बिलासपुर@ हाईकोर्ट से दुष्कर्म पीçड़ड़ता युवती को मिला न्याय

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@ डीएनए टेस्ट से सच आया सामने…
बिलासपुर,07 नवम्बर 2024 (ए)।
हाईकोर्ट में एफएसएल रिपोर्ट व डीएनए टेस्ट से सच सामने आया। इससे साफ हुआ कि आरोपियों ने दुष्कर्म की घटना का अंजाम दिया है। हाईकोर्ट ने आरोपियों को 25 वर्ष की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से दुष्कर्म पीçड़त मूकबधिर युवकी को न्याय मिला है। मूकबधिर से दुष्कर्म करने वाले दो आरोपियों ने सजा के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। लेकिन हाईकोर्ट में एफएसएल रिपोर्ट व डीएनए टेस्ट से सच सामने आया। इससे साफ हुआ कि आरोपियों ने दुष्कर्म की घटना का अंजाम दिया है। हाईकोर्ट ने आरोपियों को 25 वर्ष की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई।
मामला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही का है। जहां रहने वाले संजीव कुजूर, सूरज दास समेत पांच आरोपियों पर आरोपियों पर आईपीसी की धारा 366-34, 342-34 और 376 डी के तहत आरोप लगाया गया कि 25 अगस्त 2019 की शाम करीब 6 से 7 बजे मरवाही पुलिस स्टेशन जिला बिलासपुर के अंतर्गत बाजार में वे मूक-बधिर पीçड़ता को जबरन मोटर साइकिल से तालाब के पास ले गए और उससे सामूहिक अनाचार किया।शिकायतकर्ता पीçड़ता की चाची ने मरवाही पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका बड़ा भाई उसके घर के पास रहता है और उसकी 22 वर्षीय बेटी जो जन्म से मूकबधिर है और इशारों के माध्यम से बातचीत करती है। जिसे वह और उसकी मां समझती है। पीçड़ता हमेशा की तरह शाम को खाना मांगने बाजार गई थी। रात 11 बजे के आसपास वह रोती हुई घर लौटी और उसे और उसकी मां को इशारे से बताया कि ज बवह शाम में बाजार से लौट रही थी पांच लड़कों ने उसे जबरदस्ती मोटरसाइकिल पर बिठाया उसे तालाब की सीçढ़यों पर ले गए और उसके हाथ-पैर बांध दिए और एक-एक करके उसके साथ दुष्कर्म किया।


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