सरगुजा के जंगल अपनी शांति के लिए जाने जाते हैं. सर्दियों के मौसम में यहां विदेशी पक्षियों का कारवां पहुंचता है…
रॉक थ्रश के शोर से गुलजार हुआ जंगल …
अंबिकापुर,17 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। गुलाबी सर्दियों के शुरु होते ही सरगुजा संभाग में विदेशी पक्षियों का आना शुरु हो जाता है। हजारों किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर ये प्रवासी पक्षी सरगुजा में कुछ दिनों के लिए बसेरा डालते हैं। इन पक्षियों को सरगुजा का मौसम काफी सूट करता है. इस वजह से हर साल ये पक्षी नवंबर के महीने में यहां पहुंच जाते हैं। खलिहान में इस वक्त धान की मिसाई होती है। अनाज भरपूर मात्रा में खेतों और खलिहानों में होता है। प्रवासी पक्षी दाने की तलाश में झुंड के झुंड उड़ान भरते नजर आते हैं। प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी पहुंचते हैं।
गुलाबी सर्दी के आते ही पहुंचते हैं प्रवासी पक्षी
प्रवासी पक्षी हवा में शिकार करता है। आजकल प्रवासी पक्षियों ने डाला सरगुजा में डेरा डाला हुआ है। प्रवासी पक्षी आबादी से दूर अपना डेरा डालते हैं। अम्बिकापुर के वाइल्डलाइफ प्रेमी डॉ. हिमांशु गुप्ता ने इन पक्षियों को खोजा है और उसकी खूबसूरत तस्वीरें भी उतारी है। हिमांशु गुप्ता बताते हैं कि सर्दियों के शुरू होते ही प्रवासी पक्षी साउथ की ओर प्रस्थान करने लगते हैं। यहां का मौसम इस वक्त इनके लिए सबसे बेहतर होता है लिहाजा ये यहां के जंगलों में आकर डेरा डाल देते हैं। व्हाइट वैगटेल, रॉक थ्रश, लू रॉक थ्रश, साइबेरियन स्टोन चैट जैसे पक्षी साइबेरिया से माइग्रेट होकर यहां हर साल आते हैं।
प्रवासी पक्षियों को भा रहा है है सरगुजा का मौसम,पक्षियों के शोर गुल से बढ़ी रौनक
विदेशी पक्षियों का पहुंचा कारवां से वाइल्डलाइफ प्रेमी डॉ. हिमांशु गुप्ता कहते हैं कि यहां पर रैप्टर्स पक्षी भी पहुंचे हैं जो साइज में काफी बड़े होते हैं. ये पक्षी हवा में ही छोटे पक्षीयों का शिकार कर लेते हैं। सरगुजा के जंगलों में इस बार पाइड हैरियर, मार्श हैरियर नाम के पक्षियों ने डेरा डाल रखा है। जैसे जैसे सर्दी बढ़ेगी इन प्रवासी पक्षियों की संख्या भी बढ़ती जाएगी। हिमांशु गुप्ता ने अबतक सैकड़ों बर्ड्स की तस्वीरें अपने कैमरे में उतारी है। हिमांशु गुप्ता पेशे से डॉक्टर हैं पर पर्यावरण और पशु पक्षियों में उनकी बड़ी रुचि रही है।
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