@ सुप्रीम कोर्ट ने जगजीत सिंह डल्लेवाल से कहा- किसानों को समझाएं, किसी को असुविधा न हो…प्रदर्शन पर भी की टिप्पणी…
@ सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से की अपील…
@ हाईवे को बाधित न करने को कहा…
@ जगजीत डल्लेवाल पर भी की टिप्पणी…
नई दिल्ली,02 दिसम्बर 2024 (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से कहा कि वह प्रदर्शनकारी किसानों को राजमार्ग (हाईवे) बाधित नहीं करने और लोगों की सुविधा का ध्यान रखने के लिए समझाएं। डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं।
दो जजों की पीठ ने की सुनवाई
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने इसके साथ ही डल्लेवाल की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा कर दिया जिन्हें 26 नवंबर को पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी विरोध स्थल से हटा दिया गया था। पीठ ने कहा, हमने देखा है कि उन्हें रिहा कर दिया गया है और उन्होंने शनिवार को एक साथी प्रदर्शनकारी को आमरण अनशन समाप्त करने के लिए राजी भी किया। पीठ ने यह भी कहा कि किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर अदालत ने गौर किया है और
लंबित मामले में इस पर विचार किया जा रहा है।
अदालत ने की टिप्पणी
पीठ ने डल्लेवाल की ओर से पेश वकील गुनिन्दर कौर गिल से कहा, लोकतांत्रिक व्यवस्था में आप शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि लोगों को असुविधा न होने पाए। आप सभी जानते हैं कि खनौरी सीमा पंजाब के लिए जीवन रेखा है। हम इस पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं कि विरोध सही है या गलत।
याचिका पर नहीं किया विचार
जस्टिस कांत ने कहा कि डल्लेवाल को प्रदर्शनकारियों को कानून के तहत शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए राजी करना चाहिए। पीठ ने कहा कि वह इस समय डल्लेवाल की याचिका पर विचार नहीं कर रही है, लेकिन बाद में वह (डल्लेवाल) इस मामले में संपर्क कर सकते हैं। डल्लेवाल को 26 नवंबर को आमरण अनशन शुरू करने से कुछ घंटे पहले कथित तौर पर खनौरी बार्डर से जबरन हटाकर लुधियाना के एक अस्पताल ले जाया गया था।
आमरण अनशन में हुए थे शामिल
27 नवंबर की शाम को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। पंजाब पुलिस द्वारा उनकी कथित अवैध हिरासत को चुनौती देते हुए 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। रिहा होने के एक दिन बाद 30 नवंबर को डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए खनौरी सीमा पर आमरण अनशन में शामिल हो गए।
सीमा पर किसानों का डेरा
सुरक्षा बलों द्वारा किसानों का दिल्ली कूच रोक दिए जाने के बाद किसान 13 फरवरी से पंजाब एवं हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र पर उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि 18 फरवरी के बाद से केंद्र ने उनके मुद्दों पर उनसे कोई बातचीत नहीं की है।
किसानों की क्या है मांगें
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू हों
किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन
किसानों के कृषि ऋण माफ हों
भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 बहाल हो
2020-21 में हुए किसान आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले
