@अबूझमाडिय़ा जनजाति की लोककला को सहेजने वाले बुटलूराम माथरा के साथ 36 लोगों को मिलेगा राज्य अलंकरण…
@ उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ करेंगे 36 विभूतियों को सम्मानित…
रायपुर,05 नवम्बर 2024 (ए)। प्रदेश के मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज राज्य अलंकरण पुरस्कार 2024 की घोषणा कर दी है। इस सम्मान के लिए राज्य सरकार ने 36 हस्तियों के नामों की सूची जारी कर दी है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हाथों इन सभी लोगों को सम्मानित किया जाएग। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्पेशल प्रोग्राम मन की बात में प्रदेश के बुटलूराम का जिक्र किया गया था। अब प्रदेश सरकार बुटलूराम को शहीद वीर नारायण सम्मान से सम्मानित करेगी। बुटलूराम माथरा नारायणपुर जिले से आते है जो अबूझमाडिय़ा जनजाति की लोक कला को संरक्षित सहेज कर रखने में अपना योगदान दे रहे हैं। वहीं बुटलूराम अपनी कला के माध्यम से आदिवासी क्षेत्र में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं, स्वच्छ भारत जैसे अभियानों में इसका उपयोग करते हैं। जिससे जनजाग्रति और लोगों को संस्कृतिक धरोहर के बारे में जानकारी मिलती है। उनकी कृतियों में बांस की सजावट, बर्तन और अन्य यांत्रिक उपकरण शामिल हैं, जो न केवल सुंदरता में वृद्धि करते हैं बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। बुटलूराम का मानना है कि कला समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है और इससे आने वाली पीढिय़ों को प्रेरित किया जा सकता है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने आज एक प्रेसवार्ता में इन अलंकरणों की घोषणा की।
इनका होगा सम्मानः-
म् शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति सम्मान बुटलू राम माथरा
म् यति यतनलाल सम्मान-मनोहर गौशाला, खैरागढ़
म् गुण्डाधुर सम्मान सुछोटी मेहरा
म् मिनीमाता सम्मान-सतनामी महिला जागृति समिति
म् गुरु घासीदास सम्मान- राजेंद्र रंगीला (राजेन्द्र गिलहरे)
म् ठाकुर प्यारेलाल सिंह पुरस्कार-शशिकान्त द्विवेदी
म् महाराजा प्रवीरवद भंजदेय सम्मन-विकास कुमार
म् पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान अखिल भारतीय वनवासी कल्याण
आश्रम
म् प. सुन्दरलाल शर्मा सम्मान-डॉ. सत्यभामा आडिल
म् चक्रधर सम्मान पं. सुधाकर रामभाऊ शेवलीकर मिलाई
म् दाऊ मंदराजी सम्मान पंडीराम मंडावी
म् डी. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार शिवकुमार चंद्रवंशी
म् महाराजा अग्रसेन सम्मान खेमराज पटेल
म् चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल पत्रकारिता पुरस्कार-भोला राम सिन्हा
म् चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल पत्रकारिता पुरस्कार मोहन तिवारी
म् मधुकर खेर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार-मुकेश एस सिंह
म् दानवीर भामाशाह सम्मान-सुभाष चंद अग्रवाल
म् धन्वन्तरि सम्मान- डॉ. मनोहर लाल लहेजा
म् श्रीमती बिलासादेवी केंवट मत्स्य विकास पुरस्कार- विनोद दास
म् डॉ. भंवरसिंह पोते आदिवासी सम्मान सेवा छत्तीसगढ़ आदिवासी
कल्याण संस्थान
म् स्वर्गीय महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव स्मृति श्रम पुरस्कार
म् सुरेन्द्र कुमार राठौर, शोभा सिंह, ललित कुमार नायक
म् प. लखनलाल मिश्र सम्मान रामनरेयश यादव
म् छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान आनंद कुमार पांडे
म् देवदास बाज़ारे मेमोरियल पुरस्कार-भगत गुलेरी
म् किशोर साहू सम्मान- प्रकाश अवस्थी
म् देवदास बाज़ार मेमोरियल पंथी नृत्य पुरस्कार साधेलाल रात्रे
म् लक्ष्मण मस्तुरिवा सम्मान- श्रीमती निर्मला ठाकुर (बेलचंदन)
म् खुमान साय सम्मान दुष्यंत कुमार हरमुख
म् लाला जगदलपुरी साहित्य पुरस्कार डॉ. पीसी लाल यादव गंडई
म् किशोर साहू राष्ट्रीय अलंकरण- सतीश जैन
म् बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल सम्मान सुरेन्द्र तिवारी, प्रकाश चंद्र पंत, म् वीरांगना रानी अवंतिबाई पुरस्कार-लोधी स्मृति,
म् श्रीमती अदिती कश्यप, माता बहादुर कलारिन सम्मान- कुमारी
म् चित्ररेखा सिन्हा, पं. माधव राय सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता
म् अतुल जैन, स्व. बिसाहूदास महत सर्वश्रेष्ठ बुनकर पुरस्कार
म् पन्नालाल देवांगन, बहोरी लाल देवांगन, राजराजेश्वरी करुणामाता म् हाथकरघा प्रोत्साहन पुरस्कार-सत्यनारायण देवांगन, अरूण मेहर।
राज्योत्सव समारोह में शामिल हुए राज्यपाल रमेन डेका और सीएम साय
राज्योत्सव 2024 के तहत मंगलवार पांच नवंबर को नवा रायपुर में आयोजित कार्यक्रमों एवं सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ राज्यपाल रमेन डेका ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की। राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का राज्योत्सव मेला स्थल में आगमन हो चुका। मंच में आगमन से पहले विभागीय योजनाओं की प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे राज्यपाल रमेन डेका, और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी शामिल हुए है।
मुख्यमंत्री साय ने मांदर बजाकर वादकों का उत्साह बढ़ाया,परंपरागत वाद्ययंत्रों को सुना
छत्तीसगढ की संस्कृति को संजोकर रखने और उनका प्रचार प्रसार करने के लिए छत्तीसगढ के वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी भी राज्योत्सव में लगाई है। कलाकार श्री रिखी क्षत्रीय ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को मांदर भेंट किया, मुख्यमंत्री ने वादकों के साथ मांदर बजाकर उनका उत्साह वर्धन किया।श्री रिखी क्षत्रीय ने मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ के वाद्ययंत्रों सारंगी, नगाड़ा, मृदुल,चिकारा, कोंडोडका, खनखना, कुतुर्गी, खेती, मुंडाबाजा, हुलकी, मोहरी, तुर्रा, रुंजू, तुरही, मांदरी मांदर, तोड़ी, चरहे, तम्बुरा, बांसबाजा, सींगबाजा, गतका, माडिया ढोल, दमउ, खर्रा, चरहे, चटका, झंडी डंडा, खल्लर, छडी, कोटेला, खडका , सिलफिली, खरताल, अलगोजा, गुदुम बाजा, झुनझुना, डफरा, टिमकी की जानकारी दी । छत्तीसगढ की परम्परागत वाद्ययंत्रों का उपयोग किए जाने और उसकी उपयोगिता से भी परिचित कराया।