- छठ घाटों पर उमड़ा जन सैलाब,सूर्य देवता को प्रणाम करने एक साथ उठे करोड़ो हाथ
- लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हुआ, व्रती महिलाओं पुरूषों ने तोड़ा व्रत
- छठ महापर्व व्रत सिर्फ पुत्र कामना के उद्देश्य मात्र से नहीं, बेटियों की भी मन्नत करते हैं व्रती
- अस्तानचलगामी व उदीयमान सूर्य देवता की होती है पूजा, छठ पूजा में श्रद्धालुओं की है बड़ी आस्था
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर/पटना 08 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। छठ पूजा गीतों से गुंजा पूरा क्षेत्र सूर्य उपासना का महापर्व छठ चार दिवसीय कठिन विधि विधान के पालन पश्चात आज उदीयमान सूर्य देव को अर्ध्य अर्पित कर सम्पन्न किया गया। चार दिवसीय छठ पूजा के लिए क्षेत्र में कई जगह सार्वजनिक नदी तालाबों में लोगों ने एक साथ सूर्य देव के अस्तांचलगामी व उदीयमान रूप को अर्ध्य अर्पित कर सुख समृद्धि व बेहतर स्वास्थ्य की कामना की। कोरिया जिले में भी छठ पर्व बड़े उत्साह से मनाया गया, कटकोना, पटना, पाण्डवपारा, बैकुंठपुर व चरचा कॉलरी क्षेत्र में छठ व्रती महिला पुरुषों ने सोमवार को भोर के ठंडे पानी में खड़े होकर सूर्य देव की अराधना की और उदीमान सुर्य देव को जल व दुध से अर्घ्य देकर छठ घाट में प्रसाद वितरण के बाद अपना 36 घंटे को निर्जला उपवास समाप्त किया। घाट से घर जाने के बाद व्रतियों ने नियमानुसार पारन कर अपना उपवास समाप्त किया इसी के साथ यह महापर्व भी समाप्त हुआ। छठ पूजा को लेकर घाटों की चहल पहल भी समाप्त हो गई। कटकोना के एसईसीएल, गोबरी जलाशय, पटना झुमरपारा तलाब में बने घाट पर व्रतधारी महिला व श्रद्धालुओ की बडी संख्या में भीड इकट्ठा हुई, व्रती महिलाओं सहित पुरुषों ने रविवार को डुबते हुए सुर्य देव को व सोमवार को उगते हुए सुर्यदेव को ठंडे पानी में खडे होकर सुर्योपासना करते हुए व पुत्र, पुत्री की दीर्घायु साथ ही बेहतर स्वास्थ्य की कामना, परिवार की मंगल कामना करते हुए हाथ में फलो से सजा सुप व दौरा लेकर सुर्यदेव को जल व दूध से अर्ध्य दिया।
क्षेत्र में आस्था का कुंभ छठ महापर्व बड़े ही भक्तिभाव के साथ मनाया गया, बैकुंठपुर में राम मंदिर तालाब से लेकर झुमका बांध व गेज नदी तट पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और गुरुवार शाम को डूबते सूर्य एवं शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर मंगल कामना की गई। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी छठ घाट पर व्रती महिलाओ के साथ श्रद्धालु जन शामिल दिखाई दिए,भक्तिभाव के साथ लोगो ने पूजा अर्चना की। 4 दिनो तक चलने वाले इस त्योहार के लिए अब क्षेत्र में भी एक अलग सा वातावरण देखने को मिलता है, इस वर्ष घाटों पर श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है, पहले सिर्फ राम मंदिर तालाब में उक्त पर्व पर लोग पूजा अर्चना करते थे लेकिन धीरे धीरे व्रतधारियों के साथ श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ी है जिसके बाद झुमका बांध, कोड्या सागर बांध व गेज नदी तट के कई स्थानों पर भी यह महापर्व मनाया जाने लगा है। इसी क्रम में 4 दिनो के इस महापर्व में लोग भक्ति भाव से शामिल हुए, अस्त होते और उगते सूर्य भगवान को अर्घ्य देने की परंपरा के अनुसार व्रतधारियों के अलावा अन्य जनों ने भी अर्ध्य दिया। गढ़ेलपारा छठ घाट में भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
जनप्रतिनिधियों ने छठ घाट पहुंचकर श्रद्धालुओं से की मुलाकात…ग्रहण किया प्रसाद
जिले के प्रत्येक छठ घाट पर श्रद्धालुओं एवम व्रतियों से मिलने और प्रसाद ग्रहण करने जनप्रतिनिधियों को उपस्थित देखा गया। बैकुंठपुर विधायक भईयालाल राजवाड़े जहां जिले के प्रत्येक छठ घाट पर पहुंचकर श्रद्धालुओं से मुलाकात करती देखीं गईं वहीं उन्होंने प्रसाद भी ग्रहण किया।
रूनकी-झुनुकी बेटियों के लिए करती है मां अर्ध्यदान
नारी सक्तिकरण का संदेश देता है लोक आस्था का माहपर्व छठ बेटा-बेटियों में कोई अंतर नहीं मानती है मातायें। लोक आस्था का महापर्व छठ सिर्फ पुत्र कामना के लिये ही नहीं बल्कि बेटियों के लिये भी किया जाता है। छठ के गीत में व्रती रूनकी-झुनुकी बेटियां,पंड़ा-पंडित्वा, दामाद हे छठि मईया के गीत गाते भगवान सूर्य से पुत्री की कामना करती है। छठ एक ऐसा व्रत है जहां सारे मिथक टूटते है पुरुष प्रधान समाज में जहां बेटे का कद ऊंचा माना गया है, वहां छठ व्रत इन मिथकों को तोड़ नारी सक्तिकरण का संदेश देता है। क्षेत्र में कई ऐसे छठ व्रती है जो सिर्फ अपनी बेटियों के लिये वर्षों से छठ व्रत करते आ रही है। व्रतीयों मानना है कि भगवान ने जो दिया है वही हमारे लिये सबकुछ है। बेटे-बेटियों में कोई अंतर नहीं है बस अंतर है सोच में।
किया गया दीपदान
इस मौके पर महिलाओं ने दीपदान भी किया। पानी की लहरों पर हिलोर लेते दीपक और टिमटिमाती रोशनी ने तालाबों को रंगीन बना दिया था। छठ पर्व पर ऐसा लग रहा था मानों पूर्वाचंल क्षेत्र यहां उतर आया हो। पूजा के दौरान सूपे में परंपरागत पकवान प्रसाद के रूप में रखा ही गया था साथ ही मौसमी फलों के साथ गन्ने को अनिवार्य रूप से पूजा में शामिल किया गया था। व्रति महिलाओं के सूपों पर चढ़ाया गया प्रसाद- छठ महापर्व में छट घाट पर सभी व्रती महिलाओं के सुप पर श्रद्धालुओं ने फल चढ़ा सूर्य देव की उपासना की और आर्शीवाद लेकर पुत्र एवं परिवार की मंगलकामना की।
बढ़ते श्रद्धालुओं के वजह से घाट पड़ा छोटा
छठ¸ पर्व करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है यही वजह है कि पटना के झूमरपारा तालाब में बने छठ¸ घाट छोटा पड़ जा रहा है इस बार श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि खड़े होने की जगह नहीं थी। यहां तक कि व्रती महिलाओं के सुप-दौरा से ही सीढ़ी भर गया था यहां तक कि अर्ध्य देने के लिये व्रती महिलाओं तक परिवारजनों को दिक्कत का सामना करना पड़ा।
जिले में सभी जगह मना छठ महापर्व
कोरिया जिले में शहर से लेकर गांव तक छठ पर्व की धूम रही, चिरिमिरी, बैकुंठपुर, मनेंद्रगढ़, चरचा, खड़गवां, नागपुर, नई लेदरी, खोंगापानी, झगराखांड, भरतपुर में भी मनाया गया छठ महापर्व सभी जगहों पर छठ व्रतियों की भारी संख्या देखी गई।
लगातार बढ़ रही है छठ व्रतियों की संख्या
छठ महापर्व की महिमा लगातार बढ़ रही है वहीं इसकी लोकप्रियता भी लगातार बढ़ रही है। क्षेत्र में अब गांव गांव में छठ व्रत करते श्रद्धालुओं को देखा जा सकता है।व्रत की लोकप्रियता का अंदाजा इसबात से भी लगाया जा सकता है कि जहां व्रतियों की संख्या बढ़ रही है वहीं व्रतियों की सेवा करने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
पुलिस रही मुस्तैद
जिले में छठ घाटों पर पुलिस की मुस्तैदी देखी गई। भीड़ को नियंत्रित करने एवम जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा के मद्देनजर जिले का पुलिस महकमा अपनी जिम्मेदारी निभाते देखा गया। शाम एवम सुबह पुलिस के जवान छठ घाटों पर जिम्मेदारी निभाते देखे गए।