अंबिकापुर,08 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। राष्ट्रीय किश्चियन मोर्चा एवं भारत मुक्ति मोर्चा, छग के द्वारा गंगापुर में वर्ग विशेष के विरूद्ध भाषण से सौहार्द्रपूर्ण संबंधांे में बनी कटुता और राष्ट्रीय अखण्डता पर लांछन की स्थिति को देखते हुए ब्राम्हण समाज ने अपराध पंजीबद्ध करने की मांग प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सहित जिले के कलेक्टर व पुलिस अधिकारियों से की है।
इस संबंध में अध्यक्ष, ब्राम्हण कौशलेन्द्र पाण्डेय की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि गंगापुर में रजवार समाज के सामाजिक भवन को जशपुर निवासी रूपकुमार ने समाज व लोकहित के लिए 06 नवम्बर को आयोजित राष्ट्रीय किश्चियन मोर्चा के प्रदेश अधिवेशन के लिए मांगा,जिस पर रजवार समाज ने अपनी सहमति दी। यहां राष्ट्रीय किश्चियन मोर्चा एवं भारत मुक्ति मोर्चा छग के अध्यक्ष विलास खरात,वामन मेश्राम,सुनील डोंगरदिपे, अरविन्द कच्छप, रंजीत बड़ा, लायुसिस तिग्गा,रूपकुमार के अलावा आसपास के ग्रामीण और रजवार समाज के लोग भी जिज्ञासावश उपस्थित थे। रूपकुमार ने भाषण प्रारंभ करते समय ही अत्यधिक आक्रामक होकर धर्म विशेष को लेकर अभद्र टिप्पणी प्रारंभ कर दी और लक्ष्य बनाकर सार्वजनिक रूप से भाषण देते हुए ब्राम्हणों को निशाने पर लिया। संविधान में प्रदा मौलिक अधिकारांे को छीनने की बात कहकर लोगांे में भारत सरकार के विरूद्ध भय और आक्रोश पैदा करने जैसी टिप्पणी की गई। भाषण में देश की राष्ट्रीय अखण्डता को नष्ट करने तथा वर्तमान सरकार के विरूद्ध विद्रोह उत्पन्न करने, विभिन्न समूहों के बीच शुत्रता फैलाने का कार्य किया गया। ब्राम्हणों के बारे में अनुचित टिप्पणी की गई। इसके लिए अनावेदक तथा मंच में बैठे सभी पदाधिकारी उारदायी हैं, जिसके माध्यम से आक्रोश भड़काने वाला भाषण दिलाया गया। ब्राम्हण समाज के द्वारा दण्डनीय अपराध के लिए वक्तव्य देने वाले के साथ ही मंच पर बैठे सभी पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की गई है। बताया गया है कि भडकाउ भाषण को आसपास के लोगों ने सुना तो रजवार एवं अन्य समाज के लोग उपस्थित होने लगे। विभिन्न समूहांे के बीच शत्रुता पैदा करने वाले उोजित भाषण का विरोध जताने व समाज के भवन का उपयोग नहीं करने देने की बात पर रूपकुमार और मंच में बैठे सभी पदाधिकारियों ने सभा में उपस्थित समुदाय के लोगांे को उत्प्रेरित कर रजवार समाज के लोगों पर हमला कर गालीगलौज किया गया। इसके बाद रजवार समाज के लोग हिंसक गतिविधि से स्वयं को बचाते हुए गांधीनगर थाना पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराया है, जिस पर गांधीनगर थाने में बिलास खरात, सुनील डोंगरदिपे, अरविन्द कच्छप, रंजीत बडा, लायुसिस तिग्गा व अन्य के विरूद्ध बीएनएस की धारा 329 (3), 333, 299, 115(2), 351(2), 319(2), 91(2), 190, छग पुलिस अधिनियम-2007 की धारा 49 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। ब्राम्हण समाज ने कहा है कि इनके द्वारा विभिन्न समूहों के मध्य शत्रुता उत्पन्न करने एवं राष्ट्रीय अखण्डता के प्रतिकूल कार्य किया गया है, जो बीएनएस की धाराओं और राज्य सुरक्षा कानून के साथ ही आईटी एक्ट की धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है, जिस पर अपराध पंजीबद्ध किया जाना न्यायोचित होगा। इस दौरान ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष कौशलेन्द्र पाण्डेय, आलोक दुबे, द्वितेन्द्र मिश्रा, विकास पाण्डेय, राजेश तिवारी, विश्वजीत भारद्वाज, कृष्णा नन्द तिवारी, अमरेन्द्र पाण्डेय, पं. महेन्द्र उपाध्याय सहित अन्य उपस्थित थे।
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