★ किश्चियन समाज का आरोप भाजपा-आरएसएस ने बाधित कराया कार्यक्रम
★ प्रशासन व पुलिस को करना पड़ा हस्तक्षेप
अंबिकापुर,06 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। अंबिकापुर शहर में राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा का महाअधिवेशन भारी विरोध के बाद बीच में ही समाप्त करना पड़ा। रजवार समाज के भवन में आयोजित इस कार्यक्रम को लेकर ईसाई समाज और रजवार समाज के बीच जमकर बहसबाजी हुई। पुलिस व प्रशासन के सामने ही दोनों पक्षों के बीच जमकर वाद-विवाद होने लगा। मौके पर अधिकारियों की समझाईश के बाद मामला शांत हुआ।
जानकारी अनुसार अंबिकापुर के गंगापुर में रजवार समाज के भवन के ठीक सामने सुबह से बड़ी संख्या में ईसाई समाज के लोग जुटने लगे थे। बाहर से आए लोगों द्वारा उद्बोद्धन दिया जा रहा था। दोपहर में रजवार समाज के पदाधिकारी अपने भवन में पहुंचे। उन्होंने ईसाई समाज के लोगों को कार्यक्रम तत्काल बंद करने का आग्रह किया। इससे विवाद की स्थिति निर्मित हो गए।
रजवार समाज के पदाधिकारियों का कहना था कि समूह से जुड़े कुछ लोगों का कार्यक्रम आयोजित करने की झूठी जानकारी देकर इतना बड़ा आयोजन किया जा रहा है,जो उचित नहीं है। रजवार भवन में रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चों को मौखिक जानकारी देकर इतनी भीड़ जुटाने पर आपत्ति दर्ज कराते ही ईसाई समाज के लोग भी सामने खड़े हो गए।
क्रिश्चियन समाज के लोगों ने अकारण व्यवधान उतपन्न करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। कुछ ही देर में दोनों पक्षों के बीच जमकर विवाद शुरू हो गया। एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए गए। ऐसे में पुलिस व प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया था।
कार्यक्रम आयोजक राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के पदाधिकारियों से कहा गया कि यदि कार्यक्रम आयोजन की अनुमति है तो उसे दिखा दिया जाए। यदि क्रिश्चियन मोर्चा ने अनुमति ली है तो भी ठीक है और यदि रजवार समाज की ओर से इतने बड़े आयोजन को लेकर किसी प्रकार की अनुमति ली गई होगी तो भी कोई आपत्ति नहीं है।
लेकिन रजवार समाज ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उनके भवन में रहने वाले विद्यार्थियों को झूठी जानकारी देकर भीड़ जुटाई गई है। बढ़ते विवाद के बीच प्रशासन ने राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा को अपना कार्यक्रम बंद करने कहा। विरोध के बीच ईसाई समाज के लोग कार्यक्रम स्थल से वापस लौट गए। इस दौरान गहमागहमी की स्थिति बनी रही।
राजमोहनी देवी भवन में होना था आयोजन, प्रशासन ने नहीं दी थी अनुमति
राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के कार्यक्रम का पिछले कई दिनों से विरोध चल रहा था। पहले यह कार्यक्रम अंबिकापुर के माता राजमोहिनी देवी भवन में प्रस्तावित किया गया था। इसके विरोध में पद्मश्री माता राजमोहिनी देवी के अनुयायी उतर आए थे।
माता राजमोहिनी के अनुयायियों ने अंबिकापुर कलेक्टोरेट पहुंचकर कार्यक्रम का आयोजन राजमोहिनी देवी भवन में किए जाने का विरोध किया था। उनका कहना था कि माता राजमोहिनी देवी मतांतरण के विरोध में रहती थी। उनके नामकरण वाले भवन में ऐसा आयोजन माता राजमोहिनी का अपमान है। प्रशासन ने अन्य शासकीय आयोजन होने का हवाला देते हुए स्थल देने से मना कर दिया था।
रजवार भवन धर्मशाला में रहकर बच्चे पढ़ाई करते हैं। इन्हीं को बोला गया था कि कुछ लोगों का कार्यक्रम प्रांगण में आयोजित करना है। बाद में यहां भारी भीड़ जमा हो गई थी, तब हमें सूचना दी गई कि झूठ बोलकर धर्म विशेष का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। हमने जब आपत्ति की तो हमारे साथ धक्कामुक्की की गई। अभद्र व्यवहार किया गया।
मनोज राजवाड़े
प्रवक्ता, रजवार समाज सरगुजा
कार्यक्रम चोरी – छिपे आयोजित नहीं किया जा रहा था। यदि हमारा कार्यक्रम गैर कानूनी था तो हमारे विरुद्ध एफआइआर किया जा सकता था। हमें हिरासत में लिया जा सकता था। संविधान के दायरे में रहकर हम कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे। भाजपा व आरएसएस के इशारे पर कार्यक्रम बाधित किया गया। हरियाणा में भी ऐसा ही किया गया था। इस घटना के विरोध में 29 तारीख को हम छत्तीसगढ़ बंद करेंगे।
डा विलास खरात
प्रभारी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा व राष्ट्रीय महासचिव भारत मुक्ति मोर्चा