नई दिल्ली@ संविधान को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष में टकराव

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राहुल ने सदन में दिखाई मनुस्मृति और संविधान की कॉपी…
नई दिल्ली,14 दिसम्बर 2024 (ए)।
संविधान चर्चा के दौरान कई ऐसे मौके आए,जब सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोक और विवाद दिखा। हालांकि अपने 27 मिनट के संबोधन में राहुल ने जिस तरह से अचानक अपनी बात खत्म की, उससे सदन में सभी हैरान दिखे। कांग्रेस के भीतर भी यह दिखा। कुछ सांसदों का कहना कि यह एक बेहतर मौका था, जब बहुत कुछ कहा जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जब बोलने के लिए खड़े हुए तो सत्ता पक्ष उन्हें कहीं हल्के फुल्के अंदाज में टोकता दिखा तो कहीं उसने राहुल के कथन पर तीखी आपत्ति जाहिर की, जिसे लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष सदन में भिड़ता दिखाई दिया।
राहुल गांधी ने सुनाई एकलव्य की कहानी
राहुल ने एकलव्य की कहानी सुनाते हुए जब कहा कि सात आठ साल का युवा तो सत्तापक्ष ने तुरंत टोकते हुए कहा कि युवा नहीं बच्चा। उसके बाद राहुल ने अपने कथन को सुधार लिया। राहुल ने सदन में पिछली बार की तरह इस बार भी अभय मुद्रा का जिक्र किया। जब वह अभय मुद्रा को सामने रखते हुए इसके पीछे का संदेश समझाने की कोशिश करते हैं और फिर अभय मुद्रा में उठे हाथ का अगूंठा दबाकर उसे पलटकर अंगूठा कटा दिखाकर एकलव्य के प्रतीक के तौर पर सामने रखते हैं तो एसपी चीफ मुस्कुराते हुए कहते हैं कि इस प्रतीक का जिक्र तो मैं पहले कर चुका हूं तो तुरंत हंसते हुए राहुल कहते हैं, हां मैं आप ही कही बात कर रहा हूं।
राहुल गांधी जब केंद्र सरकार व यूपी सरकार पर हमला बोल रहे थे तो विपक्ष की ओर से खूब टोका-टोकी हुई, जिस पर विपक्ष पर बैठे कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर कहने लगे अभी कुछ देर में पीएम भी तो बोलेंगे, तब देखिएगा। इस पर आसन की ओर से कहा गया कि आप धमकी नहीं दे सकते।
राहुल और सत्तापक्ष के बीच टकराव
वहीं उन्होंने देश के संविधान के बरक्स मनुस्मृति रखते हुए संविधान व मनुस्मृति की कॉपी दिखाईं। इतना ही नहीं,सावरकर को लेकर एक बार फिर राहुल और सत्तापक्ष टकराता दिखा। शिवसेना सांसद एकनाथ शिंदे ने अपने संबोधन में दावा किया कि नेता प्रतिपक्ष सावरकर पर हमला करते हैं, लेकिन उनकी दादी ने सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सचिव पंडित बाखले को लिखे लेटर में सावरकर की तारीफ की थी और उन्हें साहसी बताया था। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बताएं कि क्या उनकी दादी भी संविधान विरोधी थीं। इस पर राहुल गांधी स्पष्टीकरण देने की मांग करने लगे। आसन की ओर से उन्हें शिंदे की बात खत्म होने के बाद मौका देने के लिए कहा गया, लेकिन कांग्रेस सांसद तत्काल अनुमति देने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे और आसन के समीप आ गए। कुछ देर हंगामे के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी को बोलने की अनुमति दी। राहुल ने कहा कि जब मैं छोटा था तो मैंने इंदिरा गांधी जी से सावरकर के बारे में पूछा था तो उन्होंने मुझे बताया था कि सावरकर ने अंग्रेजों से समझौता किया और अंग्रेजों को पत्र लिखकर माफी मांगी। गांधीजी जेल गये, नेहरू जी जेल गए, लेकिन सावरकर ने माफी मांगी थी। सत्ता पक्ष की ओर सवाल उठा दिया गया कि जब इंदिरा गांधी तो आप कितने साल छोटे थे, आप सावरकर के बारे में क्या जानते थे।
किरण रिजीजू ने दिया जवाब
सदन में जिस समय किरण रिजीजू अपनी बात रख रहे थे तो सत्ता पक्ष व विपक्ष नोक-झोंक करता दिखा। रिजिजू द्वारा पूर्व रक्षामंत्री ए के एंटनी के उस कथन पर विपक्ष की ओर से हंगामा देखा गया, जहां वह कहते हैं कि एंटनी ने सदन में कहा था कि सीमावर्ती इलाके में सडक़ इसलिए नहीं बना रहे, ताकि कहीं दुश्मन न घुस आए। इस पर विपक्ष से खूब हंगामा दिखा। वहीं टीएमसी सांसद सौगत राय द्वारा टोके जाने पर रिजिजू ने कहा कि वह उनकी उम्र व सीनियोरिटी को देखते हुए कुछ नहीं बोल रहा, बराबर के होते तो जवाब देता। वहीं डीएमके नेता ए राजा ने जब कहा कि संविधान सभा एक पार्टी की देन है तो उन्होंने संविधान सभा के तमाम सदस्यों का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें से एक में आप हिंदु महासभा या संघ से जुड़े व्यक्ति का नाम बता दीजिए, इस पर सत्ता पक्ष की ओर से विरोध देखा गया। राजा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कहा कि आपके पार्टी के नंबर दो ने कहा कि 400 सीटें आएंगी तो संविधान बदल देंगे, संविधान की भावना बदलेगी, हिंदू राष्ट्र बना देंगे तो बीजेपी के सांसद ने तीखा विरोध करते हुए कहा कि इसे आप साबित कीजिए या आपके खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस लाएंगे, राजा कहने लगे कि ले आइए नोटिस। वहीं अपने संबोधन में जब उन्होंने एक जगह कहा कि संविधान गलत तत्वों के हाथ में चला गया है तो विपक्ष की ओर से प्रह्लाद जोशी,संजय जायसवाल व निशिकांत जैसे नेता राजा का तीखा विरोध करते दिखे। उनका कहना था कि कोई सांसद पूरी सरकार को गलत तत्व कैसे कह सकता है। सत्ता पक्ष माफी की मांग करता दिखा।


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