खनिज एवं राजस्व विभाग की बड़ी कार्यवाही,पैनारी में शिवानी कंस्ट्रक्शन द्वारा संचालित अवैध स्टोन क्रशर सील
शिवानी कंस्ट्रक्शन के विरुद्ध उत्खनन समेत अवैध भंडारण का केस दर्ज
-विशेष संवाददाता-
एमसीबी,19 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। दैनिक घटती-घटना खबर कब बड़ा असर, दैनिक घटती-घटना के द्वारा अवैध तरीके से केसर संचालन की खबर बड़ी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था, जिसके बाद प्रशासन के द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए अवैध क्रशर को सील कर दिया वहीं अवैध भंडारण का केस दर्ज कर बड़ी कार्रवाई की है।
विगत दिवस कलेक्टर के निर्देश पर खनिज एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा ग्राम पैनारी,तहसील खड़गवा में शासकीय भूमि पर संचालित अवैध क्रशर को सीलबंद किया गया है। ज्ञात हो कि ग्राम पैनारी,तहसील खड़गवां स्थित शासकीय भूमि खसरा न.1109 रकबा 1.81 हेक्टेयर भूमि, मद छोटे झाड़ के जंगल पर ठेकेदार शिवानी कंस्ट्रक्शन अंबिकापुर द्वारा बिना वैध अनुमति के क्रशर स्थापित कर पत्थर क्रशिंग का कार्य किया जा रहा था। ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत की गई थी। संज्ञान में आने के बाद खनिज और राजस्व विभाग के द्वारा त्वरित कार्यवाही की गई है। कार्यवाही के दौरान अवैध रूप से स्थापित क्रशर क्षेत्र में लगभग 14 ट्रैक्टर ट्रॉली बोल्डर और गिट्टी भंडारित किया जाना पाया गया साथ ही साथ शिवानी कंस्ट्रक्शन के द्वारा लगभग 6300 घन मीटर मिट्टी, मुरूम भी अवैध उत्खनन किया जाना पाया गया है। जिससे खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 के तहत अवैध उत्खनन का केस दर्ज किया गया है। मौके पर छती सगढ़ खनिज (खनन, परिवहन तथा भंडारण) नियम 2009 के तहत क्रशर को सीलबंद किया गया है, उक्त बड़ी कार्यवाही में शशि शेखर मिश्रा तहसीलदार खड़गवां, आदित्य मानकर खनिज निरीक्षक, पटवारी सूरज कुमार, पुलिस विभाग विद्युत विभाग, कोटवार एवं अन्य ग्रामीण शामिल रहे। बिना अनुमति छोटे झाड़ मद की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का मामला होने के कारण क्रशर के विद्युत कनेक्शन को विच्छेदित करते हुए राजस्व विभाग द्वारा स्थल पर स्थापित जनरेटर, पैनल, मोटर कंप्रेशर मशीन को जप्त कर एवं मौके से हटाया जाकर सुरक्षार्थ कोड़ा पुलिस चौकी में रखा गया है।
अधिकारियों को कहा मत परेशान हो कुछ कर नहीं पाएंगे, 2 दिन बाद खुद दौड़े दौड़े खोलने आएंगे:सूत्र
सूत्रों का कहना की मौके पर उपस्थित लोगों से मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार अपने आप को सत्ता पक्ष का बड़ा ताकतवर नेता बता रहा है, अधिकारियों से कह रहा था कि मत परेशान हो इए कुछ कर नहीं पाएंगे, 2 दिन बाद खुद दौड़े दौड़े खोलने आएंगे, कब यह बात किस मंत्री के दम पर कह रहा था इस बात का खुलासा तो नहीं हुआ पर जल्द ही घटती-घटना इसका खोलासा करेगा, मौके पर वह किसी प्रभारी मंत्री का खास आदमी बता रहा था और कहता है कि उनके आशीर्वाद से मैं आज यहां तक पहुंचा हूं, देश सेवा कर रहा हूं देश का विकास कार्य कर रहा हूं, ऐसे अधिकारी कर्मचारी बहुत देखे हैं प्लांटों में आते-जाते रहते है, ठेकेदार का अहंकार सातवें आसमान पर था क्या यही कारण है कि बिना ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के बिना पंचायत में दिलेरी से क्रेशर लगा लिया नहीं जमीन का डायवर्सन कराया नहीं तहसीलदार से आनापति प्रमाण पत्र लिया नहीं और ना ही लिया वन विभाग से की अनापत्ति है और संचालन शुरू कर दिया? जलवायु की अनापत्ति भी पर्यावरण विभाग से लेनी पड़ती है इसके द्वारा उसे भी नहीं लिया गया नहीं पत्थर का टेस्ट कराया गया है ना ही दिया और सिया का परमिशन लिया गया है, छोटे-छोटे ईट भट्ठे क्षेत्र में यदि संचालित होते हैं, तो खनिज विभाग तत्काल कार्यवाही करता है क्षेत्र के अन्य राजस्व के अधिकारी भी सक्रिय रहते हैं लेकिन या ठेकेदार बिना किसी अनुमति के कैसे करोड़ों रुपए लगाकर क्रेशर संचालन करने लग गया, नहीं बैंक से लोन लिया गया है ना ही उक्त उद्योग विभाग में मशीन संचालन पंजीयन कराया गया है, आखिर किस के सह पर इतना बड़ा प्लांट लगाया जा रहा था समझ से परे है।
क्या मंत्री का आदमी है तो इसके लिए कोई नियम कानून नहीं है?
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार उन्हें भी धमकाता है मंत्री तक पहुंच होना बताता है स्थानीय प्रशासन को कहीं-कहीं से फोन भी करवाता है और बहुत दिखाती है मौके पर मिली जानकारी के अनुसार जिस पुल को वह निर्माण कर रहे हैं, उसका फाउंडेशन भी बढ़िया नहीं बनाया गया है गहराई तक नहीं खोदा गया है और उसमें 20 एमएम गिट्टी की जगह बड़े-बड़े बॉर्डर डालकर ठेकेदार जनता के बेस कीमती पैसे को लूटता दिख रहा है, देखना यह है कि वास्तव में या भ्रष्टाचारी ठेकेदार का किसी मंत्री विधायक से आशीर्वाद प्राप्त है? यदि प्राप्त है तो फिर यह छोटे झाड़ बड़े झाड़ के जंगल में बिना किसी अनुमति के क्रेशर का संचालन कर लेगा, क्या यह मंत्री का आदमी है तो इसके लिए कोई नियम कानून नहीं है? आमजन यदि क्रशर संचालक करना चाहे तो उसे ग्राम पंचायत का प्रस्ताव लेने में ही एड़ी चोटी का बाल लगाना पड़ता है बाकी अनापत्तियां तो बाद की बात है आखिर यह मंत्री का आदमी किसके इशारे पर इतना बड़ा लागत का क्रेशर लगा डाला देखना यह है कि वास्तव में या मंत्री का आदमी है या फिर सिर्फ फर्जी बातें करके लोगों में दहशत बनाने का काम कर रहा है।