- कार्यवाही सुबह से शाम तक चली पर पर जेसीबी व बुलडोजर की दौड़ अशोक कबाड़ी के हत्यारे कुलदीप के घर तक नहीं पहुंची?
- सोशल मीडिया पर कार्यवाही की सराहना से लेकर आलोचना तक हुई
- देर शाम तक यह बात हो रही थी कि सभी टूट जाएगा पर कार्यवाही खत्म होते तक हत्यारे कुलदीप के घर तक जेसीबी का बकेट नहीं पहुंचा
- सभी का कहना था हत्या करने वाला अशोक कबाड़ी का बेटा कुलदीप था पर टूटा हत्यारे के चाचा का
- केवल बाउंड्री ही अवैध अतिक्रमण है या मकान भी ध्वस्त करना है ऐसा लिखा गया सोशल मीडिया में: जयंत सिंह केराम
- युवा जो नशे में लिप्त होकर अपराधों को अंजाम दे रहा था आज उसके कर्मों की सजा पूरे परिवार को भोगनी पड़ी:दीपक कर
-समरोज खान-
सूरजपुर,03 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। ड्यूटी पर तयनात सूरजपुर के प्रधान आरक्षक की पत्नी व बच्ची के दोहरा हत्याकांड मामला हमेशा ही याद रहने वाला मामला बन गया है, इस मामले में आरोपी के प्रति किसी की भी सहानुभूति नहीं है, सहानुभूति इस समय किसी के प्रति है तो वह प्रधान आरक्षक की पत्नी व बच्चों के मौत को लेकर है, अभी तक जो विवेचना वह कार्रवाई हो रही है वह प्रधान आरक्षक की पत्नी व बच्चों की न्याय के दिशा में हो रही है, इसी बीच कुछ ऐसी भी प्रशासनिक कार्रवाई हुई जो शायद नहीं होती पर इस समय इसलिए हो रही है क्योंकि एक तो कुख्यात आरोपी है, ऊपर से उसका अवैध कब्जा था और अवैध कब्जे के विरुद्ध प्रशासन ने भी कार्यवाही शुरू करती है, अभी तक कई ठिकानों पर कबड्डी के अवैध कब्जे को हटाया गया है, इस कब्जा हटाए जाने के मामले में यदि सबसे अधिक किसी का नुकसान हुआ है तो वह कुख्यात आरोपी कुलदीप के चाचा संजय कबाड़ी को हुआ, क्योंकि उसका अवैध कब्जा ज्यादा था जिसे हटा दिया गया, इसके बाद यह बात होने लगी की करें कोई भरे कोई, पूरा कृत तो कुलदीप ने किया और उसकी सजा अब सबको मिल रही है। पर अभी तक कुलदीप के घर पर जेसीबी नहीं पहुंच सका, पर अब वन विभाग की जेसीबी कुलदीप के घर तक पहुंच सकती है वन विभाग ने नोटिस चस्पा कर कब्जा खाली करने को कहा है, कब्जा नहीं हटाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी,बताया जा रहा है कि सूरजपुर के कब्रिस्तान मोहल्ले में वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर घर बनाया गया था जहां पर कुलदीप के नशेड़ी साथियों का जमावड़ा हुआ करता था, सारे करतूत वहीं से होते थे अब उसे घर को तोड़ने के लिए कार्यालय वनमंडलधिकारी सूरजपुर के द्वारा 29 अक्टूबर को नोटिस जारी कर 7 दिवस के भीतर खाली करने को कहा है 7 दिवस के बाद नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अब वन विभाग का चलेगा जेसीबी कुख्यात आरोपी कुलदीप के घर पर…
जिला प्रशासन के बाद अब वन विभाग अपने जमीन से कब्जा हटाने के लिए सात दिवस के बाद कुलदीप के पिता के अवैध जमीन पर बने घर को तोड़ने पहुंचेगी जिसके लिए सारी तैयारी कर ली गई है आरोपी के पिता को इसकी नोटिस जारी हो गई है जो उसके अवैध घर के सामने चश्मा भी कर दिया गया है जिसे सात दिवस के भीतर कार्यवाही कर तोड़ा जाएगा।
जैसे बनाई गई थी संपत्ति अब वैसे ही खत्म हो रही है…
जैसे अवैध कमाई कर संपçा अर्जित की गई थी अब वैसे ही संपत्ती जो अवैध थी भी जिसे अब खत्म करने की कार्यवाही प्रशासन द्वारा की जा रही है, अवैध कारोबार के दम पर खूब अवैध संपत्ती अर्जित कर ली गई थी, अवैध तरीके से जमीन पर कजा करके घर गोदाम बना लिए गए थे, जिससे अब तोड़कर प्रशासन नस्तेनाबुत कर रही है। जिस रास्ते कमाई की गई थी उसी रास्ते अब सारी कमाई पर ग्रहण लग गय, इसीलिए कहा जाता है कि ईमानदारी से कमाया गया धन रहता है, बैमानी से कमाया गया धन कभी भी आपके साथ नहीं रहता अब अवैध तरीके से कमाया गया धन जिंदा रहते ही नस्ट हो रहा है।
नगर पालिका अध्यक्ष क्या अब मृतक बेटी के नाम बनाएंगे पार्क?
सूरजपुर नगरपालिका अध्यक्ष ने मंच से घोषणा की थी कि प्रशासन यदि अवैध अतिक्रमण हटाकर उन्हें जमीन खाली करा कर देता है तो वह मृतक बेटी के नाम एक सुंदर सा पार्क बनाएंगे और अतिक्रमण हटा दिया गया है क्या अब नगर पालिका अध्यक्ष वहां पर पार्क बनाएंगे।
गोदामो को नही बल्कि पूरे घरों पर प्रशासन का बुलडोजर चलना चाहिए…
दीपक सोशल मिडिया पर लिखा की जिला प्रशासन नगर पालिका की शानदार कार्यवाही…सुरजपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी कबाड़ी के अवैध ठिकानों पर चला प्रशासन का बुलडोजर…आज के वो युवा जो नशे में लिप्त होकर अपराधो को अंजाम दे रहे है उन्हें अपराध करने से पहले अपने परिवार के विषय मे सोचना चाहिए, अन्यथा उनके कुकर्मो की सजा पूरा परिवार भोगेगा…प्रशासन से मांग है कि सिर्फ गोदामो को नही बल्कि पूरे घरों पर प्रशासन का बुलडोजर चलना चाहिए।
केवल बाउंड्रीवाल ही अवैध अतिक्रमण है या मकान भी ध्वस्त करना है?
जयनाथ सिंह केराम सोशल मिडिया पर लिखा की केवल बाउंड्रीवाल ही अवैध अतिक्रमण है या मकान भी ध्वस्त करना है? सूरजपुर जिले के दोहरे हत्याकांड के मुख्यआरोपी के अवैध अतिक्रमण को हटाने की प्रशासनिक कार्यवाही निश्चित ही सराहनीय एवं जनमानस के मंशानुरूप तथा विधिक कार्यवाही है किंतु प्रशासनिक अमले के द्वारा केवल बाउंड्रीवाल को तोड़कर अतिक्रमण की कार्यवाही इतिश्री कर लेना, कई सवालों को जन्म देता है। क्या आरोपियों के मकान/बिल्डिंग को बचाने के लिए भी कोई ‘खेला’ हो सकता है?