फरियादियों की समस्याओं पर ध्यान देने की हो रही मांग... बिना रिश्वत के नहीं होता काम,प्रमाण-पत्रों व किसान पंजीयन के लिए भटकते हैं लोग...
- सोनू कश्यप-
प्रतापपुर,13 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। इन दिनों प्रतापपुर तहसील कार्यालय में आने वाले फरियादी गहरी समस्याओं से जूझ रहे हैं। तहसीलदार के कार्यालय में नियमित रूप से उपस्थित न होने और कर्मचारियों की उदासीनता के कारण गरीब किसान से लेकर आम नागरिक तक छोटे से छोटे कार्य के लिए कई-कई बार कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। तहसील कार्यालय में न सिर्फ समय पर कार्य नहीं हो पा रहे हैं,बल्कि कई बार फरियादियों को बुरा व्यवहार भी सहन करना पड़ता है।
गरीब किसानों की धान खरीदी पंजीयन प्रक्रिया में अड़चनें
तहसील कार्यालय में किसानों के लिए धान खरीदी पंजीयन एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, लेकिन इसकी व्यवस्था सही न होने के कारण कई किसान अपना पंजीयन समय पर नहीं करा पा रहे हैं। इसका सीधा असर उनकी फसल की बिक्री पर पड़ रहा है, जिससे किसानों में नाराजगी और असंतोष फैल रहा है।
प्रमाण पत्रों के
लिए भटकते लोग
आय, जाति, निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे बुनियादी दस्तावेजों के लिए भी आम नागरिकों को तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इन प्रमाण पत्रों की आवश्यकता विभिन्न सरकारी योजनाओं और नौकरी के आवेदन के लिए होती है, लेकिन प्रमाण पत्र मिलने में हो रही देरी के कारण लोगों का समय और ऊर्जा बर्बाद हो रही है।
बिना रिश्वत के नहीं होता काम, शिकायतों का अंबार
तहसील कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतें भी लगातार बढ़ रही हैं। फरियादियों का आरोप है कि कार्यालय में बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं किया जाता। अधिवक्ताओं और फरियादियों का कहना है कि न केवल कार्य में देरी होती है, बल्कि तहसील कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी जनता से अच्छा व्यवहार भी नहीं करते, जिससे लोग अपमानित महसूस करते हैं। चॉइस सेंटर से लेकर कार्यालय के अंदर तक, हर जगह काम कराने के लिए अनावश्यक पैसे की मांग की जाती है।
जनाक्रोश और प्रशासन से उचित कार्यवाही की मांग
तहसील कार्यालय में चल रही इन अव्यवस्थाओं को लेकर क्षेत्र के निवासियों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि तहसील कार्यालय में उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है और उन्हें बिना वजह परेशान किया जा रहा है। इस समस्या का समाधान निकालने और तहसील कार्यालय में कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए क्षेत्रवासियों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
प्रशासन से मांग
जनता का कहना है कि जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और तहसील कार्यालय की कार्यशैली में सुधार लाना चाहिए। तहसीलदार की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराई जानी चाहिए और प्रमाण पत्रों का वितरण, पंजीयन कार्य एवं अन्य आवश्यक सेवाएं समय पर और ईमानदारी से संपादित की जानी चाहिए।
निष्कर्ष
तहसील कार्यालय की अव्यवस्था और अधिकारियों-कर्मचारियों के व्यवहार से लोग बेहद परेशान और नाराज हैं। अगर जिला प्रशासन समय रहते उचित कदम नहीं उठाता तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।