिद्ध हो जाएगा कि कुल तीन ही प्राथमिकी दर्ज थीं और वह कम सज़ा के साथ अंत में बरी हो जायेगा। वैसे यह शिकायतकर्ताओं के द्वारा बताया जा रहा है और इस संदर्भ में दैनिक घटती घटना ने कोई कानूनी जानकारी नहीं जुटाई है शिकायकर्ताओं की ही शिकायत का इसमें उल्लेख है। शिकायतकर्ताओं और उनके अधिवक्ताओं की बात पर गौर किया जाए तो यह सही भी लगता है कि सभी शिकायतों पर अलग अलग प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं कर रही पुलिस क्यों पुलिस इससे बचना चाह रही है जबकि शिकायतों की संख्या सैकड़ों है,क्या शिकायतकर्ताओं और उनके अधिवक्ताओं की आशंका सही?
आश्वासन के सहारे हैं पीड़ित, उनका पैसा मिलेगा जब वह कानूनी जटिलताएं दूर कर लौटेगा लेकिन यह भी उसी तरह का आश्वासन है
अशफाक उल्लाह ने 200 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है वहीं अभी तक सभी शिकायतकर्ता शिकायत करने नहीं पहुंचे हैं और कुछ अभी भी इस आश्वासन के सहारे हैं कि उन्हें उनका पैसा मिलेगा जब वह कानूनी जटिलताएं दूर कर लौटेगा लेकिन यह भी उसी तरह का आश्वासन है, जो पैसा दुगुना करने का उसने दिया था। अशफाक और उसके पिता ने एक राय होकर जो अरबों की ठगी की उससे मिला पैसा वह खर्च करते गए और कुछ संपत्तियां चल अचल उन्होने अर्जित की वहीं कुछ ऐसी आशंका है कि उन्होंने छिपा या गाड़ रखा है जो वह कानूनी कार्यवाही से बच निकलने उपरांत अपने भविष्य के लिए उपयोग में लायेगे। वह अब किसी का पैसा नहीं लौटाएंगे यह तय है जो आगे पता चलने वाला है। खैर असफाक और उसका पिता क्या करने वाले हैं कि बजाए अब यह महत्वपूर्ण है कि पुलिस कैसे सभी का पैसा वापस दिलाएगी? अशफाक को जेल भेजने मात्र से ठगी के शिकार लोगों के साथ न्याय नहीं होने वाला असफाक को उसके पिता को बड़ी सजा हो या उनकी सभी संपत्ति कुर्क कर सभी का पैसा भुगतान हो तभी न्याय माना जाएगा। वैसे अशफाक उल्लाह मामले में जब तक पृथक पृथक प्राथमिकी दर्ज नहीं होगी न्याय मिलना असंभव है यह शिकायतकर्ताओं के अधिवक्ताओं का कहना है।
शिकायतकर्ता अब अधिवक्ताओं के माध्यम से उच्च अधिकारियों को करेंगे शिकायत
असफाक उल्लाह के मामले में अब शिकायतकर्ता पुलिस की शिकायत अधिवक्ताओं के माध्यम से उच्च अधिकारियों को करेंगे। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि पुलिस सभी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही है जो उनके कानूनी अधिकार से उन्हें वंचित किए जाने का प्रयास है। जिस तरह एक प्राथमिकी दर्ज हुई दो हुई तीन हुई वैसे ही सभी शिकायतों पर प्राथमिकी दर्ज होने थी लेकिन ऐसा न करके पुलिस तीन के साथ ही अन्य को अटैच कर जांच कर रही है। शिकायतों पर प्राथमिकी दर्ज होने से असफाक की सजा बढ़ती और उसे उसकी करनी की सजा मिलती लेकिन पुलिस असफाक को पता नहीं क्यों बचाना चाहती है प्राथमिकी कम दर्ज करके क्यों उसे एक तरह से बचाव का मौका दे रही है यह शिकायतकर्ताओं का कहना है और वह इसके विरोध में पुलिस की शिकायत उच्च अधिकारियों को करेंगे।
101 शिकायत के विरुद्ध पहले दर्ज 3 शिकायतों पर ही प्राथमिकी केवल दर्ज
शिकायतकर्ताओं के अनुसार पुलिस ने कुल तीन प्राथमिकी दर्ज की है जबकि ठगी की कुल 101 शिकायत पुलिस के पास मौजूद है।पुलिस की मंशा पर शिकायकर्ता ठगी के शिकार लोग सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं हो रही है यह उनका कानूनी अधिकार है। वैसे ऐसा न करके पुलिस उनका कानूनी अधिकार छीन रही है यह ठगी के शिकार लोगों का कहना है।
शिकायतकर्ता का कहना
शिकायतकर्ता का कहना है की  हमारी घटना अलग हैं और दूसरों कि घटना अलग हैं। हम उसमें कोई ग्वाह थोड़ी ना है? जों हमारें आवेदन की दूसरों के एफआईआर में अटैच कर रहें हैं। में हम सबकी एक अलग- अलग घटना है तो इसमें केश भी अलग – अलग ही होना चाहिए। हमारें केश को दूसरों के एफआईआर में अटैच करनें का कोई प्रावधान नहीं हैं। ये कानून के विरुद्ध हैं। धीर चिंतन का विषय यह भी है की यदी एक ही केश बना कर और बाकी 101 लोगों का आवेदन लेकर इसकों दूसरों के एफआईआर में जोड़ देगें तों हम सभी लोगों को ग्वाही के रूप में कर दिए तों अधिक्तम असफाक व जरिफ को कितनी सजा होगी 3 साल कि बस। यहाँ घटना कोई एक तो है नहीं, 101 घटना थानें में थाना प्रभारी को लोगों नें दर्ज कराई है, जिसकों थाना प्रभारी में एक ही केश बनाकर 101 से लोगों को ग्वाही के रूप में कर दिए है, इसे अधिक्तम असफाक, जरिफ वह उनके परिवार जनों को कितनी सजा होगी 3 साल कि वस। यहाँ सभी लोगों को अलग-अलग तरह से ठगा है तो सबका अलग- अलग केश होना चाहिए। अभी तक असफाक, जरिफ तथा उनके परिवार के लोग जैसें-शारुख खान, रजिया, माहिनूर , नूरजहान, आशिया बेगम, रहमत उल्ला में सभी पुलिस कि गिरफत से बाहर है। क्यों इनकी पकड़ने में गिरफतारी नहीं कि जाएगी क्याँ हमें न्याय नहीं मिलेगा?


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