अंबिकापुर@क्या सरगुजा में महिला बाल विकास विभाग में संविदा पदों पर होने वाली भर्ती में होने वाला है बड़ा खेल?

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-भूपेन्द्र सिंह-
अंबिकापुर 20 नवम्बर 2024(घटती-घटना)। सरगुजा जिले के महिला बाल विकास विभाग में ऐसा कुछ देखने-सुनने को मिल रहा है ऐसा कुछ होने जा रहा है जो यदि सही है तो यही कहा जा सकता है कि छाीसगढ़ के बहुचर्चित पीएससी भर्ती घोटाले जैसा ही कुछ होने जा रहा है विभाग में और एक बार फिर बेरोजगार छले जाने वाले हैं ठगे जाने वाले हैं। महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा,संरक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से अंब्रेला योजना अंतर्गत मिशन शक्ति की शुरुआत भारत सरकार ने की है और मिशन शक्ति अंतर्गत ही तीन पदों पर कुल आठ नियुक्तियां सरगुजा जिले में की जाने वाली थीं और जो प्रक्रिया पूर्व की ही कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से जारी थी और जिसमें अब जाकर अभ्यर्थियों की पात्र-अपात्र सूची का प्रकाशन हुआ है जिसमें धांधली और चयन समिति द्वारा परिवारवाद चलाया जा रहा है ऐसा आरोप लग रहा है। मिशन शक्ति अंतर्गत सरगुजा जिले में मिशन समन्वयक,जेंडर विशेषज्ञ, डाटा एंट्री ऑपरेटर के तीन पदों के लिए कुल आठ पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ था,जिसमें जो पात्र-अपात्र सूची का प्रकाशन कर दावा आपत्ती आमंत्रित की गई है,उसमें यदि नजर डाली जाए तो सूची में मिशन समन्वयक के पद पर जिस अभ्यर्थी को पात्र और अधिक अंकों के साथ पात्र घोषित किया गया है वह बीएसडल्यू डिग्रीधारी है वहीं वह पीजीडीसीए की भी अहर्ताधारी है और वह अनुभव भी एक संस्थान से इतनी ग्रहण कर चुकी है कि उससे अधिक किसी के पास अनुभव भी नहीं है, वहीं उसकी यदि सबसे बड़ी योग्यता इस पद हेतु शिकायत अनुसार ढूंढी जाए तो वह है उसका तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग जिला सरगुजा साथ ही सचिव चयन समिति की पुत्री होना जो तब तक चयन समिति के सचिव थे जिला सरगुजा के जब तक की पात्र अपात्र सूची का प्रकाशन नहीं हो गया था या जबतक उनके हस्ताक्षर नहीं हुए थे। हस्ताक्षर करके वह तबादले की जगह जरूर कार्यभार ग्रहण करने चले गए लेकिन अपनी पुत्री के लिए वह रोजगार का जुगाड बनाकर ही निकले सरगुजा से यह बताया जा रहा है।
परिवार के लोगों और कार्यालय सहित परिचितों को नौकरी देने की कवायद जारी
इसी तरह चयन समिति में ही सदस्य कार्यालय अधीक्षक के पुत्र का भी मामला है जो डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए पात्र है और जिसके अनुभव प्रमाण पत्र को भी देखा जाए तो वह एक मदरसे का है जो संदेह उत्पन्न करता है ऐसा लोगों का अभ्यर्थियों का आरोप है। वैसे तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग जिला कोरिया साथ ही चयन समिति के सचिव की पुत्री केवल एक ही पद के लिए पात्र नहीं हैं वह जेंडर विशेषज्ञ के लिए भी पात्र हैं और सबसे ऊपर ही उनकी वरिष्ठता है जैसा मिशन समन्वयक पद की वरिष्ठता में उनका नाम है। वैसे अब पात्र अपात्र वाली सूची देखकर अभ्यर्थियों का कहना है कि यह बड़ी धांधली है और यह भर्ती भी छत्तीसगढ़ की पीएससी भर्ती की तर्ज वाली भर्ती है, जहां अपने ही परिवार के लोगों और कार्यालय सहित परिचितों को नौकरी देने की कवायद जारी है और जिसके लिए फर्जी डिग्री और फर्जी अनुभव का सहारा लिया जा रहा है।
चयन समिति के सचिव और सदस्य के पुत्री,पुत्र सभी पदों के लिए क्रमशःसबसे अधिक योग्य
पात्र-अपात्र सूची अनुसार तीन पदों के लिए जारी विज्ञापन के विरुद्ध जो अभ्यर्थी पात्र और वरिष्ठ माने गए हैं वह चयन समिति के सचिव,(तत्कालीन) की पुत्री और सदस्य के पुत्र हैं। कुल मिलाकर अपने ही बेटे बेटियों को पदों के लिए योग्य और पात्र घोषित किया गया है ऐसा आरोप लग रहा है। वैसे बताया जा रहा है कि तत्कालीन सचिव चयन समिति साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी के साथ कार्यालय अधिक्षक ने मिलकर अपने बेटे बेटी की नियुक्ति का रास्ता तय कर लिया है और वह अब अंतिम चरण में है प्रक्रिया। वैसे अभी दावा-आपत्ती का समय दिया गया है लेकिन अन्य अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन समिति में रहकर दोनों ने ऐसा जुगाड जरूर बना लिया होगा जिससे शिकायत या दावा-आपत्ती होने पर भी वह खारिज हो जाए और वह अमान्य हो जाए। वहीं अन्य अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि सचिव साथ ही सदस्य बनकर दोनों ने ऐसा जुगाड कर ही लिया होगा कि आगे किसी शिकायत से कोई समस्या उत्पन्न न होने पाए।
महिला बाल विकास विभाग सरगुजा के जिला परियोजना अधिकारी चयन समिति में अपनी बेटी को नौकरी दिलाने के लिए थे…
अन्य अभ्यर्थियों का कहना है की सबसे बड़ी गलती धांधली तो यह है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग जिला सरगुजा जो चयन समिति के सचिव थे को अपनी पुत्री के भी अभ्यर्थी होने की स्थिति में चयन समिति से खुद को बाहर कर लेना था वहीं कार्यालय के ही अधीक्षक को भी खुद को सदस्य पद से चयन समिति के बाहर कर लेना था क्योंकि उसके भी पुत्र का नाम अभ्यर्थियों में शामिल था जो दोनो ने ही नहीं किया और अपने पुत्र पुत्रियों के लिए डटे रहे और हर वह संभव प्रयास किया जिससे उनके पुत्री-पुत्र की नौकरी निश्चित हो सके। वैसे अन्य अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि यह अजीब संयोग है कि तत्कालीन सचिव चयन समिति साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग जिला सरगुजा एवम सदस्य चयन समिति साथ ही कार्यालय अधीक्षक महिला बाल विकास विभाग जिला सरगुजा के पुत्र और पुत्री की सभी अहर्ताएं साथ ही उनके अनुभव उन्ही पदों के अनुरूप साबित हुए जिन पदों के लिए भर्ती निकली है। अनुभव प्रमाण-पत्र और अहर्ताएं जांच का विषय हों यह अन्य अभ्यर्थियों का कहना है क्योंकि ऐसा बिल्कुल संभव नहीं की कोई अभ्यर्थी जो चयन समिति के सचिव सदस्य के घर से हो और सभी अहर्ता वह मात्र पूरी करता हो और यह सही हो। आहर्ता और अनुभव को पद अनुरूप तैयार कराया गया है यह आरोप अभ्यर्थी अन्य लगा रहे हैं। वैसे मामला महिला बाल विकास विभाग की मंत्री के गृह संभाग से जुड़ा हुआ है और इस मामले को पीएससी घोटाले की तरह का घोटाला माना जा रहा है ऐसे में क्या मंत्री मामले में स्वयं लेकर जांच करवाएंगी और पुनः भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष रूप से संपादित करने निर्देश जारी करेंगी यह देखने वाली बात होगी।
फर्जी डिग्री और फर्जी अनुभव का मामला नजर आ रहा है भर्ती और पात्र-अपात्र सूची में…
पात्र-अपात्र सूची को लेकर कुछ अभ्यर्थी यह दावा कर रहे हैं कि मामला फर्जी डिग्री का और फर्जी अनुभव वाला नजर आ रहा है। एक व्यक्ति अध्ययन भी करता रहा और वह अनुभव के लिए भी कार्य करता रहा कई वर्षों तक एक संस्थान में खासकर एनजीओ में यह सही नहीं लगता व्यावहारिक रूप से। अब अनुभव और डिग्री की जांच उपरांत ही सच बाहर आएगा यह भी अभ्यर्थी मान रहे हैं लेकिन उनका यह भी कहना है की यह जांच कौन करेगा जबकि चयन समिति के ही लोगों के घर के लोगों का चयन किया जाना लक्ष्य नजर आ रहा है। जिन संस्थान से अनुभव लिया गया है वहां से ही जांच आरम्भ किया जाना चाहिए यह भी अभ्यर्थियों का कहना है।
क्या छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान लखनपुर से मिलता है फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र?
सरगुजा महिला बाल विकास विभाग के संविदा पदों की भर्ती में फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र की भी बात सामने आ रही है जितने अभ्यर्थियों ने इसमें भाग लिया है उसमें से कई अभ्यर्थियों ने छत्तीसगढ़ साबरी सेवा संस्थान लखनपुर से अनुभव प्रमाण-पत्र लिया है ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर अनुभव प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए इस संस्थान ने कितने पैसे अभ्यर्थियों से लिए? क्योंकि बिना सही जानकारी के सभी को अनुभव प्रमाण-पत्र जारी करने का आरोप लग रहा है जो सूत्रों का दावा है,यह कैसा सयोग है कि अंबिकापुर में हो रही भर्ती में बहुत सारे अनुभव प्रमाण-पत्र इसी संस्थान के लगे हुए हैं यह कोई भ्रष्टाचार है या फिर पैसे के दम पर जिसको चाहा उसको प्रमाण-पत्र बांटा गया है।


हमारे पास जो आता है हम उसे दे देते हैं हमने जानकारी उनसे पूछी तो उन्होंने कहा कि हमारे सारे दस्तावेज सही है अभ्यर्थी की पढ़ाई प्राइवेट में हुई है।
सुरेंद्र साहू, छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान लखनपुर

इसे जब इस संबंध में पूछा गया तो इन्होंने कहा कि अभी अंतिम प्रकाशन नहीं हुआ है दावा-आपत्ति का समय है उसे समय मै चयन समिति से हट जाता,प्रदर्शिता के साथ हुआ है।
जे आर प्रधान,तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग,अंबिकापुर


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