कोर्ट के आदेश को दर किनार कर अपनी मर्जी चला रहे हैं सरगुजा राजस्व विभाग….
पीडि़त ने कहा सरगुजा कलेक्टर परिसर में आत्मदाह करुंगा….
अम्बिकापुर,04 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। अम्बिकापुर में राजस्व विभाग के अधिकारियों के कार्यप्रणाली से हर कोई वाकिफ हैं.आदेश होने के बाद भी लेन-देन व राजनीतिक रसूख के बगैर यहां कोई भी कार्य हो जाएं संभव नहीं होता है लेकिन अब तहसील कार्यालय के अधिकारियों के द्वारा अब अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश को भी मानने से इंकार करने का मामला सामने आया है। राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों के इस गैरजिम्मेदाराना रवैया से एक गरीब ग्रामीण युवक और उसकी मां को दर दर भटकना पड़ रहा है।
दरअसल अम्बिकापुर के रहने वाले अविनाश राजवाड़े का कहना है कि उनके पिता नरेंद्र राजवाड़े की मौत के बाद उनके स्वामित्व की भूमि पर उसका भी नाम चढ़ना था लेकिन उनके परिजनों के द्वारा उनके पिता की भूमि के खाते में उसका नाम चढ़ने नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण अविनाश ने इस मामले को एसडीएम कोर्ट में चुनौती दिया जहां उसके कह में फैसला सुनाया गया और तहसीलदार अम्बिकापुर को उनके पिता की स्वामित्व की भूमि में अविनाश का भी नाम चढ़ाएं जाने का आदेश दिया गया। लेकिन इस बीच अविनाश के विरोधियों के द्वारा एसडीएम के फैसले को सरगुजा कमिश्नर कोर्ट में चुनौती दिया गया। जहां भी अविनाश के पक्ष में सरगुजा कमिश्नर कोर्ट ने 16 जुलाई 2024 को फैसला सुनाया। अविनाश का कहना है कि इस बीच छाीसगढ़ राजस्व बोर्ड में भी उसके ही पक्ष में फैसला दिया गया है। इसके बावजूद आज तक तहसीलदार अम्बिकापुर व श्रीगढ की पटवारी उसका नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं कर रहे हैं। अविनाश ने बताया कि वह दो सप्ताह पूर्व भी कलेक्टर सरगुजा के जनसुनवाई में भी इस मामले की शिकायत की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जहां कलेक्टर सरगुजा के द्वारा एसडीएम अम्बिकापुर को तत्काल कार्रवाई करने हेतु उनका आवेदन फार्वड किया गया था। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई अंततः उसने इस मामले में कार्रवाई के लिए सरगुजा संभाग कमिश्नर कार्यालय का दरवाजा खटखटाया गया जहां कमिश्नर सरगुजा के 25 अक्टूबर को कलेक्टर सरगुजा को सात दिनों के भीतर कार्रवाई करते हुए उन्हें सूचित करने का पत्र जारी किया गया था। लेकर फिर भी आज दिनांक तक तहसीलदार अम्बिकापुर कोई भी कार्रवाई नहीं किया गया है।
तो आत्मदाह कर लूंगा…
पीडि़त अविनाश राजवाड़े का कहना है कि पिछले चार वर्षों से वह राजस्व विभाग का चक्कर काट रहा है। सभी राजस्व कोर्ट का आदेश उसके पक्ष में आने के बाद भी तहसीलदार अम्बिकापुर के द्वारा कार्रवाई करने को लेकर उसे परेशान किया जा रहा है ऐसे में वह अब कलेक्टर कार्यालय में ही आत्मदाह करेगा जिसका जिम्मेदार राजस्व विभाग होगा। अविनाश का कहा कि उसके परिवार में मात्र वह और उसकी बेवा मां है ऐसे में शहर के भूमाफिया के द्वारा राजस्व अधिकारियों को पैसा देकर राजस्व कोर्ट के फैसले पर अमल नहीं करने दिया जा रहा है।
रिकार्ड दूरूस्त करने की
कार्यवाही की जा रही है….
वही इस मामले में अम्बिकापुर तहसीलदार उमेश बाज का कहना है कि कमिश्नर कोर्ट से आदेश के बाद 45 दिनों तक का स्टे होने का कारण रिकार्ड दूरूस्त नहीं हो सका लेकिन अब प्रक्रिया के तहत रिकार्ड दूरूस्त किया जा रहा है। उन्होंने ने बताया कि जल्द ही अविनाश राजवाड़े का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज कर लिया जाएगा।