- पिछले पांच वर्ष तक क्यों नहीं हुआ ऐसा आयोजन,कहां थे तब समर्थक?
- आयोजन क्या नगर पंचायत चुनाव के कारण किया गया,क्या छोटे से आयोजन के माध्यम से खुद को प्रायोजित किया गया?
- कई वर्षों तक क्यों नहीं थे उनके आगे-पीछे लोग जो नजर आए जन्मदिवस आयोजन में?
- क्या लोगों को बुलाकर उनके पक्ष में दिखाने एक प्रयास किया गया?
- आखिर क्यों नहीं पहुंचे पूर्व मंत्री बैकुंठपुर विधायक, जबकि कभी थे उनके खास समर्थक?,आयोजन में क्यों थे गिने चुने लोग,क्यों नदारत थे और बहुत से लोग?
पटना,17 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। भाजपा नेता रविशंकर शर्मा का जन्मदिवस पटना गायत्री मंदिर परिसर में मनाया गया। जन्मदिवस उपरांत अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सवालों में पहला तो सवाल यही है कि पिछले पांच वर्ष तक उनके यह समर्थक कहां थे जब विपक्ष साा में थी। तब ऐसे आयोजन क्यों नहीं हुए वहीं सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या आयोजन इसलिए किया गया खुद से ही जिससे नगर पंचायत के लिए दावेदारी अपनी प्रकट की जा सके। इन सवालों के बीच बैकुंठपुर विधायक का नहीं पहुंचना आयोजन में यह भी एक बड़ी बात के रूप में देखी सुनी गई और इसकी चर्चा रही क्योंकि कभी उनके खास थे रविशंकर शर्मा और अब जब उनका ही जन्मदिवस मनाया गया वह विधानसभा में रहते हुए नहीं पहुंचे। वैसे यह सभी विषय जन चर्चाओं अनुसार सुनी गई और लोग इसको लेकर चर्चा करते सुने गए वहीं अंतिम रूप में यही माना गया कि नगर पंचायत चुनाव में वह एक संभावित दावेदार हैं और इसलिए उन्होंने यह कार्यक्रम प्रायोजित किया और अपनी एक तरह से दावेदारी रखी। वैसे आयोजन के बाद जो कुछ सुनने को मिला उसके अनुसार आयोजन में सीमित मात्रा में ही लोगों को बुलाया गया और उन्हें ही बुलाया गया जिनसे या जिनके समक्ष दावेदारी की जा सके। वही लोग आयोजन में पहुंचे भी जो खुद की नगर पंचायत में रविशंकर शर्मा की दावेदारी सामने आने उपरांत दावेदारी वापस ले लेंगे।
कुल मिलाकर कहा जाए तो आयोजन में सभी दलों के लोग शामिल हुए और सभी ने उन्हें शुभकामनाएं प्रदान की और वह लोग भी शामिल हुए जो अन्य दलों से तो थे जरूर वहीं यदि रविशंकर शर्मा दावेदारी करेंगे वह अपनी दावेदारी खारिज खुद कर देंगे ऐसा बताया गया। वैसे यह बात कहने में ही ठीक लग रही है यह भी लोग कहते सुने गए और लोगों की माने तो अन्य दल के उन लोगों को बुलाया ही नहीं गया जो लोग प्रबल दावेदार हैं या जिन्हे पार्टी से उम्मीदवार बनाए जाने का जरा भी आभास है। जिन्हे अपनी दावेदारी और अपनी पार्टी से अपनी उम्मीदवारी तय होने का जरा भी भरोसा है वह इस आयोजन से दूर थे यह कहना था कुछ लोगों का। वही लोग पहुंचे अन्य दलों से जिनकी अपने दल में ही पूछ परख खत्म हो गई है। वैसे आयोजन में विधायक का न पहुंचना भी एक बड़ी बात मानी गई और लोगों की चर्चा में यह बात शामिल दिखी कि कहीं न कहीं विधायक भी फिलहाल पटना के मामले से कन्नी काट रहे हैं और नगर पंचायत के मामले में अपने पत्ते खोलने से परहेज रख रहे हैं। नगर पंचायत के लिए पटना से भाजपा के अकेले दावेदार नहीं हैं रविशंकर शर्मा,वहीं अन्य सामने आ रहे दावेदारों में से कुछ बेहतर हैं बस यही लोगों का कहना है। अन्य दावेदार पूर्ण रूप से व्यापारी हैं और वह यदि उन्हें मौका मिला नगर विकास की जगह स्व विकास ही करेंगे यह लोगों का मानना है वहीं अधिकांश की माने तो पार्टी के पुराने चेहरों को छोड़कर अन्य किसी को युवा को मौका मिले यह भी लोगों की मांग है। अब देखना है कि रविशंकर शर्मा इस आयोजन उपरांत टिकट की दौड़ में जीत दर्ज करते हैं या आउट होते हैं वहीं अन्य जो दावेदार उनके लिए समर्पण की भावना कल जता गए क्या वह सही में समर्पण करते हैं या नहीं। वैसे विपक्ष के कुछ जिन्हें पार्टी ने किनारे कर रखा है वह मजबूर हैं, रविशंकर शर्मा की दावेदारी के प्रति यह माना जा रहा है। नगर विकास समिति भी कहीं न कहीं रविशंकर शर्मा के विरुद्ध नहीं जाने वाली क्योंकि उसके भी गठन विस्तार में रविशंकर शर्मा की मंशा शामिल है इसलिए एक छोटी से उम्मीद उनके लिए है जो नगर विकास समिति वाली है जो मजबूर मानी जा रही है इस मामले में उनके प्रति और अन्य मामलो में वह पिछड़े नजर आ रहे हैं।