- कोरिया की अपर कलेक्टर अंकिता सोम जिले में व्यतीत कर चुकीं हैं लंबा समय, अब वह जिले से जाना चाह रही बाहर,नहीं मिल पा रही उन्हें इस काम में सफलता
- यदि तबादला सूची में नाम आता है तो कौन सा महत्वपूर्ण पद मिलता है यह भी होगी देखने वाली बात
- वैसे अच्छी जगह जाने के लिए अंकिता सोम हैं प्रयासरत…उनकी उम्मीद मुताबिक हो पाता है या नहीं उनका तबादला,यह तो अब अगली तबादला सूची बतलाएगी
-रवि सिंह-
बैकुंठपुर,01 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में लंबे समय से पदस्थ साथ ही राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी वर्तमान में अपर कलेक्टर अंकिता सोम फिलहाल निराश चल रही हैं और यह निराशा उन्हें तबादला सूची में उनका नाम उन्हें नहीं नजर आने पर हो रही है ऐसा बतलाया जा रहा है।
बतला दें की अंकिता सोम जो राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं और जो कोरिया जिले में लंबे समय से पदस्थ हैं वहीं बैकुंठपुर की अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भी जो रह चुकी हैं और वर्तमान में जो अपर कलेक्टर का प्रभार सम्हाल रही हैं वह हाल ही में जारी हुई दो तबादला सूची में अपना नाम न पाकर निराश हैं जो तबादला सूची राज्य शासन से जारी हुई है।अंकिता सोम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पद से अपर कलेक्टर कोरिया बनाए जाने के बाद से ही तबादला चाहती हैं ऐसा इसलिए क्योंकि वह प्रमुख पदों पर ही कार्य करना चाहती हैं कार्यालय तक सिमटे पदों पर कार्य करने की उनकी ईक्षा नहीं है। अंकिता सोम किसी मंत्री की ओएसडी या जिला बदले जाने का इंतजार अपने लिए कर रही थीं जिससे उन्हें पुनः प्रमुख पद मिल सके लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है और दो जारी तबादला सूची से नाम उनका गायब रहा। राज्य शासन से जारी दो-दो तबादला सूची में कई राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को नई पदस्थापना मिली लेकिन अंकिता सोम बच गईं,उनका नंबर नहीं लगा। बताया तो यह भी जाता है कि उनकी मंशा एक महिला मंत्री का ओएसडी बनने की भी थी और उसमें भी वह असफल साबित हुईं या यह कहें कि वहां उनका नंबर नहीं लग सका। बैकुंठपुर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रहते हुए उन्होंने काफी सुर्खियां भी बटोरीं और भूमाफियों की तब बल्ले बल्ले रही यह भी तब सुनाई देता था। अब तबादला क्यों नहीं हुआ और दो दो सूची में कैसे अपना नाम शामिल करा पाने में चुक गईं वह यह आश्चर्य की बात है उनके लिए क्योंकि उन्होंने काफी प्रयास किया था जाने के लिए जो बताया जा रहा है। वैसे कोरिया जिले में अधिकारी रहना भी नहीं चाह रहे हैं क्योंकि यह ऐसा जिला हो चुका है जहां अब क्षेत्रफल के हिसाब से इतना क्षेत्र ही नहीं बचा जिससे अधिकारी वर्ग को कुछ अपने हिसाब से काम मिल सके। देखा जाए तो यह जिला अब अधिकारियों के लिए दण्ड काल अवधी काटने की जगह बन गई है और जिसे भी दंड देना है उसे इस जिले में भेज दिया जाता है।