नई दिल्ली,@ भारत के संविधान को लेकर पक्ष-विपक्ष में टकराव

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भारत का संविधान संघ का विधान नहीं है:प्रियंका गांधी
नई दिल्ली, 13 दिसम्बर 2024 (ए)।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान अपना पहला भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने उन्नाव रेप मामले, संभल में हुई सांप्रदायिक हिंसा सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की।
प्रियंका गांधी ने कहा, कुछ दिन पहले संभल के शोकाकुल परिवारों के कुछ लोग हमसे मिलने आए थे। इनमें दो बच्चे थे, एक का नाम अदनान और दूसरे का नाम उजैर था। अदनान मेरे बेटे की उम्र का था और उजैर लगभग 17 साल का था। उनके पिता एक दर्जी थे, और उनका सपना था कि वह अपने बेटों को शिक्षित होते देखें।
प्रियंका ने आगे कहा, पुलिस ने उनके पिता को गोली मार दी। अदनान ने मुझसे कहा था कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को पूरा करेगा। यह सपना भारत के संविधान ने उसमें डाला था। प्रियंका ने बताया कि हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है, न्याय और एकता का कवच है, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी। लेकिन दुख की बात है कि सत्तापक्ष ने पिछले 10 सालों में इस सुरक्षा कवच को तोडऩे की कोशिश की है।
जाति जनगणना परप्रियंका गांधी का बयान
प्रियंका गांधी ने लोकसभा में जातिगत

जनगणना पर भी बात की और कहा, आज देश की जनता मांग कर रही है कि जातिगत जनगणना हो। सत्ता पक्ष के साथी इस विषय को लेकर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन इसे लेकर सिर्फ चुनावी नतीजों का ही असर नहीं है, बल्कि इससे हम सबकी स्थिति समझ सकते हैं और नीति निर्माण में मदद मिल सकती है।
महिला आरक्षण विधेयक पर प्रियंका गांधी की मांग
प्रियंका गांधी ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा, इस देश की महिलाओं को 10 साल तक इंतजार क्यों करना पड़ रहा है ? केंद्र को इसे बिना देरी के लागू करना चाहिए। उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार का भी बचाव किया और कहा,यहां 1975 की बातें की जाती हैं, लेकिन मैं कहती हूं कि आप लोग सीख लिजिए। आप बैलेट पेपर से चुनाव करवा लीजिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
अडानी मुद्दे पर प्रियंका गांधी का हमला
प्रियंका गांधी ने अडानी मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि सत्तारूढ़ सरकार अमेरिका के आरोपों पर बहस करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, देश देख रहा है कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए 1.4 अरब लोगों की अनदेखी की जा रही है, जबकि सारी संपत्ति,बंदरगाह,सडक़ें,खदानें उसे दे दी गई हैं। प्रियंका ने कहा,लैटरल एंट्री के जरिये यह सरकार रिजर्वेशन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। अगर चुनाव के नतीजे नहीं होते तो ये लोग संविधान बदलने की कोशिश करते।
संसद में राजनाथ बोले-नेहरू-इंदिरा ने संविधान बदलाताकि विरोधियों को चुप रख सकें
प्रियंका ने कहा-नेहरू को छोडि़ए,आपने क्या किया

संसद के शीतकालीन सत्र के 14 वें दिन शुक्रवार को संविधान के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा हुई। शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। 1 घंटे 10 मिनट की स्पीच में राजनाथ ने कांग्रेस पर संविधान बदलने, चुनी हुई सरकारों को गिराने, संविधान से ऊपर अपना स्वार्थ पूरा करने, इमरजेंसी के जरिए संविधान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।राजनाथ के बाद विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी ने 31 मिनट में उनके हर एक बयान का जवाब दिया। प्रियंका ने कहा…रक्षा मंत्री संविधान निर्माताओं में नेहरू जी का नाम नहीं लेते। जहां जरूरत होती है, वहां जरूर लेते हैं। पहले क्या हुआ, उसे अब बताने का क्या मतलब है। अभी सरकार आपकी है, आपने क्या किया, जनता को ये बताइए। प्रियंका ने कहा- प्रधानमंत्री संसद में संविधान की किताब को माथे से लगाते हैं। संभल, हाथरस, मणिपुर ंिहंसा पर जब न्याय की बात उठती है तो उनके माथे पर शिकन तक नहीं आती। राजा भेष बदलते हैं, लेकिन उनमें आलोचना सुनने की हिम्मत नहीं है। प्रियंका की यह लोकसभा में बतौर सांसद पहली स्पीच थी।


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