नई दिल्ली@ 31 विधानसभा,1 लोकसभा सीट पर उपचुनाव आज

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@ वायनाड में प्रियंका के खिलाफ भाजपा की नव्या…
@ सिक्किम की 2 सीटों पर निर्विरोध चुनाव हुआ…
नई दिल्ली,12 नवम्बर 2024 (ए)।
झारखंड में पहले फेज की 43 सीटों के साथ ही 10 राज्यों की 31 विधानसभा और केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर बुधवार को उपचुनाव होंगे।
वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव राहुल गांधी के इस सीट को छोड़कर रायबरेली सीट चुनने की वजह से हो रहा है। यहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस प्रत्याशी हैं। कांग्रेस का राज्य में यूडीएफ गठबंधन है। भाजपा की ओर से नव्या हरिदास और लेफ्ट गठबंधन एलडीएफ से सत्यन मोकेरी चुनावी मैदान में हैं।
10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों में से 28 विधायकों के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने, 2 के निधन और 1 के दलबदल से उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें 4 सीटें एससी और 6 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं।
उपचुनाव के नतीजे सीधे तौर पर प्रदेश की भजनलाल सरकार की पहली परीक्षा के तौर पर भी देखे जाएंगे। करीब 89 प्रतिशत उपचुनावों में कांग्रेस की जीत हुई है। हालांकि, हरियाणा में जीत के बाद भाजपा का आत्मविश्वास बढ़ा है, लेकिन यदि नतीजे भाजपा के खिलाफ आए तो पार्टी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सामने सियासी संकट खड़े होने तय हैं।
4 सीटों पर उपचुनाव, विधानसभा चुनाव- 2025 का सेमीफाइनल
बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को 2025 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में चार में से तीन सीटों पर महागठबंधन का कब्जा था। हालांकि, बिहार में एनडीए की अगुवाई कर रहे नीतीश कुमार को भरोसा है कि लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भी लोग उनके काम के आधार पर जरूर वोट देंगे। दूसरी तरफ तेजस्वी यादव और उनके समर्थक 17 महीने सरकार में रहने के दौरान दी गई नौकरियों का प्रचार कर रहे हैं। अगर इसमें कमी आई तो यह तेजस्वी की साख तो कमजोर करेगा ही, साथ ही उनके नेतृत्व पर भी सवालिया निशान लगाएगा। यह उपचुनाव इलेक्शन मैनेजमेंट के रास्ते राजनीति में सक्रिय हुए प्रशांत किशोर (पीके) की पार्टी जनसुराज के लिए भी काफी अहम है। पीके ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। वे मुकाबले में तो दिखते हैं, लेकिन प्रदेश की जातीय गणित में वोटर उनका कितना साथ देते हैं, यह 23 नवंबर को रिजल्ट के दिन ही साफ होगा।
मध्यप्रदेशःबुधनी में शिवराज तो विजयपुर में सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर
राज्य की दोनों विधानसभा सीटें भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी हैं। लोकसभा चुनाव में विदिशा सीट से जीत के बाद शिवराज ने बुधनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। उनके लिए विदिशा लोकसभा सीट छोड़ने वाले रमाकांत भार्गव को भाजपा ने बुधनी से टिकट दिया है।
एक और खास बात यह है कि बुधनी सीट पर अब तक तीन बार उपचुनाव हुए हैं और तीनों बार इसकी वजह शिवराज सिंह चौहान ही रहे। इसके अलावा तीनों उपचुनाव में कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को उम्मीदवार बनाया।
विजयपुर सीट से राज्य के वन मंत्री रामनिवास रावत मैदान में हैं। वे इस सीट पर 6 बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस ने उनके सामने आदिवासी नेता मुकेश मल्होत्रा को टिकट दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्षेत्र की जनता छह बार के विधायक और दलबदल के बाद वन मंत्री बने रामनिवास रावत को चुनती है या कांग्रेस पर भरोसा जताती है।
हरोआ के विधायक हाजी नुरुल इस्लाम बशीरहाट से सांसद चुने गए थे, लेकिन सितंबर में उनका निधन हो गया। इस कारण बशीरहाट लोकसभा सीट भी खाली है। हालांकि, उस पर अभी उपचुनाव नहीं हो रहा है।
यह उपचुनाव टीएमसी के लिए ही काफी अहम हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला जूनियर महिला से बलात्कार और हत्या की घटना के बाद ममता सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा देखने को मिला है। इसके अलावा बशीरहाट सहित कई अन्य मामलों में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। राज्य के डॉक्टर अभी भी विरोध कर रहे हैं। ऐसे में उपचुनाव के नतीजे राज्य की राजनीति को नई दिशा दे सकते हैं।
असम:दोनों पक्षों से सांसदों के रिश्तेदार चुनाव लड़ रहे, वंशवाद फिर भी मुद्दा
राज्य की पांच सीटों में से दो पर सांसदों के रिश्तेदार उपचुनाव लड़ रहे हैं। बारपेटा के सांसद फणि भूषण चौधरी की पत्नी दीप्तिमयी बोंगाईगांव सीट से असम गण परिषद के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, कांग्रेस ने धुबरी सांसद रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को सामागुड़ी से मैदान में उतारा है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने तंजील के टिकट पर कहा कि कांग्रेस वंशवाद की राजनीति करके प्रतिभाशाली युवाओं को राजनीति में शामिल होने से रोक रही है। पलटवार करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने दावा किया कि केंद्रीय मंत्रियों सहित कम से कम 30 बड़े भाजपा नेता राजनीतिक घरानों से ताल्लुक रखते हैं। उपचुनाव में भी गठबंधन पुराने फॉर्मूला पर चुनाव लड़ रहा है। भाजपा तीन सीटों पर लड़ रही है। जबकि एक-एक सीट सहयोगी पार्टी एजीपी और यूपीपीएल को दी गई है। कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इस पांच सीटों पर 9 लाख मतदाता वोट डालेंगे। इसके लिए 1078 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
कर्नाटक: देवगौड़ा और बोम्मई परिवार की तीसरी पीढ़ी चुनाव मैदान में
परिवारवादी राजनीति का चेहरा कर्नाटक में खुलकर सामने आ रहा है। यहां तीन सीटों में से दो सीटों पर दो पूर्व सीएम के बेटे चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात यह भी है कि इन दोनों पूर्व सीमए के पिता भी मुख्यमंत्री रहे हैं। इस तरह देवगौड़ा और बोम्मई परिवार की तीसरी पीढ़ी चुनाव मैदान में है। वहीं, तीसरी सीट पर कांग्रेस सांसद की पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी चन्नपटना सीट से जेडी(एस) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट कुमारस्वामी के सांसद चुने जाने से खाली हुई है। वहीं, निखिल का यह तीसरा चुनाव है।
कांग्रेस ने सीपी योगेश्वर को प्रत्याशी बनाया है…
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के बेटे भरत बोम्मई शिग्गांव सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यह बसवराज बोम्मई के हावेरी सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है। वे इस सीट से चार बार विधायक रहे हैं। हालांकि, उनसे पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। कांग्रेस ने इस पर यासिर अहमद खान को टिकट दिया है।
तीसरी सीट संदूर से कांग्रेस सांसद ई तुकाराम की पत्नी अन्नपूर्णा चुनाव लड़ रही हैं। यह सीट तुकाराम के बेल्लारी से सांसद चुने जाने से खाली हुई है। वे यहां से चार बार विधायक रहे हैं। वहीं, भाजपा ने अभिनेता से नेता बने राज्य भाजपा एसटी मोर्चा के अध्यक्ष बंगारू हनुमंथु को उम्मीदवार बनाया है।
गुजरात:दो सीटें खाली लेकिन सिर्फ एक सीट पर हो रहा उपचुनाव
राज्य विधानसभा की दो सीटें वाव और विसावदर खाली हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने सिर्फ वाव सीट पर उपचुनाव की घोषणा की है। वाव सीट कांग्रेस विधायक गिनीबेन ठाकोर के बनासकांठा से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है। वहीं, विसावदर सीट से आम आदमी पार्टी विधायक भूपत भायाणी के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से खाली हुई है। चूंकि 2022 विधानसभा चुनाव में उनके निर्वाचन से जुड़ी कुछ याचिकाएं गुजरात हाईकोर्ट में लंबित हैं, इसलिए इस सीट पर उपचुनाव नहीं हो रहा है। विधानसभा की 182 सीटों में से 161 पर भाजपा, 12 पर कांग्रेस, 4 पर आप, 1 पर सपा और 2 पर निर्दलीय विधायक हैं।भाजपा ने वाव सीट से स्वरूपजी ठाकोर को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने गुलाब सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है।
मेघालय: भाजपा प्रत्याशी पर उग्रवाद और सेक्स रैकेट चलाने का आरोपी
कांग्रेस विधायक सलेंग ए संगमा के तुरा लोकसभा सीट से सांसद बनने के कारण राज्य की गाम्बेग्रे सीट खाली हुई थी। पार्टी ने इस सीट पर जिंगजांग मराक को टिकट दिया है। वहीं, भाजपा ने बर्नार्ड मारक को टिकट दिया है। पूरे घटनाक्रम पर मारक का कहना था कि मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के खिलाफ आवाज उठाने के कारण उन्हें फंसाया जा रहा है।
केरल:एक विधानसभा और वायनाड लोकसभा बाइ-इलेक्शन, प्रियंका गांधी का पहला चुनाव
केरल विधानसभा की चेलाक्कारा सीट के अलावा वायनाड लोकसभा सीट पर भी वोटिंग होनी है। चेलाक्कारा से सीपीआई (एम) विधायक के राधाकृष्णन के अलाथुर से सांसद बनने से खाली हुई है। कांग्रेस ने यहां से राम्या हरिदास और भाजपा ने के बालकृष्णन को टिकट दिया है।वहीं, वायनाड लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को उतारा है। वे पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। अगर वे चुनाव जीतती हैं, जो लगभग तय है, तो पहली बार होगा कि गांधी परिवार के सभी सदस्य यानी सोनिया, राहुल और प्रियंका संसद के सदस्य होंगे। सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद अटकलें लगाई गई थीं कि प्रियंका रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। हालांकि, राहुल ने रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़ा और जीत के बाद रायबरेली सीट चुनी। भाजपा ने प्रियंका के सामने नव्या हरिदास को टिकट दिया है। वे भाजपा महिला मोर्चा की राज्य महासचिव हैं। साथ ही कोझिकोड नगर निगम में दो बार की पार्षद और भाजपा पार्षद दल की नेता हैं। लेफ्ट गठबंधन एलडीएफ ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया नेता सत्यन मोकेरी (70) चुनावी मैदान में हैं। मोकेरी इस समय किसान विंग अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव हैं।
सिक्किम: दोनों सीटों पर प्रत्याशी निर्विरोध जीते,विधानसभा से विपक्ष गायब
राज्य की दोनों विधानसभा सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। दरअसल, नॉमिनेशन फॉर्म की जांच के समय कुछ उम्मीदवारों के फॉर्म रद्द कर दिए गए थे। इसके बाद 25 साल सत्ता में रही सिक्किम लोकतांत्रिक मोर्चा के दोनों उम्मीदवारों ने भी अपने नाम वापस ले लिए।


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