- नाबालिक झूला फंदे पर,परिजनों का पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप
- पुलिस ने नाबालिक को लेकर नहीं बरती सावधानी,इसलिए नाबालिक ने दी जान:सूत्र
- गुमशुदा नाबालिक की तलाश में जुटी पटना पुलिस की लापरवाही से संदेही नाबालिक फंदे पर झूला
- गुमशुदा नाबालिक का भी मिला शव,गला काटकर की गई है हत्या
- शव के पास से मिला खून से सना चाकू,खोजी कुत्ता भी शव के पास से सीधे पहुंचा फंदे पर झूले नाबालिक के घर
- पटना पुलिस की हो रही आलोचना, समझदारी दिखाते एक नाबालिक या संभावित आरोपी नाबालिक होता जीवित, हत्या का कारण होता स्पष्ट
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर/पटना 23 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के पुलिस थाना पटना से बड़ी खबर सामने आई है जहां एक गुमशुदा नाबालिक को ढूंढ रही पटना पुलिस की लापरवाही से एक संभावित नाबालिक हत्या का आरोपी डर से फंदे पर झूल गया और अपनी जान उसने दे दी है।
बताया जाता है कि यदि पटना पुलिस के द्वारा गुमशुदा नाबालिक के गुमशुदगी मामले में गंभीरता दिखाई गई होती या समझदारी से पटना पुलिस ने काम किया होता तो एक नाबालिक आज जिंदा होता, वहीं एक नाबालिक जो गुमशुदा था जिसका शव बरामद हुआ जिसकी हत्या हुई है की हत्या की वजह सामने आ गई होती, जिसकी सम्भावना ज्यादा थी। वैसे फंदे पर पुलिस के डर से झूलकर जान देने वाले नाबालिक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने यदि कानून का पालन किया होता नाबालिक के विषय में अपनाए जाने वाले कानूनी निर्देशों के पालन से नाबालिक फंदे पर नहीं झूलता। वैसे पटना पुलिस ने अब मामले में खुद की फजीहत से बचने के लिए अपने बचाव का रास्ता ढूंढना शुरू कर दिया है और पुलिस का यह कहना है कि पुलिस ने फंदे पर झूले नाबालिक से पूछताछ की दौरान पूरी सावधानी बरती थी और कानून का पालन किया था, वहीं पूछताछ के दौरान पुलिस सादी वर्दी में थी और जब पूछताछ की गई तब कुछ वरिष्ठ जन मौजूद थे। वैसे पुलिस के इस बयान को लेकर लोगों का यह कहना है कि यदि पुलिस की मामले में सभी कार्यवाही सही थी कानून सम्मत थी तो पुलिस अपने पुलिस थाने पटना का सीसीटीवी फुटेज क्यों नहीं जारी कर रही है? जब नाबालिक को थाने लाया गया और जब उसे घर पहुंचाया गया। यदि पुलिस नाबालिक जो फंदे पर झूला उसे थाने लाने के दौरान और उसे पूछताछ सहित घर छोड़ने के दौरान वर्दी में नहीं थी वरिष्ठ जन मौजूद थे तो इसका फुटेज जरूर थाने के सीसीटीवी में दर्ज होगा जिससे पुलिस का कथन सही साबित होगा। वैसे पटना पुलिस हाल फिलहाल में अपनी कारस्तानी को लेकर वैसे भी सुर्खियों में है जहां जुआ, कोयले के अवैध कारोबार के साथ लड़की और कबाड़ का भी कारोबर जड़ पसार रहा है वहीं दोपहिया वाहन चोरी मामले में भी बढ़ोतरी बताई जा रही है और पुलिस के द्वारा शिकायत दर्ज नहीं किया जा रहा है यह भी लोग बता रहे हैं। अब नाबालिक की गुमशुदगी और हत्या वहीं एक संभावित आरोपी नाबालिक के फांसी के फंदे में झूलने की घटना के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि पटना पुलिस की कमान सही हाथों में नहीं है, वहीं इस थाने में काफी सर्जरी की जरूरत है जिसमे कई नामी आरक्षक प्रधान आरक्षकों को भी हटाकर नए को लाने की आवश्यकता है जिससे बेहतर पुलिसिंग देखने को मिल सके।
पुलिस अधीक्षक कोरिया ने घटना स्थलों का स्वयं किया मुआयना
पुलिस अधीक्षक कोरिया सूरज सिंह परिहार द्वारा विभिन्न घटना स्थलों का मुआयना करके विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया गया है। साथ ही दोनो बालको का शव पंचनामा पोस्ट मॉर्टम कराया गया है एवं अंतिम संस्कार हेतु गरिमामय तरीके से परिजनों को सुपुर्द किया गया है। उक्त समस्त विवेचना कार्यवाही में साइबर टीम, डॉग स्मड, फॉरेनसिक टीम की मदद ली गई है, जिसके फलस्वरूप कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे है। विवेचना कार्यवाही जारी है।
दो नाबालिकों की मौत से जुड़ी पटना थाना अंतर्गत घटी पूरी घटना
पटना थाना अंतर्गत एक गुमशुदा नाबालिक की गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनों ने दर्ज कराई थी पटना थाने में। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस गुमशुदा नाबालिक की तलाश कर रही थी वहीं जब पुलिस को यह बात पता चली कि नाबालिक ब्रेड बेचने का काम करता था और उसी गांव का एक और भी नाबालिक ब्रेड बेचता है और वह गुमशुदा नाबालिक के साथ भी देखा जाता था तब पुलिस ने उस नाबालिक को पकड़कर पुलिस थाने लाने का काम किया और कड़ी पूछताछ की।वहीं पूछताछ के बाद पुलिस ने दूसरे नाबालिक को छोड़ भी दिया। वहीं पुलिस की पूछताछ से डरकर एक नाबालिक ने पूछताछ के ही दूसरे दिन फांसी लगाकर जान दे दी घर में ही वहीं जब गुमशुदा नाबालिक की तलाश में डॉग स्मयड की टीम आई तो गुमशुदा का भी शव गांव के ही जंगल से बरामद हो गया वह भी सिर को चाकू से रेता गया था। पूरे मामले में जिस नाबालिक के द्वारा घर में फांसी लगाया गया वह ही हत्या का आरोपी हो सकता है यह संभावना जताई जा रही है लेकिन अब चुंकि पुलिस की लापरवाही से उसी ने फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली है गुमशुदा नाबालिक की हत्या क्यों किसने की यह राज राज ही रह जाए तो अचरज नहीं होगा।
यह है पुलिस की विज्ञप्ति वाली कहानी
दिनांक 20 नवंबर 2024 की रात्रि प्रार्थी थाना पटना में उपस्थित होकर गुम रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसका नाबालिक लड़का उम्र 13 वर्ष सुबह 06:00 बजे सायकल से प्रतिदिन की तरह ब्रेड बेचने ग्राम मुरमा की तरफ गया था, ब्रेड बेचकर वापस घर नहीं आया है। आसपास जाकर पूछा तो बताया कि चौक में उतरकर रकया तरफ गया है। जिसपर मैंने आसपास रिश्तेदारी में पता किया, कोई पता नही चला है। प्रार्थी की रिपोर्ट पर से थाना पटना में गुम इंसान क्रमांक 53/2024 दर्ज किया गया। उक्त घटना से थाना प्रभारी पटना द्वारा पुलिस अधीक्षक कोरिया श्री सूरज सिंह परिहार को अवगत कराया गया। एसपी कोरिया द्वारा मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बैकुंठपुर के नेतृत्व में टीम गठन कर तत्काल उक्त बालक की खोजबीन करने हेतु निर्देशित किया गया था। कोरिया पुलिस की अलग-अलग टीमें लगातार विभिन्न स्थानों पर नाबालिक गुम बालक की बारिकी से खोजबीन कर रही थी। इसी दौरान थाना पटना को सूचना मिली की एक व्यक्ति गुम बालक की साईकिल लेकर बेचने का प्रयास कर रहा है। जिस पर कोरिया पुलिस टीम द्वारा तत्काल मौके में जाकर उक्त साईकिल को बरामद किया गया। पूछताछ में उक्त व्यक्ति द्वारा बताया गया कि वह साईकिल उसे निर्माणाधीन खुले मकान ग्राम चम्पाझर में मिली है। जिसकी तस्दीक हेतु परिजन से पूछताछ किया गया, जिसमे पता चला कि गुम बालक के साथ 05 अन्य नाबालिक बालक साईकिल में ब्रेड बेचने का काम करते थे। विवेचना के दौरान परिजनों के बताये अनुसार सभी बालकों को तलब कर सादे वस्त्र में थाना सीपीडल्युओ के समक्ष परिजनों की उपस्थिति में फ्रेंडली एवं सामान्य तौर पर पूछताछ कर नियमानुसार परिजनों को सुपुर्द किया गया है। जिस पर उनके द्वारा बताया गया कि हम सभी ब्रेड बेचने ग्राम चंपाझर से निकल कर गए थे। गुम बालक और उसके साथ एक नाबालिक बालक परसापानी तरफ गये थे, बाकि हम चार लोग रकैया तरफ चले गये थे। इसी दौरान ग्राम मुरमा के सरपंच उदय सिंह से सूचना प्राप्त हुई कि गुमशुदा बालक का ब्रेड वाला झोला ब्रेड सहित मुरमा रोड किनारे जंगल में पड़ा है, जहां पर जाकर तस्दीक करने पर गुमशुदा का ब्रेड वाला झोला होना पाया गया। दिनांक 23 नवंबर की सुबह कोरिया पुलिस की विभिन्न टीमें मौके पर जंगल झाड़ी में अपहृत बालक के पतातलाशी हेतु आपपास रवाना होने पर जब चंपाझर के निकट पहुंचे तो कोरिया पुलिस की एक टीम को सुशील सिंह आ0 स्व0 सहदेव सिंह, उम्र 35 वर्ष निवासी चम्पाझर से सूचना मिली कि मेरा पुत्र नाबालिक भोर में फांसी लगा लिया है, यह बालक वही बालक था जो अंतिम समय में गुमशुदा बालक के साथ देखा गया था। उक्त सूचना पर थाना पटना में मर्ग क्रमांक 101/24 थारा 194 बीएनएसएस कायम किया गया, कार्यपालिक दण्डाधिकारी मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, परिजनों एवं स्वतंत्र गवाहो की उपस्थिति में शव पंचनामा की कार्यवाही कराया जाकर जाँच में लिया गया, साथ ही मृतक के शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना भेजकर शव का पोस्ट कराया गया है। इसके अलवा एसडीओपी बैकुंठपुर, थाना प्रभारी एवं विभिन्न टीमों द्वारा खैरशाली घुटरा जंगल में गुम बालक का तलाश किया जा रहा था, वही खोजबीन के दौरान ऊपर पहाड़ी की तरफ के गढ्ढे में अपहृत बालक का शव बरामद हुआ, जो प्रथम दृष्टया गवाहों के समक्ष देखने पर हत्या कर शव को छुपाना प्रतीत हुआ, शव के आसपास जांच पड़ताल करने पर घरेलू उपयोग करने वाला खून लगा हुआ चाकू साथ ही पत्थर भी बरामद हुआ है। खून लगा हुआ चाकू एवं पत्थर जप्त कर अग्रिम विवेचना में भेजा गया है।