नई दिल्ली@ एलएसी से पीछे हटी भारत-चीन की सेना

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@ दीवाली पर दोनों सेनाएं एक दूसरे का मुंह मीठा भी कराएंगी…
@ सैनिकों की वापसी व्यवस्थित तरीके से हो रही है:चीनी विदेश मंत्रालय…
@ डेमचोक-देपसांग से पीछे हटे भारत-चीन के सैनिक
नई दिल्ली,30 अक्टूबर 2024 (ए)।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर डेमचोक और देपसांग में भारत और चीनी सेना के सैनिक पूरी तरह पीछे हट गए हैं। पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही दीपावली पर दोनों देशों की सेनाओं द्वारा पैट्रोलिंग का रास्ता साफ हो गया है।रक्षा सूत्रों ने बताया कि अब दोनों सेनाएं इन क्षेत्रों में मौजूदगी खत्म होने के साथ अस्थायी निर्माण नष्ट किए जाने की भौतिक रूप से और ड्रोन के जरिये जांच-पड़ताल कर रही हैं। देपसांग के मैदान और डेमचोक में अस्थायी निर्माण को हटाए जाने का काम लगभग पूरा हो गया है।
इसके साथ ही दोनों पक्षों की ओर से एक निर्धारित स्तर का सत्यापन किया जा चुका है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत वहां तैनात दोनों सेनाएं पीछे हटकर अपने निर्धारित स्थान पर चली गई हैं। अब 10 से 15 सैनिकों की टुकड़ी यहां पर गश्त करेगी और अप्रैल 2020 से पूर्व की स्थिति बहाल हो जाएगी।
साढ़े चार वर्षों से चल रहा था टकराव
करीब साढ़े चार वर्षों से यहां पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई थी, जो आखिरकार मंगलवार को खत्म हो गई। इसके साथ ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 अक्टूबर को दोनों स्थानों से सेनाओं को पीछे करने और वहां मौजूद अस्थायी निर्माण, शिविर आदि को हटाने का काम खत्म हो गया।
भारत-चीन बॉर्डर पर कैसे पीछे हटीं सेनाएं
भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद पिछले दिनों एक समझौता हुआ है। दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी।
18 अक्टूबर :देपसांग और डेमचोक से पीछे हटने की जानकारी सामने आई थी। इसमें बताया गया था कि यहां से दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौटेंगी। साथ ही उन्हीं क्षेत्रों में गश्त करेंगी, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग होती रहेगी।
2020 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान झड़प के बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। करीब 4 साल बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि इसका मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प रोकना और पहले जैसे हालात बनाना है।
25 अक्टूबरः भारत और चीन की सेनाएं शुक्रवार, 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटा लिए हैं। गाडि़यां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जाए जा रहे हैं।
आर्मी के सूत्रों के मुताबिक 28 और 29 अक्टूबर तक दोनों देश देपसांग और डेमचोक से अपनी-अपनी सेनाएं पूरी तरह हटा लेंगे। पेट्रोलिंग के लिए सीमित सैनिकों की संख्या तय की गई है। ये संख्या कितनी है, इसकी अभी जानकारी सामने नहीं आई है।
मोदी ने दिया था खास मैसेज
गौरतलब है कि बीते 21 अक्टूबर को हुए समझौते के बाद ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि भारत और चीन के संबंधों का महत्व केवल हमारे लोगों के लिए ही नहीं है। वैश्विक शांति व स्थिरता के लिए भी हमारे संबंध अहम हैं। सीमा पर पिछले चार वर्षों में उत्पन्न हुए मुद्दों पर बनी सहमति का स्वागत है। सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।


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