अनूपपुर@कोयला कारोबारी को बचाने के लिए एक अधिकारी निभा रहा रिश्तेदारी

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-बागी कलम-
अनूपपुर,08 दिसंबर 2024 (घटती-घटना)। वैसे तो कागजों पर रेलवे के पास अधिकारियों की लंबी चौड़ी फौज है और रेल संपत्तियों की सुरक्षा देखभाल निगरानी के लिए अलग विभाग बनाया गया है लेकिन बिजुरी रेलवे स्टेशन की रेलवे की जमीनों पर जिस तरह से कोयला कारोबारी के द्वारा पहले 6 एकड़ के क्षेत्रफल में 15 से 20 फीट की गहरा तालाब बना देना, हरे पेड़ों की कटाई कर लेना, रेलवे से ही आवंटित अपनी जमीन को समतल करने के लिए रेलवे के द्वारा लाखों रुपए खर्च करके रेल लाइन बिछाने के लिए बनाए गए रैंप को तोड़कर उसकी मिट्टी से अपने प्लाट की फीलिंग कर लेने के बावजूद रेलवे के अधिकारी शिकायत और समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। वहीं सूत्रों की माने तो कार्यवाही के नाम पर कोरम पूर्ति के कारण व्यावसायिक आवंटन धारी का एक रिश्तेदार जो बिलासपुर जोन नहीं मनेन्द्रगढ़ के पास किसी क्षेत्र का आईओडब्लू है और जो इसके पहले बिजुरी मे रह चुका है। वह कोयला कारोबारी को संरक्षण देकर उन्हें बचाने के कार्य में लगा हुआ है, उसी की सक्रियता के कारण मनेंद्रगढ़ के आईओडब्लू के द्वारा अभी तक कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की गई है जिससे यह लगे कि रेलवे के अधिकारी रेलवे की संपत्ती की सुरक्षा करने के लिए सजग है।
डीआरएम सहित कई अधिकारियों के संज्ञान में मामला
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे की संपत्तियों को व्यावसायिक प्लाट आवंटन धारी के द्वारा नुकसान पहुंचाने की जानकारी व्हाट्सएप फोन और ईमेल के माध्यम से जीएम बिलासपुर जोन, डीआरएम बिलासपुर, एडीएन बिलासपुर के साथ आईओडब्लू मैनेंद्रगढ़ को तीन दिन पहले दी जा चुकी है लेकिन सूत्रों के अनुसार आईओडब्लू मनेंद्रगढ़ के द्वारा अपने ही पड़ोस अंबिकापुर के आईओडब्लू के रिश्तेदार को बचाने के लिए महज खाना पूर्ति की कार्रवाई की जा रही है। वहीं सूत्रों का यह भी दावा है कि बिजुरी में ही रेल फाटक के पास वार्ड नंबर 6 में रेलवे की जमीन पर सड़क बनाई जा रही है जिसकी सूचना भी फोन से अधिकारियों को दी गई थी लेकिन अधिकारी रेलवे की संपçायों को बचाने की जगह आरोपियों को ही बचाने की लीपापोती में जुटे हुए हैं जो इस समय बिजुरी क्षेत्र में रेलवे के स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही चर्चा का विषय बनी हुई है।
संगीन अपराध पर रेलवे एक्ट के तहत दर्ज हो मुकदमा
इस संबंध में बिजुरी नगर वासियों का कहना है कि कोयला कारोबारी के द्वारा अपनी आवंटित प्लांट को बाहर से मिट्टी लाकर फीलिंग किया जा सकता था लेकिन उनकी आपराधिक गतिविधियां इस कदर है कि चाहे मध्यप्रदेश सरकार के खनिज विभाग का नियम कानून हो या फिर भारत सरकार के रेलवे विभाग का.! इनके ऊपर कोई असर नहीं पड़ता और यह हमेशा नियम कानून तोड़ने के लिए तत्पर रहते हैं। यही कारण है कि आवंटन धारी ने मिट्टी की खुदाई और रेलवे लाइन बिछाने के लिए रैंप को तोड़ा ही साथ ही पौधा रोपण हुए हरे पेड़ों को भी जमीन से उखाड़ कर फेंक दिया जो इनके बुलंद हौसले की गवाही दे रहे हैं। जबकि ऐसा करने के लिए कोई और नहीं इनका ही रिश्तेदार आईओडब्लू एक अधिकारी खुला संरक्षण दे रहा है और इनको बचाने के लिए रेलवे बिलासपुर जोन के उच्च अधिकारियों को गुमराह कर और स्थानीय मनेंद्रगढ़ के अधिकारियों को मैनेज करने की कवायद भी कर रहा है। अब देखना यह है कि क्या रेलवे विभाग के उच्च अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रेलवे की संपçायों को नुकसान पहुंचाने वाले कोयला कारोबारी के ऊपर रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई करेंगे या इसी तरह से लीपापोती चलती रहेगी।


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