बिजली जैसी अत्यंत आवश्यक सुविधाओ से वंचित है अधिकतर नागरिक,कई वार्डों में आज भी राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त बिजली नहीं?
एसईसीएल की बिजली पर लोगों का जीवन निर्भर, क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के अभाव से लोगों का पलायन निरंतर जारी।
मुख्यमंत्री के दौरे से लोगों की बड़ी उम्मीदें, प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री चिरमिरी के विभिन्न वार्डों में राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त बिजली उपलब्ध कराने की की घोषणा करेगे?
-संवाददाता-
चिरमिरी 08 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)। आज चिरमिरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री जी सहित कई जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों का आगमन हो रहा है बीते विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री जी का पहला दौरा है उनके इस दौर से लोगों को उनसे काफी उम्मीदें हैं, क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधी और अधिकारी विकास और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की चाहे जितनी भी बड़ी-बड़ी बातें कर लें उन सभी को चिरमीरी के दर्जनों वार्डों में मानवीय जीवन के लिए बहु उपयोगी बिजली का उपलब्ध नहीं होना उनकी थोथी घोषणाओ और विकास के बड़ी-बड़ी बातों को आईना दिखाने जैसा प्रतीत हो रहा है लोगों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि निकाय चुनाव के पूर्व संवेदन शील मुख्यमंत्री जी के दौरा भी आम जन को हो रही असुविधा को स्वयं संज्ञान में ले कर उक्त सभी समस्याओं के त्वरित निराकरण करने हेतु क्षेत्र में उपलब्ध हो रहे हैं निश्चित ही विद्युत जैसी बहु उपयोगी बुनियादी सुविधा को आमजन तक उपलब्ध कराने हेतु कोई सकारात्मक पहल करेंगे।
आज भी गोदरी पारा चिरमिरी के उस स्थान पर जहां सीएम साहब का आगमन हो रहा हैं आज तक सीएसईबी की बिजली नहीं पहुंच सकी है आज भी यहां के नागरिक कोयला कंपनी से हुकिंग कर या दूसरे शब्दों में कहले की कोयला कंपनी के अधिकारियों के रहमो करम पर आज भी वहां का वार्ड वासी निर्भर है, और उनके द्वारा बलात बिजली लेकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं बुनियादी विकास की फर्जी गाथा गाने वाले कांग्रेसी महापौर और पूर्व विधायक विनय जायसवाल भी उसी गोदरी पारा के नागरिक है उनके घर और दफ्तर में भी आज कोयला कंपनी की बिजली से ही उनके घरेलू और ऑफिशियल आवश्यकताओं की पूर्ति हो रही है यदि उक्त कोयला कंपनी जिस दिन विभिन्न वार्डों की बिजली काट देती है उसे दिन पूरे गोदरीपारा में अंधेरा छा जाता है, बिजली काटने जोड़ने का यह सिलसिला काफी वर्षों से चल रहा है मैनेजमेंट और नागरिक के बीच अक्सर तकरार होने की वजह भी यही है, कोयला कंपनी भी इस आड़ में लोगों का शोषण जबरदस्त तरीके से कर रही है क्षेत्र में उड़ती धूल और बैंड खदानों से निकलते खतरनाक गैसों के बीच लोग अपना जीवन यापन कर रहे हैं और उसका विरोध भी इसलिए नहीं कर पाए कि कोयला कंपनी कभी भी उनका बिजली पानी बंद कर देगी तो उनका जीवन कैसे चलेगा? क्षेत्र में कोरिया कॉलरी बरतूंगा गेल्हापानी सहित विभिन्न हिस्सों में बिजली आज तक नहीं पहुंची है।
आजादी के इतने वर्ष बाद भी चिरमिरी निगम क्षेत्र के बहुत यात इलाके में राज्य सरकार की बिजली उपलब्ध नहीं है
विकास की थोथी और फर्जी बात करके सत्ता हासिल करने वाले लोगो के लिए यह बड़ा सवाल है कि आजादी के इतने वर्ष बाद भी चिरमिरी निगम क्षेत्र के बहुत यात इलाके में राज्य सरकार की बिजली उपलब्ध नहीं है लोगों को चोरी के बिजली में अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है बताया जाता है कि हर एक चुनाव में निर्वाचन के दौरान इस बुनियादी सुविधा को उपलब्ध कर करने की बात सभी नेता करते हैं लेकिन जैसे ही सत्ता मिल जाती है फिर यह बात ये सभी पूरी तरह से भूल जाते हैं…ऐसा नहीं है कि इस क्षेत्र में बिजली के पहुंचने के साधन नहीं है इसी चिरमिरी शहर के बीचो-बीच से झारखंड और बिहार तक जाने वाली बिजली के टावर लगे हुए हैं, शहर से वह बिजली गुजरती है इसके अलावा 33000.00 किलोवाट की बिजली कोयला कंपनी के विभिन्न स्थानों में लगे सब स्टेशनों तक भी पहुंची है सिर्फ कमी है तो अधिकारियों और जिम्मेदार नेताओं की इच्छा शक्ति की यदि यह अपने इन कर्तव्यों को बड़ी जिम्मेदारी से निर्माण करते तो क्षेत्र का नागरिक इस तरह परेशान नहीं रहता कोयला कंपनी के अधिकारी महीने दो महीने में अपने सिक्योरिटी विभाग सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के साथ इन बस्तियों की लाइट भी काटते रहते हैं दो-चार दिन 5 दिन लाइव टाइम बंद रहती हैं कई बार तो महीना ट्रांसफार्मर भी खराब रहती हैं लोगों को अंधेरे में अपना जीवन यापन करना पड़ता है इसकी वजह यह भी है कि वह नागरिक जिम्मेदार अधिकारियों पर दबाव भी नहीं बना पाते एस इ सी एल के अधिकारी भी सोचते हैं कि यह हमारे कर्मचारी तो है नहीं इन्हें बिजली देने की जिम्मेदारी भी हमारी नहीं है इसलिए वह छोटे-छोटे फाल्ट में भी महीना बिता देते है ऐसी नकारात्मक स्थिती में मजबूर लाचार नागरिकों को कई हफ्तो और महीनों अधेरे में रहना पड़ता है, सरगुजा संभाग के ही मुख्यमंत्री है लोगों को इस और बड़ी सकारात्मक उम्मीदें दिख रही हैं कि इस बड़ी समस्या के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री जी कुछ बड़ी घोषणा करेंगे।