सूरजपुर@क्या डिजिटाइजेशन व आधुनिकीकरण रोजगार के लिए खतरा?

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सूरजपुर 06 नवम्बर 2024(घटती-घटना)।
देश में रोजगार को लेकर ऐसे ही त्राहि-त्राहि मची हुई है रोजगार पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है पर इसी बीच डिजिटाइजेशन व आधुनिकरण कहीं ना कहीं रोजगारों को कम कर रहा है यह कहना गलत नहीं होगा, अब आदमियों से होने वाले काम सब डिजिटाइजेशन पर होने के कारण उनके रोजगार छीन जा रहे हैं और आगे भी छीनेंगे, वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश में रोजगार को लेकर ऐसे ही किलत हैं इस बीच फिर से कई लोग बेरोजगार होने की सरहद पर खड़े हैं, छत्तीसगढ़ में स्मार्ट मीटर सरकार द्वारा लाया जा रहा है ताकि बिजली चोरी को रोका जा सके, पर बिजली चोरी को रोकने की वजह से कई लोगों का रोजगार भी छीनना तय माना जा रहा है, बिजली मीटर के रीडर के पद पर काम करने वाले स्मार्ट मीटर लगने से अपने रोजगार जाने का आशंका जाहिर कर रहे हैं जो कहीं ना कहीं सही भी है, जब स्मार्ट मीटर लग जाएंगे तो फिर मीटर रीडर का काम क्या बचा? जिसे लेकर अब वह सरकार से अपनी मांग रख रहे हैं और अपने रोजगार को बचाने का गुहार लगा रहे हैं अब देखना यह है कि सरकार उनकी गुहार सुनती है या फिर इन्हें बेरोजगार करती है? जिले के सभी वितरण केंद्रों में बिजली बिल वितरण व राजस्व वसूली कार्यों में लगे मीटर रीडर अपनी एक सूत्रीय मांग विभाग में समायोजन को लेकर 1 नवम्बर से 5 नवम्बर तक सांकेतिक हड़ताल पर गए हुए थे परंतु 5 नवम्बर तक हमारी मांगों पर विचार नहीं होने से मीटर रीडर संघ से प्रदेश अध्यक्ष देवलाल पाटले के निर्देशन पर जिले के 13 वितरण केंद्रों में पत्र देकर 6 नवम्बर से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए है। स्पॉट बिलिंग एव मीटर रीडिंग श्रमिक ठेका कर्मचारी महासंघ छत्तीसगढ़ के आह्वान पर मीटर रीडरों के हड़ताल पर चले जाने से पूरे जिले में बिजली बिल वितरण व राजस्व वसूली कार्यों पर पूर्ण रूप से ब्रेक लग गया हैं। संघ ने बताया कि वर्ष 2006 में बिजली कंपनी ने पूरे छत्तीसगढ़ के सभी वितरण केंद्रों में राजस्व वसूली व बिजली बिल वितरण के लिए मीटर रीडर की तैनाती की थी। जिसके बाद 15 से 20 वर्षो से काम कर रहे सभी मीटर रीडर बेरोजगार हो जाएंगे। इस संबंध में ऊर्जा मंत्री, मुख्यमंत्री,पदाधिकारियों सहित सभी संबंधित अधिकारियों को पत्राचार किया गया। इस बीच सिर्फ नौकरी की बात करने वाली सरकार ने मीटर रीडरो के रोजगार के संबंध में कोई उचित आश्वासन नहीं दिया। इससे पहले विधानसभा चुनाव के पूर्व राज्य स्तर पर धरना प्रदर्शन किया गया था। लेकिन सरकार के तरफ से मीटर रिडरों के रोजगार को लेकर कोई पहल नहीं किए जाने के बाद बाध्य होकर संघ अब अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने को विवश है।


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